जुड़वा बहनों से प्रेरित होकर लवलिना ने किक बॉक्सिंग की शुरुआत की, जानें उनकी जिंदगी के बारे में

punjabkesari.in Friday, Jul 30, 2021 - 03:30 PM (IST)

स्पोर्ट्स डेस्क : भारत की बॉक्सर लवलिना ने क्वार्टर फाइनल में 69 किग्रा वेट में अपना मुकाबला जीतकर ओलिंपिक में अपना मेडल पक्का किया। असम के गोलाघाट जिले की रहने वाली लवलिना ओलिंपिक में भाग लेने वाली असम की पहली महिला खिलाड़ी हैं। लवलिना बॉक्सिंग में आने से पहले किक बॉक्सिंग करती थीं। वे किक बॉक्सिंग में नेशनल लेवल पर मेडल जीत चुकी हैं।

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जीत  की जीत  की बधाई  दे रहे है सोशल मीडिया पर 
मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा अपने ऑफिशल Koo हैंडल से लिखते हैं: लोवलिना , हम हमेशा से जानते थे की तुम हमें और हमारे देश का नाम Tokyo Olympics  में रोशन करोगी | इस  जीत के लिए बहुत- बहुत  बधाईयां और आशा यही  करते है आगे भी ऐसा ही प्रदर्शन करोगी। वरिष्ठ नेता सरबंदा सोनवाल  Koo ऑफिशल हैंडल से लिखते है:  लोवलिना ने कर दिखाया! और अब मैडल  के साथ सेमी-फाइनल्स में जगह हुई पक्की! लग रहा है जैसे की एक सपने को जी रहा हूँ मैं | हमारी तरफ से लोवलिना को ढेरो शुभकामनाएं 

कल मैरी  कॉम  के ओलंपिक्स  से बाहर जाने  के बाद  देश के लोगों की उम्मीद सिर्फ लोवलिना से थी और लोवलिना ने आज अपने हुनर को साबित  कर देश का मैडल पक्का कर दिया है | साथ ही साथ कल मैरीकॉम के निराशाजनक  खबर से पूर्व  खेल मंत्री किरन रिजीजू  ने भी एक इमोशनल पोस्ट Koo  पर शेयर किया था जिसमें उन्होंने Koo लिखा था “प्रिय मैरीकॉम, आप टोक्‍यो ओलंपिक में महज एक प्‍वाइंट से हार गई हो लेकिन मेरे लिए आप हमेशा से ही चैंपियन रहोगी. आपने जो पाया है वो दुनिया की कोई भी महिला बॉक्‍सर नहीं पा सकी है. आप एक लीजेंड हो. भारत को आपके उपर गर्व है. बॉक्सिंग और ओलंपिक आपको मिस करेगा.”  

लवलिना ने अपनी जुड़वा बहनों लीचा और लीमा को देखकर किक बॉक्सिंग करना शुरू किया था। स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (साई) के असम रीजनल सेंटर में सिलेक्शन होने के बाद वे बॉक्सिंग की ट्रेनिंग लेने लगी थीं। उनकी दोनों बहनें भी किक बॉक्सिंग में नेशनल स्तर पर मेडल जीत चुकी हैं। लवलिना को बचपन में काफी संघर्ष करना पड़ा। उनके पिता टिकेन बोरगोहेन की छोटी सी दुकान थी। शुरुआती दौर में लवलिना के पास ट्रैकसूट तक नहीं था। इक्विपमेंट और डाइट के लिए संघर्ष करना पड़ता था।

मां के सपने को पूरा करना चाहती हैं लवलिना
लवलिना ने एक इंटरव्यू में कहा था, 'हम तीन बहनें हैं। सब लोग यही कहते थे कि लड़कियां कुछ नहीं कर पाएंगी, लेकिन मेरी मां ममोनी बोरगोहेन हमेशा कहती हैं कि कुछ ऐसा करना है, जिससे आपको लोग याद रखें।' लवलिना अपनी मां के इस कथन को पूरा करने के लिए एक कदम बढ़ा चुकी हैं। वे असम की पहली महिला खिलाड़ी हैं, जो ओलिंपिक में देश का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। इन्हें अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है।

मोहम्मद अली से प्रभावित होकर बॉक्सिंग शुरू की
लवलिना ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्होंने मोहम्मद अली से प्रभावित होकर बॉक्सिंग करना शुरू किया था। उनके पापा टिकेन बोरगोहेन एक बार बाजार से अखबार में लपेट कर मिठाई लेकर आए थे। अखबार की उस कतरन में मोहम्मद अली के बारे में छपा था। उन्होंने पापा से मोहम्मद अली के बारे में जाना। तभी से वे बॉक्सिंग में करियर बनाने का सपना देखने लगीं।

साई में आने के बाद लवलिना को मिली नई दिशा
लवलिना जब 9वीं क्लास में थीं, तभी उनका चयन असम में साई के स्थित रीजनल सेंटर के लिए हुआ। वहां पर ही उनके खेल में सुधार हुआ। लवलिना की कोच संध्या गुरांग ने एक इंटरव्यू में कहा था जब वह साई में आई तो वह काफी डर के साथ खेलती थी। यहां आने के बाद ही उसकी तकनीक में सुधार हुआ और वह खुलकर खेलने लगी।

दो वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में जीत चुकी हैं मेडल
लवलिना 2018 और 2019 में हुए वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीत चुकी हैं, वहीं दिल्ली में आयोजित पहले इंडियन ओपन इंटरनेशनल बॉक्सिंग टूर्नामेंट में सिल्वर और गुवाहाटी में आयोजित दूसरे इंडियन ओपन इंटरनेशनल बॉक्सिंग टूर्नामेंट में गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं। इसके अलावा वे 2017 में एशियन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में भी ब्रॉन्ज मेडल जीत चुकी हैं। 2018 कॉमनेवल्थ गेम्स में देश का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं।


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Content Writer

Raj chaurasiya

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