पैरा एथलीट सुवर्णा बोलीं- अगर ऐसा होता रहा तो PM आवास के सामने आत्महत्या कर लूंगी
punjabkesari.in Wednesday, Mar 28, 2018 - 05:18 PM (IST)
नई दिल्लीः अंतरराष्ट्रीय पैरा एथलीट सुवर्णा राज द्वारा ट्वीट किए जाने के बाद भी जब कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की गई तो उन्होंने पीएम आवास के सामने आत्महत्या करने की बात कह दी। सुवर्णा का कहना है कि अगर खिलाड़ियों के साथ इस तरह का बर्ताव होता रहा तो वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास के सामने आत्महत्या कर लेंगी।
सुवर्णा ने बताया कि वह दिल्ली से 18वीं नेशनल पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप गेम्स में हिस्सा लेने के लिए पंचकूला पहुंची थी, लेकिन जहां उनके ठहरने की व्यवस्था की गई है, वहां के शौचालय की व्यवस्था ठीक नहीं थी। इस पर सुवर्णा ने पीएम मोदी को ट्वीट किया आैर वयवस्था ठीक ना होने की शिकायत की। इसके बाद ओलम्पिक कमेटी के अधिकारियों ने उन्हें एसोसिएशन चैंपियनशिप से बाहर का रास्ता दिखा दिया।
सुवर्णा ने भारतीय पैरा ओलम्पिक कमेटी पर आरोप लगाते हुए कहा वो बिना अपने इवेंट खेले घर वापस जाने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जल्द इस मामले को लेकर मुलाकात करेंगी और पीएम को बताएंगी कि उनसे कीड़े मकोड़े की तरह व्यवहार किया जाता है। स्वर्णा ने कहा कि हद तो तब हो गई जब अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाई तो सम्बन्धित अधिकारियों का कहना था कि आप डिस्कस खेल लो जबकि मेरा इवेंट जेवेेलिन है। आयोजकों का यहां तक कहना था कि आप को खिला देते हैं, लेकिन आपको मेडल नहीं देंगे।
@Today #PCI officials didn't allow me to play because I'v raised the voice for rights of #Divyang athletes, so I'm going back home & now I want to meet only PM Sh @narendramodi because @Rao_InderjitS & @Ra_THORe not meet to #ParaAthletes@mlkhattar @sardesairajdeep @ANI @PTI_News
— Suvarna Raj (@suvarnapraj) March 26, 2018
बात बढ़ने के बाद जागी सरकार
सुवर्णा के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दो दिन तक लगातार बदइंतजामी के ट्वीट भेजे जाने के बाद आखिरकार सरकार जाग गई है। मंगलवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के आदेश पर सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के डिसएबिलिटी कमिश्नर दिनेश शास्त्री पंचकूला के ताऊ देवीलाल स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में चल रही 18वीं नेशनल पैरा एथलेटिक चैंपियनशिप में दिव्यांग खिलाडि़यों से मिलने और उनकी समस्याएं जानने पहुंचे। सुवर्णा को पता चला कि दिव्यांगों की समस्याओं को जानने के लिए कमिश्नर शास्त्री आए हैं, तो उनका हौसला बढ़ गया।