1-2 नहीं, लगातार 21 मेडन डाले थे इस गेंदबाज ने

punjabkesari.in Friday, Jan 12, 2018 - 02:02 PM (IST)

जालन्धर : रामेश चंद्र गंगाराम बापू नंदकरणी को भारतीय क्रिकेट में सबसे कंजूस गेंदबाजों के तौर पर जाना जाता है। महाराष्ट्र के नासिक में जन्मे नंदकरणी के नाम पर किफायती गेंदबाजी करने का वल्र्ड रिकॉर्ड दर्ज है। अपने 41 टैस्ट मैच के करियर के दौरान नंदकरणी ने 9165 गेंदें फेंकीं। उन्होंने अपने करियर में 1.67 रन प्रति ओवर दिए। जोकि उन्हें महान गेंदबाजों की कतार में खड़ा करता है। नंदकरणी के नाम पर टैस्ट क्रिकेट में 88 तो फस्र्ट क्लास क्रिकेट में 500 विकेट दर्ज करने का रिकॉर्ड है।

बचे 5 ओवर में भी सिर्फ 5 रन ही दिए

नंदकरणी के नाम पर 1964 में इंडिया और इंगलैंड के बीच मद्रास में खेले गए टैस्ट के दौरान लगातार 21 ओवर मेडन फेंकने का रिकॉर्ड है। अपनी 32 ओवर के स्पैल के दौरान नंदकरणी ने 27 मेडन फेंके। बची 5 ओवर में भी 5 ही रन दिए। हालांकि उन्हें विकेट कोई नहीं मिला। लेकिन उन्होंने अपने मैजिक फिगर के चलते इंगलैंड पर दबाव जरूर बनाया। दूसरी पारी में भी उन्होंने 6 ओवर में 4 मेडल फेंकर महत्वपूर्ण 2 विकेट लिए थे। 

फस्र्ट क्लास क्रिकेट में लगाए 14 शतक

किफायती गेंदबाजी के लिए जाने जाते नंदकरणी ने बॉलिंग के अलावा बैटिंग में भी खूब जौहर दिखाए। उन्होंने 41 टैस्ट मैच में करीब 26 की औसत से 1414 रन बनाए। इसमें एक शतक (122 नॉट आऊट) भी शामिल था। जबकि फस्र्ट क्लास क्रिकेट के 191 मैचों में उन्होंने लगभग 40 की औसत से 8880 रन बनाए। इनमें 14 शतक और 46 अद्र्धशतक शामिल हैं। उनका सर्वोच्च स्कोर 223 नॉट आऊट रहा।

पिच पर सिक्का रखकर करते थे गेंदबाजी

नंदकरणी के बारे में प्रचलित एक मशहूर किस्सा है कि अपनी लाइन लेंथ के वह इतने पक्के थे कि बड़े-बड़े गेंदबाज उनका लोहा मानते थे। कहते हैं- नैट पर प्रैक्टिस के दौरान वह पिच पर एक सिक्का रख देते थे। फिर उसी सिक्के के हिसाब से बॉलिंग करते थे। ऐसा करते वक्त उनकी ज्यादातर गेंदें सिक्के पर ही गिरती थीं।

रिकॉर्ड पर नजर डालें तो...

आंकड़ें बताते हैं कि जब एक ओवर में 4 गेंदें फेंकी जाती थी तो यह रिकॉर्ड एल्फर्ड शॉ के नाम पर था। 1876 में नॉटिन्घम में खेले गए मैच के दौरान नॉर्थ टीम से खेलते शॉ ने साऊथ के विरोध लगातार 23 मेडल फेंके थे। वहीं जब 5 गेंदों का ओवर हुआ तो यह रिकॉर्ड 1897 में इर्रनी रॉबसन के नाम दर्ज हो गया। होव में खेले गए मैच के दौरान रॉबसन समरसेट की ओर से ससेक्स के विरुद्ध खेल रहे थे। उन्होंने लगातार 10 मेडन फेंके थे। इसी तरह 6 गेंदों के ओवर में नंदकरणी ने रिकॉर्ड बनाया। वहीं, 1956-57 के दौर में जब एक ओवर में 8 गेंदें फेंकी जाती थीं तब साऊथ अफ्रीका के लिए इंगलैंड के खिलाफ खेलते हुए डर्बन के मैदान में ह्यूग टेफील्ड ने लगातार 14 मेडन फेंके थे।