जानिए SG, ड्यूक और कूकाबुरा गेंद की खासियत, एक-दूसरे से होती हैं इतनी अलग

punjabkesari.in Tuesday, Jun 02, 2020 - 04:49 PM (IST)

स्पोर्ट्स डेस्क: क्रिकेट के खिलाड़ी क्रिकेट के अलावा उनकी फॉलोइंग करोड़ों में है। दुनिया के कोने-कोने में वो एक फेमस चेहरा हैं और अपने करोड़ों फैन्स का प्यार वक्त-वक्त पर बंटौरते हैं। वही क्रिकेट मौजूदा वक्त का ऐसा खेल जिसमें दौलत भी है शोहरत भी है और नाम भी। क्रिकेट में अगर किसी खिलाड़ी का सिक्का चला और किस्मत मेहरबान हुई तो फिर सितारे 7वें आसमान पर ही समझिए। दरअसल, वर्तमान समय में टेस्ट मैचों में तीन प्रकार की गेंदों का प्रयोग किया जाता है, इन गेंद का नाम है कूकाबुरा, ड्यूक और एसजी। तो चलिए आज हम आपको इन तीनों गेंदों के बीच में फर्क बताएंगे।

कूकाबुरा गेंद

सदियों से किक्रेट के इतिहास में इस्तेमाल हो रही ‘कूकाबूरा’ गेंद वर्तमान समय में एक ब्रांड बन चुकी है, किक्रेट के मैदान में टेस्ट मैच से लेकर टी-20 खेलने के लिए इसका ही प्रयोग किया जाता है। यह गेंदे ऑस्ट्रेलिया में बनती है और इसका इस्तेमाल ऑस्ट्रेलिया के अलावा दक्षिण अफ्रीका, पाकिस्तान, न्यूजीलैंड, श्रीलंका और जिंबाब्वे में होता है। कूकाबुरा में लो सीम होती है और इसमें शुरुआती 20 ओवर्स में अच्छी स्विंग मिलती है, लेकिन इसके बाद यह बल्लेबाजों की मदद करती है। जब इसकी सिलाई खराब हो जाती है तो स्पिनर्स को ग्रिप करने में दिक्कत होती है। 

ड्यूक गेंद

यह गेंदे इंग्लैंड में बनती है और इसका इस्तेमाल इंग्लैंड के अलावा विंडीज में होता है। इस गेंद की सीम शानदार होती है और 50-55 ओवर तक यह बनी रहती है। यह तेज गेंदबाजों को सबसे ज्यादा मददगार गेंद है।

एसजी गेंद

एसजी गेंद में सीम काफी उभरी हुई होती है। यह गेंदे भारत में बनाई जाती है और इसका प्रयोग टेस्ट मैच में किया जाता है। लेकिन भारतीय परिस्थितियों में 10-20 ओवर तक ही गेंद से स्विंग मिलती है और यह अपनी चमक खो देती है। इसकी सीम 80-90 ओवर्स तक ही रहती है जिससे रिवर्स स्विंग करना आसान होता है व स्पिनर्स को ग्रिप बनाने में मदद मिलती है। सभी एसजी बॉल के साइज में थोड़ा-थोड़ा अंतर होता है

neel