अब सड़कों पर लड़कियां खेलती हैं क्रिकेट, यही मेरी प्राप्ति : मिताली राज

punjabkesari.in Wednesday, Jun 15, 2022 - 10:15 PM (IST)

नई दिल्ली : क्रिकेट से रिटायरमैंट लेने वाली भारतीय पूर्व महिला कप्तान मिताली राज को लगता है कि उन्हें तसल्ली है कि देश में लड़कियां अब सड़क पर क्रिकेट खेलती हुई आम नजर आ रही हैं। मिताली ने अपने करियर पर एक इंटरव्यू में अपने अनुभव साझे किए। क्रिकेट में अपने योगदान पर बेलते हुए उन्होंने कहा कि मुझसे लोग मेरी विरासत के बारे में पूछते हैं लेकिन मेरे पास कोई अच्छा जवाब नहीं है। शायद लड़कियों के सड़कों पर क्रिकेट खेलने और अकादमियों में दाखिला लेने को आम बनाने में मेरी भूमिका रही। जब मैंने खेलना शुरू किया तब यह आम बात नहीं थी। 


बीसीसीआई की महिला क्रिकेट को उबारने में भूमिका पर मिताली राज ने कहा- बीसीसीआई की छत्रछाया में आने के बाद महिला क्रिकेट में पेशेवरपन आया। स्थिरता, सुरक्षा और प्रगति आई। अब खेल होते ही सब पांच सितारा होटलों के कमरों में चले जाते हैं। अधिकांश लड़कियां फोन पर होती हैं। मैं यह नहीं कर रही कि यह गलत है लेकिन समय बदल गया है। टीम में मदभेदों पर उन्होंने कहा- मतभेद होने स्वाभाविक है। सभी अच्छा खेलना चाहते हैं लेकिन सभी की राय अलग होती है। 


मिताली ने इस दौरान आरक्षित टिकट के बिना ट्रेन में सफर करने को भी याद किया। उन्होंने कहा कि अब समय बदल गया है। लेकिन पहले ऐसा नहीं था। मुझे लगता है कि दोनों समय का अपना आकर्षण था। मुझे पहले भी बिना आरक्षित टिकट के सफर करने में मजा आता था। आज भी टीम के साथ सफर करने में मजा आता है। 

संन्यास की घोषणा पर मिताली बोलीं- पहली बार मेरे दिमाग में संन्यास की बात आई जब राहुल द्रविड़ ने (2012) क्रिकेट को अलविदा कहा था। मैंने वो प्रेस वार्ता देखी थी। यह काफी जज्बाती थी और मुझे लगा कि मैं संन्यास लूंगी तो कैसा लगेगा। उन्होंने कहा कि मुझे लगता था कि इतना भावुक पल नहीं होगा। मुझे यह तो पता था कि विश्व कप मेरा आखिरी होगा लेकिन मैं जज्बात के उतार चढ़ाव के बीच फैसले नहीं लेती।

Content Writer

Jasmeet