हार के बाद बोले लक्ष्य सेन- विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक से संतुष्ट नहीं

punjabkesari.in Sunday, Dec 19, 2021 - 06:48 PM (IST)

नई दिल्ली : युवा बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन अपनी पहली विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक से संतुष्ट नहीं है और उन्होंने अगली बार इस टूर्नामेंट में स्वर्ण जीतने का वादा करने के साथ ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप और 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में बेहतर प्रदर्शन करने का भरोसा दिया। अल्मोड़ा के 20 साल के इस खिलाड़ी को शनिवार को हमवतन अनुभवी किदांबी श्रीकांत से बेहद करीबी सेमीफाइनल में 17-21, 21-14, 21-17 से हार का सामना करना पड़ा। 

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निर्णायक गेम में एक समय 15-13 की बढ़त हासिल करने वाले लक्ष्य ने कहा कि यह एक लंबा टूर्नामेंट रहा है और जब आप इतने करीब होते हैं तो इस तरह की हार को पचा पाना मुश्किल होता है। मुझे कांस्य मिला, लेकिन मैं खुश नहीं हूं। मैं सेमीफाइनल में अपने प्रदर्शन से बहुत संतुष्ट नहीं हूं। मैंने बहुत सारे अच्छे मैच खेले, कुछ कड़े विरोधियों का सामना किया है, सेमीफाइनल में भी यह एक करीबी मुकाबला था, यह किसी के पक्ष में जा सकता था। यह पदक इससे आगे बढ़ने का हौसला देगा। अगली बार मैं स्वर्ण का प्रयास करूंगा।

इस पदक के साथ लक्ष्य अपने गुरु और महान खिलाड़ी प्रकाश पादुकोण (1983 में कांस्य) और बी साई प्रणीत (2019 में कांस्य) की श्रेणी में शामिल हो गए जिन्होंने इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में भारत के लिए पदक जीते है। लक्ष्य ने कहा कि यह अच्छी बात है कि मैंने अपनी पहली विश्व चैंपियनशिप में सेमीफाइनल में जगह बनाई और प्रकाश सर के साथ मेरा नाम जुड़ गया, लेकिन मैं उनके जैसे कई और पदक जीतने की उम्मीद कर रहा हूं। खासकर मैं उनकी तरह ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप जीतना चाहता हूं।

उन्होंने कहा कि कांस्य पदक मेरे आत्मविश्वास को बहुत ज्यादा बढ़ाएगा। यह भविष्य के टूर्नामेंट के लिए एक मजबूत कदम है। सेमीफाइनल से पहले लक्ष्य ने कुछ कठिन मैच खेले, जिसमें तीन में से दो मुकाबले तीन गेम तक चले। इसमें चीन के झाओ जून पेंग के खिलाफ करीबी क्वार्टर फाइनल मुकाबला भी शामिल था। जब आप तीन गेम वाले मैच खेलते हैं तो तरोताजा होकर वापसी करना मुश्किल होता है। सेमीफाइनल भी थका देने वाला मुकाबला था। मेरे मुकाबले उनका (श्रीकांत) क्वार्टरफाइनल आसान था, लेकिन यह एक ऐसा खेल है जहां आपको हर मैच में अपना सर्वश्रेष्ठ देना होता है।

सेन ने कहा कि उन्हें पिछले कुछ समय से कई तरह की चोट का सामना करना पड़ा है लेकिन अब उनके पास विश्राम करने और तरोताजा होकर अगले सत्र के लिए वापसी करने का समय है। उनकी नजरे अगले साल होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों जैसे बड़े टूर्नामेंटों पर हैं उन्होंने कहा कि मैं थोड़ा विश्राम करने के बाद प्रशिक्षण शुरू करना चाहता हूं। सत्र की शुरुआत इंडिया ओपन से होगी और फिर मुझे सैयद मोदी टूर्नामेंट भी खेलना है। अगले साल राष्ट्रमंडल, एशियाई खेलों, ऑल इंग्लैंड जैसे सभी बड़े टूर्नामेंट है। मैं इन आयोजनों में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए उत्सुक हूं। इस दौरान मेरा लक्ष्य रैंकिंग में शीर्ष 10 में आना है। 


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Content Writer

Raj chaurasiya

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