खेल रत्न दीपा मलिक का झलका दर्द, बोलीं- अब अगले अवॉर्ड के लिए 72 साल न लगें

punjabkesari.in Thursday, Aug 29, 2019 - 06:28 PM (IST)

नई दिल्ली : देश के सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न से सम्मानित हुई पैरा एथलीट दीपा मलिक का कहना है कि आजादी के 72 साल बाद किसी महिला पैरा एथलीट को यह अवॉर्ड मिलता देखना सुखद अहसास है लेकिन मेरी यह भी कामना है कि अगले अवॉर्ड के लिए किसी अन्य महिला को इतने साल न लगें। वर्ष 2016 के रियो पैरालंपिक में रजत पदक जीतने वाली दीपा को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में आयोजित राष्ट्रीय खेल पुरस्कार समारोह में खेल रत्न से सम्मानित किया।

दीपा यह सम्मान हासिल करने वाली वह पहली महिला पैरा-एथलीट खेल रत्न बन गईं हैं। दीपा ने देश की आजादी के बाद पैरा एथलीट में मेडल जीता था। अब वह चाहती हैं कि यहां तक आने में किसी और दिव्यांग खिलाड़ी को 70 या 72 साल नहीं लगने चाहिए। कहती हैं कि जल्दी-जल्दी और अधिक दिव्यांग महिलाएं खेलें। उम्मीद करती हूं कि यह पुरस्कार पूरे समाज को प्रेरणा देगा।

दीपा ने कहा- मुझे यह सम्मान मिलने की बहुत खुशी है लेकिन महिला पैरा एथलीटों और भारत में पैरालंपिक आंदोलन के लिए यह ज्यादा बेहतर होता कि यदि मुझे यह पुरस्कार पहले मिल गया होता। मैं यह सम्मान मिलने के बाद दिव्यांग लड़कियों के माता-पिता और विभिन्न संगठनों से अपील करती हूं कि वे हाथ मिलाएं और देश में एक ऐसा आंदोलन पैदा करें ताकि ज्यादा से ज्यादा दिव्यांग लड़कियां पैरालंपिक आंदोलन से जुड़ें और खुद को विजेता साबित करें। इससे उन्हें आत्मनिर्भता मिलेगी और एक नई पहचान मिलेगी। 

उन्होंने कहा- जहां तक मेरी बात है मुझे बेहद खुशी महसूस हो रही है कि मैंने अपने परिवार, कोचों, ट्रेनर और भारतीय पैरालंपिक समिति को गौरवान्वित किया है। दीपा ने उन्हें यह सम्मान मिलने में विलंब पर कहा- इस विलंब ने मुझे और प्रोत्साहित किया कि मैं शानदार प्रदर्शन करूं, पदक जीतूं और देश को गौरव प्रदान करुं। मैं हर बार जब भी पदक जीतती थी तो यह 130 करोड़ भारतीयों के लिए होता था।

खेल रत्न से सम्मानित दीपा अगले साल होने वाले टोक्यो पैरालंपिक में हिस्सा नहीं ले पाएंगी क्योंकि उनकी स्पर्धा के वर्ग को इन खेलों में शामिल नहीं किया गया है। उन्होंने कहा- मेरे प्रशंसक इससे निराश होंगे कि मैं टोक्यो पैरालंपिक में हिस्सा नहीं ले पाऊंगी। फिलहाल मैं तैराकी सीख रही हूं और समुद्र तैराकी में रिकॉर्ड बनाना चाहती हूं। मुझे उम्मीद है कि टोक्यो पैरालंपिक में भारत पिछले रियो पैरालंपिक के 4 पदकों से ज्यादा पदक जीतेगा।

Jasmeet