Paris Olympics 2024 : जब हिटलर ने ओलिम्पिक का सहारा लेकर अपने पाप धोए, चलीं मनमानियां

punjabkesari.in Wednesday, Jul 24, 2024 - 11:11 PM (IST)

खेल डैस्क : इंटरनैशनल ओलिम्पिक कमेटी ने 1936 ओलिम्पिक खेलों के लिए मेजबान के तौर पर जर्मन राजधानी बर्लिन को चुना। 1933 में एडोल्फ हिटलर सत्ता में आए तो कई प्रमुख राजनेताओं और संगठनों ने खेलों के बहिष्कार का आह्वान कर दिया। कुछेक ने खेलों को स्थानांतरित करने की मांग भी की। उस समय हिल्टर अपने फैसलों के कारण विवादों में आ गए थे। उनपर हुकम न मानने पर हजारों लोगों का कत्ल करने के आरोप लगे थे। जब विश्व स्तर पर हिल्टर का विरोध होना शुरू किया तो उन्होंने विश्व नेताओं का ध्यान दूसरी तरफ ले जाने के लिए ओलिम्पिक को हथियार बनाया। तमाम विरोध के बावजूद हिल्टर ने बर्लिन में ओलिम्पिक खेल करवाए। माना गया कि हिटलर ने बर्लिन आयोजन को 'अपना' ओलिम्पिक माना और इसका उपयोग अपने नाजी प्रचार और युद्ध के बाद जर्मन के महिमामंडन को फैलाने के लिए किया। कई सदस्यों ने माना कि हिटलर ने अपने पाप धोने के लिए ओलिम्पिक का इस्तेमाल किया। आधुनिक ओलिम्पिक खेलों के इतिहास में पहली बार संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप में लोगों ने ओलिम्पिक के बहिष्कार का आह्वान किया था, जिसे बाद में मानवाधिकारों के हनन के रूप में जाना गया। हालांकि आंदोलन अंततः विफल रहा, इसने भविष्य के ओलिम्पिक बहिष्कार अभियानों (जैसे कि 2008 और 2014 में) के लिए एक महत्वपूर्ण मिसाल कायम की।

 

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9 बार मैडल विजेता को हिस्सा लेने से रोका
ओलिम्पिक में फ्लइंग फिन के नाम से मशहूर पावो नूरमी ऐसे एथलीट हैं जिन्होंने मैराथन दौड़ में 9 ओलिम्पिक गोल्ड जीते। लेकिन 1932 में लॉस एंजिल्स में आयोजित ओलिम्पिक के दौरान उन्हें स्वीडिश अधिकारियों ने खेलने से रोक दिया। दिग्गज एथलीटों ने अपनी दलीलें दीं लेकिन नूरमी को खेलने की अनुमति नहीं दी गई। ओलिम्पिक इतिहास की सबसे शर्मनाक घटना के कारण नूरमी को रिटायरमैंट लेनी पड़ी। नूरमी के नाम पर 1500 मीटर से 20 किमी के बीच की दूरी वाले खेलों में 22 आधिकारिक विश्व रिकॉर्ड दर्ज हैं।

 

विन्धम हैल्सवेले को वॉकओवर मिला
1908 लंदन ओलिम्पिक की 400 मीटर दौड़ में यू.एस.ए. के जॉन कारपेंटर विजेता होने के बावजूद अयोग्य करार दिए गए। आरोप लगा कि कारपेंटर ने दौड़ के दौरान ग्रेट ब्रिटेन के विन्धम हल्सवेले को कोहनी मारकर रोका। मजेदार बात यह रही कि अमरीकी नियमों के तहत यह वैध था लेकिन क्योंकि ओलिम्पिक लंदन में हो रहा था, तो ब्रिटिश नियमों के तहत यह सही नहीं था। हेल्सवेले को अन्य 2 फाइनलिस्ट विलियम रॉबिंस और यू.एस.ए. के जॉन टेलर के साथ एक और रेस भागने को कहा गया। जज के फैसले के विरोध में रॉबिंस और टेलर ने रेस छोड़ दी। हैल्सवेले को वॉकओवर मिल गया और वह 400 मीटर में मैडल जीत गए।

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'ब्लड इन द वॉटर'
हंगरी पर सोवियत संघ के आक्रमण ने मेलबर्न में 1956 के ग्रीष्मकालीन ओलिम्पिक तक तीव्र तनाव पैदा कर दिया था। सोवियत एथलीटों को भाग लेने की अनुमति देने के आई.ओ.सी. के फैसले के बाद स्पेन, नीदरलैंड और स्विट्जरलैंड जैसे कई देशों ने इस आयोजन का बहिष्कार किया। सोवियत-हंगेरियन तनाव तब बढ़ गया जब दो पुरुषों की वाटर पोलो टीमें सैमीफाइनल में आपस में भिड़ गईं। इस दौरान सोवियत संघ के वैलेन्टिन प्रोकोपोव ने हंगरी के एर्विन जेडोर की आंख में मुक्का मार दिया था। इस कुख्यात मैच को 'ब्लड इन द वॉटर' के नाम से भी जाना जाता है।


जब खेल बीच में ही निलंबित कर दिए गए
1972 का म्यूनिख ओलिम्पिक जिसे चीयरफुल गेम्स के नाम से प्रचारित किया गया था, अपने साथ बड़ी त्रासदी भी लेकर आया। टूर्नामैंट के दूसरे सप्ताह में फिलिस्तीनी ब्लैक सितंबर संगठन के सदस्यों ने इजरायली ओलिम्पिक दल के 11 सदस्यों और एक पुलिसकर्मी की हत्या कर दी। हमले के कुछ ही घंटों के भीतर खेलों को निलंबित कर दिया गया। लेकिन बाद में आई.ओ.सी. अध्यक्ष एवरी ब्रुंडेज के निर्देशों पर खेलों को जारी रखा गया।

 

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एंजेल माटोस ने रैफरी पर हमला किया
बीजिंग में कांस्य पदक मैच के दौरान रैफरी के चेहरे पर लात मारने के बाद क्यूबा के ताइक्वांडो एथलीट एंजेल माटोस को सभी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं से आजीवन प्रतिबंधित कर दिया गया। पूर्व ओलिम्पिक स्वर्ण पदक विजेता माटोस को मैच के दौरान पैर में चोट लग गई। उन्होंने टाइमआउट लिया लेकिन आवंटित समय के भीतर मैदान में लौटने में असफल रहे, जिसके परिणामस्वरूप रैफरी ने उन्हें समय के उल्लंघन के लिए अयोग्य घोषित कर दिया। इससे गुस्साए माटोस ने रैफरी के चेहरे पर लात मारी। इसके बाद एक जज की बांह में मुक्का मारा और सुरक्षाकर्मियों द्वारा बाहर निकाले जाने से पहले मैदान के फर्श पर थूक दिया।


डोपिंग के कारण रूसी एथलीटों पर प्रतिबंध
विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) ने शीतकालीन ओलिम्पिक 2014 के दौरान रूस में डोपिंग के आरोपों की जांच की। पाया गया कि रूसी शाखा रुसाडा नियमों का पालन ठीक से नहीं कर रही। इसके बाद रियो ओलिम्पिक के लिए रूस की ओलिम्पिक टीम में शामिल 389 एथलीटों में से 111 एथलीटों को उद्घाटन समारोह से एक दिन पहले डोपिंग के कारण निष्कासित कर दिया गया था।


 


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Content Writer

Jasmeet

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