बुमराह की चोट पर बोले नेहरा- इसका उनके एक्शन से कुछ लेना-देना नहीं

punjabkesari.in Sunday, Sep 29, 2019 - 03:36 PM (IST)

नई दिल्ली : भारत के पूर्व तेज गेंदबाज आशीष नेहरा ने कि जसप्रीत बुमराह के कमर के निचले हिस्से में लगी चोट (स्ट्रेस फ्रैक्चर) उनके अलग तरह के एक्शन के कारण नहीं है। बुमराह पीठ के निचले हिस्से में दर्द के कारण दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीन मैचों की टेस्ट सीरीज के अलावा भारत के बांग्लादेश दौरे से बाहर हो गए हैं। उनके चोट का सही समय पर पता चल गया जिससे वह दो महीने तक टीम से बाहर रहेंगे। बाएं हाथ के पूर्व तेज गेंदबाज नेहरा ने उम्मीद जताई कि बुमराह वापसी के बाद भी मारक गेंदबाज बने रहेंगे।

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बुमराह को अपने एक्शन में बदलाव की जरूरत नहीं 

नेहरा ने कहा, ‘हमें इस बात को समझ लेना चाहिए कि स्ट्रेस फ्रैक्चर का एक्शन से कुछ लेना देना नहीं है। उन्हें अपने एक्शन में बदलाव करने की कोई जरूरत नहीं है। अगर उन्होंने ऐसा करने की कोशिश की तो इससे उनकी गेंदबाजी प्रभावित होगी। मैं आपको इस बात का आश्वासन दे सकता हूं कि वह वापसी के बाद भी इसी एक्शन, गति और सटीकता के साथ दमदार गेंदबाज बने रहेंगे।' उन्होंने कहा, ‘बुमराह का एक्शन उतना भी अलग नहीं है जितना समझा जाता है। गेंद फेंकने के समय उनके शरीर बिलकुल सही स्थिति में होता है।' 

मलिंगा की तुलना में बुमराह का एक्शन 10 गुणा बेहतर 

नेहरा ने कहा, ‘बुमराह को जो बात दूसरे गेंदबाजों से अलग बनाती है वह ये है कि गेंदबाजी के समय उनका बायां हाथ ज्यादा ऊपर नहीं जाता है। इसके बावजूद भी श्रीलंका के लसिथ मलिंगा की तुलना में उनका एक्शन 10 गुणा बेहतर है। मलिंगा का घुटना और पिछला पैर भाला फेंकने वाले खिलाड़ी की तरह झुक जाता है।' अपने करियर में कई बार चोट के कारण परेशानी झेलने वाले नेहरा ने कहा कि वापसी के लिए कोई समय सीमा तय करना ठीक नहीं।

इसमें ठीक होने की कोई समय सीमा नहीं होती

उन्होंने कहा, ‘स्ट्रेस फ्रैक्चर के मामले में ठीक होने की कोई समय सीमा नहीं होती है। जसप्रीत (बुमराह) दो महीने में ठीक हो सकते हैं या फिर 6 महीने तक मैदान से दूर रह सकते हैं। यह सिर्फ खिलाड़ी ही बता सकता है कि वह मैच के लिए तक पूरी तरह से फिट है।' नेहरा ने कहा कि इससे निपटने के लिए रिहैब्लिटेशन की जरूरत होती है क्योंकि सर्जिकल (आपरेशन) तरीके से इसका कोई इलाज नहीं। उन्होंने कहा, ‘स्ट्रेस फ्रैक्चर के लिए कोई दवा नहीं होती। यह सिर्फ विश्राम और रिहैब्लिटेशन से ठीक हो सकता है।' 


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Sanjeev

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