खिलाड़ियों को रिटेन करने को लेकर IPL फ्रेंचाइजियों में तकरार जारी

punjabkesari.in Wednesday, Nov 22, 2017 - 03:55 PM (IST)

नई दिल्लीः इंडियन प्रीमियर लीग(आईपीएल) के 2018 में होने वाले 11वें संस्करण की नीलामी में मात्र तीन महीने बाकी हैं लेकिन खिलाड़ियों को रिटेन करने को लेकर आईपीएल फ्रेंचाइजियों में तकरार जारी है। खिलाड़ियों के रिशेनशन के मुद्दे को लेकर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड(बीसीसीआई) और आईपीएल फ्रेंचाइजियों के बीच मंगलवार को मुंबई में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई लेकिन फ्रेंचाइजी खिलाड़ियों के रिटेनशन संख्या को लेकर एकमत नहीं हो सकी और उन्होंने अलग अलग विचार व्यक्त किए। बैठक में कोलकाता नाइटराइडर्स के शाहरूख खान और जय मेहता, मुंबई इंडियंस के आकाश अंबानी, किंग्स इलेवन पंजाब के नेस वाडिया और मोहित बर्मन और राजस्थान रॉयल्स के मनोज बदाले शामिल हुये। टीम मालिक इस बात को लेकर बंटे हुये थे कि अधिकतम पांच खिलाड़ी रिटेन किये जाएं या नहीं। लेकिन हर कोई नीलामी में राइट टू मैच (आरटीएम) कार्ड के इस्तेमाल के पक्ष में था। फिलहाल इतना तो लगभग तय हो गया है कि आईपीएल 11 की नीलामी किसी विदेशी जमीन के बजाय भारत में ही होगी और इसका आयोजन जनवरी के अंतिम सप्ताह में होगा। इस बैठक को बीसीसीआई ने प्रशासकों की समिति के निर्देश पर बुलाया था जो चाहती थी कि टीम मालिकों को 24 अक्टूबर की आईपीएल संचालन परिषद बैठक में हुई चर्चा से अवगत कराया जाए।

शाहरुख बोले- कोई रिटेनशन न हो
आईपीएल संचालन परिषद की बैठक में आईपीएल के मुख्य संचालन अधिकारी हेमांग बदानी ने रिटेनशन की संख्या, नीलामी के लिये उपलब्ध पर्स और आरटीएम कार्ड के इस्तेमाल पर प्रेजेंटेशन दिया। उनका यह प्रेजेंटेशन सभी आठ फ्रेंचाइजी के साथ उनकी बैठक पर आधारित था। आईपीएल 2018 में दो पुरानी टीमें चेन्नई सुपरकिंग्स और राजस्थान रॉयल्स अपना दो साल का निलंबन समाप्त करने के बाद वापिस लौट रही हैं।   संचालन परिषद तीन खिलाड़ियों को रिटेन करने के पक्ष में हैं जबकि मुंबई और चेन्नई जैसी चैंपियन टीमें पांच और चार खिलाड़ियों को रिटेन करना चाहती हैं। मुंबई का कहना है कि पांच खिलाड़ियों को रिटेन किया जाए और खिलाड़ी नीलामी में दो आरटीएम का इस्तेमाल किया जाए। चेन्नई का चार खिलाड़ियों को रिटेन करने और एक आरटीएम का इस्तेमाल करने का सुझाव है। दूसरी ओर शाहरूख खान की टीम नाइटराइडर्स का सुझाव है कि कोई रिटेनशन न हो और पांच आरटीएम का नीलामी में इस्तेमाल हो। दूसरी ओर पंजाब और राजस्थान की टीमें नयी सिरे से अपनी टीम का निर्माण करना चाहती हैं। वे न तो रिटेनशन का इस्तेमाल करना चाहती हैं और न ही आरटीएम का। दूसरी ओर सनराइजर्स हैदराबाद और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू तीन रिटेनशन और दो आरटीएम से खुश हैं।  चेन्नई और राजस्थान के मामले में ये टीमें अपनी 2015 की टीमों से ही खिलाड़ी रिटेन कर सकती हैं। आईपीएल में कई बार खिताब जीत चुके मुंबई और चेन्नई की निगाहें अधिकतम खिलाड़ियों को रिटेन करने पर हैं जिससे उनका मुख्य खिलाड़ियों का कोर ग्रुप बना हुआ है। दोनों ही टीमों में ऐसे मैच विजेता खिलाड़ी हैं जो लंबे समय से टीम में बने हुये हैं। 

इन खिलाड़ियों को रिटेन करना चाहेगी टीमें
मुंबई की टीम रोहित शर्मा, हार्दिक पांड्या, जसप्रीत बुमराह और संभवत: कीरोन पोलार्ड को रिटेन करना चाहेगी और साथ ही वह क्रुणाल पांड्या और हरभजन सिंह को भी रिटेन करना चाहेगी। दूसरी ओर चेन्नई महेंद्र सिंह धोनी, रवींद्र जडेजा, सुरेश रैना और संभवत: विदेशी खिलाड़ियों में फाफ डू प्लेसिस और ब्रैंडन मैकुलम को रखना चाहेगी।  एक आईपीएल अधिकारी के अनुसार नाइटराइडर्स ,राजस्थान और पंजाब का सुझाव है कि सैलरी कैप को बढ़ा कर 70 से 80 करोड़ रूपए प्रति टीम कर दिया जाए। पिछली नीलामी में यह 63 करोड़ रूपये था। बाकी फ्रेंचाइजी ने इस बात का फैसला संचालन परिषद पर छोड़ दिया है। बैठक के अन्य फैसलों में आईपीएल ने पंजाब टीम के अपने तीन मैच चंडीगढ़ से बाहर खेलने की अनुमति दे दी है लेकिन उसे अपने शेष चार घरेलू मैच मोहाली में खेलने होंगे। राजस्थान के जयपुर में घरेलू बेस पर अभी फैसला लिया जाना बाकी है। अधिकारी के अनुसार सभी मुद्दों पर अंतिम फैसले संचालन परिषद की अगली बैठक में लिये जाएंगे जिन्हें फिर प्रशासकों की समिति अपनी मंजूरी देगी।