भारतीय महिला खिलाड़ियों ने विश्व कप का सपना टूटने पर कहा, सब कुछ तबाह हो गया

punjabkesari.in Monday, Jan 24, 2022 - 05:16 PM (IST)

नई दिल्ली : साधारण पृष्ठभूमि से आने वाली भारतीय महिला फुटबॉल खिलाड़ियों का जीवन पिछले एक वर्ष के दौरान एएफसी एशियाई कप में खेलने और फीफा विश्व कप में जगह बनाने के सपने के इर्द गिर्द घूम रहा था लेकिन कोविड-19 ने एकदम से उनके सारे अरमानों पर पानी फेर दिया। 

कप्तान आशालता देवी से लेकर टीम में सबसे कम उम्र की खिलाड़ी हेमम शिल्की देवी तक सभी के लिए एशियाई कप जीवन का सबसे महत्वपूर्ण अवसर था जिसके क्वार्टर फाइनल में पहुंचने से उनकी विश्व कप के लिए क्वालीफाई करने की उम्मीद भी बढ़ जाती। यदि विश्व कप में जगह नहीं मिलती तो वे अंतरमहाद्वीपीय प्लेऑफ में खेलते और यह भी भारतीय फुटबॉल के लिये ऐतिहासिक क्षण होता। लेकिन 12 खिलाड़ियों के वायरस से संक्रमित पाये जाने के कारण चीनी ताइपै के खिलाफ मैच रद्द करना पड़ा जिसके बाद सारे अगर-मगर भी समाप्त हो गए।

एशियाई फुटबॉल परिसंघ ने सोमवार को पुष्टि की कि भारत को इस महाद्वीपीय टूर्नामेंट से हट गया मान लिया गया है। सीनियर खिलाड़ी और गोलकीपर अदिति चौहान ने कहा कि सब कुछ तबाह हो गया। एक अन्य खिलाड़ी ने कहा कि पिछले एक साल से हमारी जिंदगी एशियाई कप के इर्द गिर्द घूम रही थी। हमारा एकमात्र लक्ष्य के क्वार्टर फाइनल में जगह बनाना और विश्व कप के लिए क्वालीफाई करने की उम्मीदें बढ़ाना था। 

उन्होंने कहा कि हम इस समय बेहद दुखी और निराश हैं। लेकिन यह दुनिया का अंत नहीं है और उम्मीद है कि अगर हम अच्छा प्रदर्शन करते रहे तो हमें भविष्य में इसे हासिल करने के मौके मिलेंगे। यही सोचकर हम स्वयं को सांत्वना दे रहे हैं। कई खिलाड़ियों ने परिवार और समाज के विरोध के बावजूद इस खेल को अपनाया था। इनमें कप्तान आशालता भी शामिल थी जिन्हें अपने परिवार का विरोध झेलना पड़ा था। 

शिल्की के साथ भी ऐसा ही मामला था जो 16 साल की हैं और टूर्नामेंट की सबसे युवा खिलाड़ी हैं। किसी भी खिलाड़ी को अनुमति लिये बिना मीडिया से बात नहीं करने के लिए कहा गया है और यह भी पता चला है कि उन्हें होटल के अपने कमरों में ही रहने को कहा गया है और यहां तक वे एक दूसरे से मिल भी नहीं सकते हैं। 

अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि कोई भी जैव सुरक्षित वातावरण (बायो बबल) पूर्ण सुरक्षित नहीं है। कुछ अधिकारियों का मानना है कि टूर्नामेंट दो या तीन महीने के लिये स्थगित किया जाना चाहिए। तब तक भारत में महामारी की तीसरी लहर कमजोर पड़ जाएगी। एआईएफएफ के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि जहां तक सुरक्षा का सवाल है तो महासंघ ने अपनी तरफ से सभी संभव प्रयास किये थे। उन्होंने कहा कि ये खिलाड़ी ऐसी नहीं हैं जो निर्देशों का पालन नहीं करें। उन्होंने शुरू से प्रोटोकॉल का पालन किया। लेकिन किसी तरह से कोविड-19 बायो बबल में आ गया। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। 

Content Writer

Raj chaurasiya