1996 वर्ल्ड कप का वो काला दिन जब भारत की हार देख दशर्कों ने स्टेडियम में लगा दी आग

punjabkesari.in Tuesday, Mar 13, 2018 - 08:03 PM (IST)

स्पोर्ट्स डेस्क(राहुल): क्रिकेट को लोग अनिश्चितताओं का खेल कहते हैं। मैच के काैन से पल में क्या हो जाए कहा नहीं जाता आैर इसीलिए इसे जेंटलमैन गेम कहा जाता है। लेकिन कई बार मैदान में ऐसी घटनाएं घट जाती हैं, जिसके कारण इस जेंटलमैन गेम को शर्मसार होना पड़ता है। आज ही के दिन यानी 13 मार्च को एक ऐसी घटना देखने को मिली थी जिसने भारतीय क्रिकेट को शर्मसार करके रख दिया था। इस दिन भारत-श्रीलंका के बीच 1996 वर्ल्ड कप का सेमीफाइनल मुकाबला खेला गया था, जिसमें दर्शकों ने खूब हंगामा खड़ा किया था। 


दर्शकों ने क्यों किया हंगामा?
भारत-श्रीलंका के बीच यह सेमीफाइनल मुकाबला कोलकाता के ईडन गार्डन में हुआ। मोहम्मद अजहरुद्दीन की कप्तानी में भारत ने टाॅस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का निर्णय लिया। श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत के सामने 8 विकेट पर 252 रनों का लक्ष्य रखा। फैंस को उम्मीदें थीं कि 1983 वर्ल्ड कप का खिताब जीतने वाली भारतीय टीम श्रीलंका को हराएगी आैर फिर से फाइनल में पहुंचकर खिताब जीतेगी, लेकिन सब इसके उलट हुआ। 252 रनों का लक्ष्य करने उतरी भारतीय टीम ने पहला विकेट टीम के 8 स्कोर पर नवजोत सिद्धू के रूप में गिरा। उसके बाद सचिन तेंदुलकर आैर संजय मांजरेकर ने टीम का स्कोर आगे बढ़ाया, लेकिन जैसे ही सचिन 65 रन बनाकर आउट हुए उसके बाद भारतीय टीम ताश के पत्तों की तरह बिखरने लगी। टीम का स्‍कोर 120 रन पर 8 विकेट हो गया। ऐसे में दर्शकों को लगा कि अब भारत का यह मैच जीत पाना मुश्‍किल है। गुस्साए दर्शकों ने स्‍टेडियम में बवाल करना शुरु कर दिया आैर मैदान पर बोतलें फेंकना शुरू कर दीं, जिसके कारण तुरंत मैच को रोकना पड़ा। 

स्टेडियम में लगा दी थी आग
हद तो तब हो गई थी, जब दर्शकों ने स्टेडियम में आग लगा दी। कुछ दर्शकों ने सीटों को आग के हवाले कर दिया। इस घटना के बाद भारतीय क्रिकेट को बदनामी सहनी पड़ी आैर क्रिकेट जगत में इसकी आलोचना होने लगी।


अंपायर ने श्रीलंका को किया विजेता घोषित
हंगामा ज्यादा बढ़ता देख मैच रेफरी ने खेल को वहां ही रोक दिया आैर कुछ ही मिनटों में श्रीलंका को विजेता घोषित कर दिया। इसी के साथ भारतीय टीम फाइनल में प्रवेश करने से चूक गई, वहीं श्रीलंका ने फाइनल में आॅस्ट्रेलिया को हराकर पहली बार वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम कर लिया। हार से निराश पूरी भारतीय टीम मैदान पर फूट-फूट कर रोने लगी। दुख विनोद कांबली को भी लगा था क्योंकि उन्होंने उस समय कम उम्र में वर्ल्ड कप खेलने का अपना सपना पूरा किया था। कांबली 10 रनों पर नाबाद थे, उन्हें तभी भी जीत की उम्मीद थी। लेकिन दर्शकों के विवाद ने उनके सपनों पर पानी फेर दिया।