भारत और रूस बने फीडे विश्व शतरंज ओलंपियाड के सयुंक्त विजेता

punjabkesari.in Sunday, Aug 30, 2020 - 10:28 PM (IST)

नई दिल्ली ( निकलेश जैन ) भारतीय शतरंज जगत मे इतिहास रचा जा चुका है और भारतीय शतरंज टीम नें रूस के साथ मिलकर अपना पहला शतरंज ओलंपियाड जीत लिया । बेहद ही रोमांचक मैच मे भारत और रूस के बीच दो रैपिड मुकाबलों मे पहला मुक़ाबला  3-3 से ड्रॉ रहा और दूसरे मुक़ाबले मे जब भारत जीत की ओर बढ़ता नजर आ रहा था पर तभी अंतर्राष्ट्रीय  इंटरनेट की समस्या के चलते भारतीय खिलाड़ियों के मुक़ाबले रुक गए और भारत नें इसके लिए अपील की और विश्व शतरंज संघ नें दूसरे मैच को रद्द घोषित कर दिया और भारत और रूस को सयुंक्त विजेता घोषित कर दिया गया ।

पहला मैच – पहले मैच मे भारत और रूस के बीच सभी मुक़ाबले ड्रॉ रहे हालांकि बोर्ड नंबर 3 पर भारत की वर्तमान विश्व रैपिड चैम्पियन कोनेरु हम्पी रूस की वर्तमान विश्व ब्लिट्ज़ चैम्पियन लागनों काटेरयना से जीत के काफी करीब थी पर अंत मे मुक़ाबला ड्रॉ रहा । कप्तान विदित गुजराती नें पहले बोर्ड पर रूस के इयान नेपोंनियची ,पेंटाला हरिकृष्णा नें आर्टेमिव ब्लादिस्लाव से ,हरिका द्रोणावल्ली नें अलेक्ज़ेंड्रा कोस्टेनियुक से ,प्रग्गानंधा नें आलेक्सी सरना से तो दिव्या देशमुख नें वर्तमान विश्व जूनियर चैम्पियन पोलिना शुवलोवा से ड्रॉ खेला ।

अब पूरा ध्यान दूसरे मैच मे था इस बार पहले बोर्ड पर काले मोहरो से विश्वनाथन आनंद नें इयान नेपोंनियची से मुक़ाबला खेला और आधा अंक हासिल कर लिया तो दूसरे बोर्ड पर विश्व रैपिड चैम्पियन रहे डेनियल डुबोव को कप्तान विदित गुजराती नें ड्रॉ खेलने पर मजबूर कर दिया पर तो हरिका द्रोणावल्ली नें अलेक्ज़ेंड्रा कोस्टेनियुक से ड्रॉ खेला अब ऐसे मे बचे तीन मैच मे भारत 1 बोर्ड पर जीतता नजर आ रहा था जबकि दो मुक़ाबले बराबर थे तभी अचानक तीनों खिलाड़ियों के मैच इंटरनेट की समस्या के चलते रुक गए । तीसरे बोर्ड पर अलेक्ज़ेंड्रा गोरयाचकिना के खिलाफ कोनेरु हम्पी का मैच तकरीबन 1.5 मिनट रुक कर चालू हो गया पर तब तक आन्द्रे एसीपेंकों के खिलाफ निहाल को तो पोलिना शुवालोवा के खिलाफ दिव्या देशमुख को समय के चलते सर्वर नें हारा घोषित कर दिया । इसके बाद स्कोर कुछ समय के 3.5-1.5 हो गया और हम्पी इसके बाद अपना मुक़ाबला भी हार गयी इस प्रकार स्कोर 1.5-4.5 से रूस के पक्ष मे हो गया ।

भारत के उपकप्तान श्रीनाथ नें की अपील - भारतीय नॉन प्लेईंग कप्तान एन श्रीनाथ नें तुरंत विश्व शतरंज संघ को ग्लोबल इंटरनेट समस्या के चलते सर्वर खराब होने की अपील की और मैच को पुनः खेले जाने की उम्मीद बढ़ गयी लगभग एक घंटे चले मंथन के बाद दूसरे मैच को रद्द घोषित करते हुए भारत और रूस को सयुंक्त विजेता घोषित कर दिया ।

 

कैसा रहा भारत का सफर - भारत नें सबसे पहले लीग चरण मे शानदार खेल दिखाते हुए अपने सभी मैच जीतकर खासतौर पर अंतिम मैच ओलंपियाड चैम्पियन चीन से 4-2 से जीतकर सीधे क्वाटर फाइनल मे जगह बनाई ,उसके बाद क्वाटर फाइनल मे अर्मेनिया को 3.5-2.5 से मात देते हुए सेमी फाइनल मे जगह बनाई । सेमी फाइनल मे पोलैंड को टाईब्रेक मे कोनेरु हम्पी की मदद से जीतकर भारत फाइनल मे पहुंचा ।

सीनियर पुरुष वर्ग मे विश्वनाथन आनंद - सबसे अनुभवी खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद नें टीम को सेमी फाइनल मे पोलैंड के खिलाफ बड़ी जीत दिलाने मे मदद की और पूरे टूर्नामेंट मे वह भारत के लिए एक मजबूत खिलाड़ी की तरह पहले बोर्ड पर डटे रहे ।

विदित गुजराती - नें हमेशा शानदार कप्तानी की और उनके टीम मे बदलाव हर बार सही साबित हुए 25 वर्षीय इस खिलाड़ी नें एक भी मैच नहीं गवाया पेंटाला हरिकृष्णा नें भी टीम को जरूरत के वक्त हर बार अंक बना कर दिया ।

महिला वर्ग मे भारत को कोनेरु हम्पी और हरिका द्रोणावल्ली का भरपुर साथ मिला और हम्पी नें भारत को सेमी फाइनल के टाईब्रेक मे बड़ी जीत दिलाई तो हरिका नें हर बड़े मुक़ाबले मे अपना अंक नहीं जाने दिया और मजबूती से आधा अंक दिलाया ।

जूनियर मे निहाल प्रग्गानंधा की जोड़ी तो बालिका में दिव्या देशमुख और वन्तिका अग्रवाल की जोड़ी सबसे खास रही और चीन के खिलाफ से लेकर रूस तक उन्होने महत्वपूर्ण समय मे टीम को जीत दिलाई और इसे ही पूरे टूर्नामेंट में भारत का प्लस पॉइंट माना गया

Niklesh Jain