आम घरों से उठकर स्टार बने FIFA FINAL के 5 स्टार्स की जानें कहानियां

punjabkesari.in Saturday, Dec 17, 2022 - 09:24 PM (IST)

खेल डैस्क : फीफा विश्व कप 2022 का फाइनल मुकाबला रविवार को फ्रांस और अर्जेंटीना के बीच लुसैल स्टेडियम में होगा। मुकाबले में मैसी, अल्वारेज, गिरौद, ग्रीजमैन और एम्बाप्पे जैसे स्टार्स पर नजरें रहेंगी जोकि आम घरों से होने के बावजूद अपनी मेहनत के बलबूते इस मंजिल तक पहुंचे हैं। आइए इन स्टार्स प्लेयर्स की कहानियां जानते हैैं। 

 

लियोनेल मैसी : डैब्यू मैच के पहले 45 सैकेंड में ही हो गए बाहर
मैसी अपना डैब्यू मैच कभी भूल नहीं पाएंगे। 17 अगस्त 2005 को एक दोस्ताना मैच में अर्जेंटीना के लिए हंगरी के खिलाफ मैसी मैच में उतरे। वह 45 सैकेंड के भीतर ही रैफरी द्वारा मैदान से बाहर भेज दिए गए क्योंकि उन्होंने हंगरी के डिफैंडर को ड्रिब्लिंग के दौरान कोहनी मार दी थी। साथी समर्थन में आए थे लेकिन मैसी खुद ही मैदान से बाहर चले गए। एक वह दिन था और एक आज, मैसी उसी अर्जेंटीना टीम के कप्तान हैं। मैसी को अपने खेल के दिनों में स्पेन ने भी अपनी ओर से खेलने की ऑफर दी थी। तब स्पेन के पास बेहद मजबूत टीम थी। इसी टीम ने 2008 से लेकर 2012 तक कई बड़े टूर्नामैंट जीते। इनमें फीफा विश्व कप 2010 भी शामिल था। मैसी ने स्पेन जाने की बजाय अर्जेंटीना से ही खेलने का फैसला लिया था। 

 

जूलियन अल्वारेज : ड्राइवर से ली कोचिंग, सफल हुए तो लेकर दी कार
कॉर्डोबा प्रांत के मध्य में कैलचिन के छोटे से गांव में पैदा हुए जूलियन अल्वारेज स्थानीय क्लब एटलेटिको कैलचिन से खेलते थे। उनके पहले कोच राफेल वरस। वारस दिन में ड्राइवर का काम करते थे और रात में एटलेटिको में कोचिंग। उन्होंने अल्वारेज की प्रतिभा को पहचाना। वरस ने कहा कि मुझे याद है, जब वह लगभग 8 या 9 साल का था, उसने चार या 5 प्रतिद्वंद्वियों को छकाया और एक गोल कर दिया। तभी मुझे एहसास हुआ कि हमारे पास एक अलग तरह का खिलाड़ी है, जो विश्व स्टार हो सकता है। अल्वारेज भी अपने पहले कोच की मेहनत को नहीं भूले। 2020 की शरद ऋतु में वह वरस के पास गए और उन्हें नई डिलीवरी वैन लेकर दी। अनुभवी कोच ने स्वीकारा कि अल्वारेज के पिता द्वारा लाया गिफ्ट देखकर उनकी आंखों में आंसू आ गए।

 

ओलिवियर गिरौद : सबसे फिट प्लेयर, 86 मैच लगातार खेले
फुटबॉल इतिहास के सबसे फिट प्लेयर्स में से एक हैं ओलिवियर गिरौद। मोंटपेलियर के साथ सिर्फ 2 सीजन में ही गिरौद ने लगातार 86 मैच खेले जबकि अबू डायबी जैसे खिलाड़ी 6 सीजन में आर्सेनल के लिए 112 मैच खेल पाए थे। माना गया कि गिरौद साथी फुटबॉलर कोसिएल्नी के काफी नजदीक थे। दोनों ड्रैसिंग रूम, बस, टीम फोटो, प्रशिक्षण, टैनिस और डिनर में भी साथ होते थे। गिरौद जब आर्सेनल में गए तो उन्होंने कहा था कि मेरे साथ मेरा भाई लोलो (कोसिएल्नी) भी खेलेगा। 25 साल की उम्र में फ्रांस के लिए डैब्यू करने वाले गिरौद अब तक 119 मैचों में 53 गोल कर चुके हैं। उन्होंने अर्सेनल के लिए 180, चैलिसा के लिए 75 तो वर्तमान में ए.सी. मिलान के लिए 42 मैच खेले हैं। गिरौद कई आक्रामक स्थितियों में खेलने में सक्षम है, लेकिन स्ट्राइकर या सेंटर-फॉरवर्ड के वह सबसे अच्छे हैं।

 

एंटोनी ग्रीजमैन : देसी चाय के शौकीन हैं, साथियों को भी पिलाते हैं
ग्रिजमैन का हिस्पैनिक संस्कृति के कारण अर्जेंटीना और उरुग्वेवासियों के साथ घनिष्ठ संंबंध रहा है। उन्हें अक्सर दक्षिण अमरीकी खिलाडिय़ों के साथ लोकप्रिय कैफीन युक्त गर्म मेट चाय पीते देखा जाता रहा। (मेट चाय जंगली जड़ी बूटियों से तैयार होती है जोकि स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छी होती है) ग्रीजमैन अपने दादा अमारो लोप्स को देखकर फुटबॉल की ओर आकर्षित हुए थे। उन्होंने फुटबॉल में अपनी पृष्ठभूमि और इतिहास के कारण किस्मत आजमाने का फैसला किया। एंटोनी धनी परिवार से थे इसलिए उन्हें फुटबॉल उपकरण प्राप्त करने के लिए संघर्ष नहीं करना पड़ा। उनके पिता राजनीतिक रूप से शक्तिशाली व्यक्ति थे जबकि मां अस्पताल में काम करती थीं। ग्रीजमैन ने फुटबॉल खिलाड़ी के रूप में अभ्यास करने और कड़ी मेहनत करने के लिए फ्रांस के सुपरस्टार जिनेदिन जिदान से प्रेरणा ली थी। 

 

एम्बाप्पे : स्नीकर्स इकट्ठा करना है शौक, पांडा ले रखे हैं गोद
फ्रांस के एम्बाप्पे की मां अल्जिरिया और पिता कैमरून से हैं। वह आसानी से इन देशों से खेल सकते थे लेकिन उन्होंने फ्रांस को चुना। वह फीफा इतिहास में गोल करने वाले दूसरे सबसे युवा फुटबॉलर हैं। उन्हें स्नीकर्स इक_ा करने का शौक है। वह खुद को ‘एक नए खिलौने वाला बच्चा’ मानते हैं। उन्होंने ‘बुटीक डी एमबीप्पे’ के नाम से स्नीकर्स का अपना ब्रांड भी चलाया। उनके पास सैकड़ों की संख्या में स्नीकर्स हैं। एम्बाप्पे ने दो पांडा भी गोद लिए हैं। जोकि फ्रांस के ब्यूवल चिडिय़ाघर में रखे हैं। इन बेबी पांडा को पहले कॉटन फ्लावर और लिटिल स्नो का नाम दिया गया जोकि बाद में हुआनलिली और युआनडुडु कर दिया गया। स्टार फुटबॉलर अभी भी मुख्य रूप से पांडों के लिए प्रचार और जागरूकता पैदा करते रहते हैं। 

Content Writer

Jasmeet