धोनी ने बांग्लादेश के खिलाफ खेला था पहला अंतरराष्ट्रीय मैच, पहली ही गेंद पर हो गए थे रन आउट

punjabkesari.in Wednesday, Dec 23, 2020 - 01:05 PM (IST)

स्पोर्ट्स डेस्क : पूर्व भारतीय क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी महान विकेटकीपर और बेहतरीन फिनिशरों में एक रहे हैं। उन्होंने आज ही के दिन साल 2004 में क्रिकेट की दुनिया में कदम रखा था। वर्ल्ड कप 2019 के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ अपना आखिरी मैच खेलने वाले धोनी रन आउट हो गए थे जो बहुत से लोगों के लिए बेहद निराशाजनक पल रहा था। लेकिन 16 साल पहले जब धोनी ने बांग्लादेश के खिलाफ पहला अंतर्राष्ट्रीय मैच खेला था तो उस समय पहली गेंद पर रन आउट हो गए थे।

 

भारत को इस मैच में सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली के जल्दी आउट होने पर मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। लेकिन राहुल द्रविड़ की और मोहम्मद कैफ की अर्धशतकीय पारियों की मदद से टीम 245 रन बना पाई थी और 11 रन से जीत दर्ज की थी। धोनी की बांग्लादेश में एक निराशाजनक श्रृंखला थी जिसमें उन्होंने मात्र 19 रन ही बनाए थे। लेकिन रांची का ये हीरो अगले वनडे में पाकिस्तान के खिलाफ ऐसे बरसा कि सबको उनका नाम पता चल गया। 

पाकिस्तान के खिलाफ खेली थी यादगार पारी 

धोनी ने अप्रैल 2005 में पांचवें इंटरनेशनल मैच में धोनी ने पाकिस्तान के खिलाफ 123 गेंदों पर 148 रन की धमाकेदार पारी खेली और इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। इसके बाद सीमित ओवरों के खेल में उन्होंने अपनी जगह पक्की कर ली। धोनी को 2004 में टीम में शामिल किया गया था क्योंकि राहुल द्रविड़ ने 1999 और 2004 के बीच 73 एकदिवसीय मैचों में विकेट लिए थे। धोनी ने अपनी आक्रामक बल्लेबाजी और प्रभावी विकेटकीपिंग शैली के साथ, 2005 में पाकिस्तान और श्रीलंका के खिलाफ बेहतरीन प्रदर्शन के साथ इस स्थान को सील कर दिया। वास्तव में, धोनी ने अपने करियर के दूसरे वर्ष में नाबाद 183 रनों का उच्चतम स्कोर बनाया था। 

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साल 2005 में शानदार प्रदर्शनों के कारण टेस्ट में उन्हें मौका मिला और धोनी ने श्रीलंका के खिलाफ चेन्नई में पहला मैच खेला। धोनी ने इसके बाद दिसम्बर 2006 में टी20 इंटरनेशनल में भी डेब्यू किया। धोनी ने अपने करियर के दौरान 90 टेस्ट, 350 वनडे और 98 टी20 इंटरनेशनल मैचों में हिस्सा लिया और भारत को कई मैचों में जीत दिलाकर वापस लौटे। यही कारण है कि वह एक फिनिशर के रूप में भी जाने जाते हैं। 

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28 साल के लंबे इंतजार को किया था खत्म 

धोनी को पहली बार साल 2007 में भारतीय टीम की कप्तानी मिली जिसके बाद उन्होंने भारत को टी20 वर्ल्ड कप जीताकर अपनी झाप छोड़ दी। धोनी ने जल्द ही खेल के सभी प्रारूपों में कप्तान के रूप में पदभार संभाला। भारत के कप्तान के रूप में धोनी की सफलता, कम से कम सफेद गेंद के प्रारूप में अद्वितीय है। उन्होंने 2011 में विश्व कप खिताब के लिए भारत के 28 साल के लंबे इंतजार को खत्म किया और 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी भी जीती। 

बहुत से लोग नहीं जानते थे कि 2019 विश्व कप सेमीफाइनल मैच धोनी का अंतिम मैच होगा। लेकिन किसी को नहीं पता होता कि धोनी का अगला कदम क्या होगा और संन्यास के समय भी ऐसा ही था। धोनी ने एक साल से ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से दूर रहने के बाद 15 अगस्त 2020 को अपना स्वतंत्रता दिवस के मौके पर संन्यास की घोषणा कर दी। 


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Sanjeev

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