पाकिस्तान में कोई खेलने नहीं आता- कॉमनवैल्थ में पहुंची पाक बैडमिंटन टीम ने रोए दुखड़े

punjabkesari.in Saturday, Jul 30, 2022 - 02:11 PM (IST)

बर्मिंघम : पाकिस्तान की चार सदस्यीय बैडमिंटन टीम तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद राष्ट्रमंडल खेलों के लिए बर्मिंघम पहुंचने में सफल रही। इस टीम में ओलिम्पियन महूर शहजाद भी शामिल हैं। पाकिस्तान के खेल बोर्ड ने पैसों की कमी के कारण इस महीने के शुरू में राष्ट्रमंडल खेलों के अपने दल से बैडमिंटन टीम को हटा दिया था। लेकिन आखिरी क्षणों में प्रायोजक मिलने से टीम बर्मिंघम के लिए रवाना हो गई। बर्मिंघम पहुंचने के बाद पाकिस्तान की बैडमिंटन टीम ने व्यस्थाओं के अभाव के दुखड़े रोए। 

दोहरे मुकाबले खेल रहे पाक प्लेयर्स
पिछले साल ओलिम्पिक में खेलने वाली पहली पाकिस्तानी बैडमिंटन खिलाड़ी बनी शहजाद एकल विशेषज्ञ हैं लेकिन कम खिलाड़ी होने के कारण उन्हें भारत के खिलाफ शुक्रवार को युगल में भी खेलना पड़ा। उनकी युगल साथी गजाला सिद्दीकी का मामला भी कुछ ऐसा ही था जिन्हें मिश्रित युगल में भी खेलना पड़ा। टीम के पुरुष खिलाडिय़ों में मुराद अली और इरफान सईद भट्टी शामिल हैं।

भारत ने 5-0 से हराया
शहजाद ने भारत के हाथों पाकिस्तान की 0-5 से करारी शिकस्त के बाद कहा कि अन्य टीमों में 8 खिलाड़ी हैं और यहां हमें चार खिलाडिय़ों के साथ ही सभी मैच खेलने हैं। मैं एकल खिलाड़ी हूं लेकिन मुझे युगल और मिश्रित युगल में भी खेलना पड़ेगा। ऐसे में ध्यान केंद्रित करना और एकाग्रता बनाए रखना मुश्किल होता है। शहजाद और गजाला दोनों की सरकारी नौकरी है लेकिन उन्हें इतना वेतन नहीं मिलता है जिससे कि वे अपना खर्चा चला सकें।

ओलिम्पिक 2024 में जगह बनाना लक्ष्य
व्यावसायिक परिवार से संबंध रखने वाली शहजाद बैडमिंटन के प्रति अपने जुनून के कारण इस खेल से जुड़ी जबकि गजाला खेल शिक्षक हैं। वह अपना परिवार चलाने में मदद करती हैं। शहजाद का लक्ष्य पेरिस ओलिम्पिक 2024 में जगह बनाना है, लेकिन पाकिस्तान में सुविधाओं की कमी के कारण उनके लिए यह बहुत बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान जैसे देश में अभ्यास करना बहुत कठिन है। आपको अपना खर्चा खुद ही उठाना पड़ेगा। हमारे यहां अच्छे कोच नहीं है और आपको अपनी फिटनेस पर भी स्वयं ही खर्च करना पड़ेगा। हमारे देश में अच्छे अभ्यास स्थलों की कमी है। 

हमारे खेल का स्तर नहीं बढ़ पाता 
शहजाद ने साफ कहा कि पाकिस्तान में कोई खिलाड़ी नहीं आता है और हम बहुत अधिक अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेलते हैं। इसलिए हमारे खेल का स्तर नहीं बढ़ पाता है। मुझे स्वयं लगता है कि मेरा खेल जस का तस है और इसमें सुधार करने के लिए मुझे विदेशों में अभ्यास करने की जरूरत है। दूसरी तरफ गजाला ने पांच साल पहले ही बैडमिंटन खेलना शुरू किया था। उनके लिए राष्ट्रीय टीम का हिस्सा बनना है वास्तविक सम्मान है।

दो जगह नौकरी करती हैं गजाला
लाहौर की रहने वाली गजाला ने कहा कि हमारे देश में केवल क्रिकेट को ही सहयोग मिलता है। मैं दो जगह नौकरी करती हूं क्योंकि एक नौकरी से परिवार पालना मुश्किल है। में पांच भाई-बहनों में सबसे बड़ी हूं और इसलिए मेरी जिम्मेदारियां अधिक है। शुक्रवार को शहजाद ने भारतीय सुपर स्टार पीवी सिंधू के खिलाफ मैच खेला। इससे पहले साइना नेहवाल के खिलाफ भी मैच खेल चुकी है। उन्होंने कहा कि मैच के बाद सिंधू मुझ से हाथ मिलाने के लिए आई और यह मुझे बहुत अच्छा लगा। साइना की तुलना में सिंधु अधिक रणनीतिक खेल खेलती है। जब मैं साइना के खिलाफ खेली थी तो वह अधिक आक्रामक थी।

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Jasmeet