ऋषभ पंत के पीछे क्रेजी हैं पार्थ जिंदल, LSG मालिक संजीव गोयनका ने सुनाया किस्सा
punjabkesari.in Thursday, Dec 12, 2024 - 06:27 PM (IST)
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खेल डैस्क : आईपीएल नीलामी 2025 में सिर्फ 20 मिनट में श्रेयस अय्यर और ऋषभ पंत ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। 2015 में कोई भी अन्य भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह के 16 करोड़ से अधिक में नहीं बिका था, लेकिन जेद्दा-सऊदी अरब में मेगा नीलामी के कुछ ही मिनटों के भीतर श्रेयस अय्यर और ऋषभ पंत पहली बार 25 करोड़ का आंकड़ा पार करने में सफल रहे। अय्यर पहले व्यक्ति थे जिन्हें 26 करोड़ की भारी कीमत पर पंजाब किंग्स द्वारा खरीदा गया था। उन्होंने पिछले साल केकेआर द्वारा 24.75 करोड़ में खरीदे गए मिशेल स्टार्क का रिकॉर्ड तोड़ा था। हालांकि, श्रेयस के नाम यह रिकॉर्ड केवल 11 मिनट रहा क्योंकि लखनऊ सुपर जाइंट्स ने ऋषभ पंत को बोर्ड पर लाने के लिए 27 करोड़ खर्च कर दिए।
उस रिकॉर्ड-तोड़ आईपीएल नीलामी के तीन सप्ताह अब एलएसजी के मालिक संजीव गोयनका ने पंत पर बोली लगाने के पीछे का विज्ञान उजागर किया है। गोयनका ने कहा कि वह जानते थे कि डीसी के सह-मालिक पार्थ जिंदल पंत के लिए "पागल" थे और उन्हें वापस लाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते थे, इसलिए उन्हें इतनी राशि लगानी पड़ी कि डीसी उनके राइट टू मैच विकल्प का उपयोग करने के बावजूद मैच नहीं कर सके।
गोयनका ने बताया कि ऋषभ पंत के लिए 27 करोड़ की बोली लगाने के पीछे विज्ञान था। दिल्ली ने श्रेयस अय्यर के लिए 26.5 करोड़ की बोली लगाई। मुझे लगा- पार्थ जिंदल ऋषभ पंत के लिए इतने पागल हैं कि वह आईपीएल नीलामी में एक पायदान ऊपर जाएंगे। मैंने विचार किया जहां पर वह रुकेगा हम वहां से ऊपर जाएंगे। हमने तीन परिदृश्यों की गणना की थी। आरपीएसजी समूह के मालिक ने कहा कि हमें पता था कि हम उसे लेने जा रहे हैं और हमने अपनी पूरी योजना में उसके लिए 25 से 27 करोड़ रुपए रखे थे। इसलिए, जब ऋषभ के लिए बोली 21-22 करोड़ पर रुकी तो डीसी ने उनके लिए आरटीएम का उपयोग करने में एक सेकंड भी बर्बाद नहीं किया। जब ऐसा हुआ तो हम हर संभव हद तक जाने को तैयार थे।
गोयनका ने कहा कि पंत को अपनी टीम के साथ जोड़ने का मुख्य मकसद एक भारतीय एंकर को अपने साथ जोड़ना था। उन्होंने कहा कि दिल्ली के लिए जो भी परिस्थितियां रहीं, उन्होंने उसे रिटेन नहीं किया या फिर वह ऋषभ को रिटेन करने के इच्छुक नहीं थे। मेरे लिए उस पर चर्चा करना या उस पर टिप्पणी करना सही नहीं है। यदि आप पार्थ की प्रतिक्रिया को देखें, तो यह ऐसा लगता है कि सौदा हो गया है। इस सब को देखते हुए, हमने सोचा कि 27 करोड़ एक सुरक्षित बोली थी, अगर ऋषभ हमारे पास नहीं आते, तो एलएसजी को एक भारतीय एंकर की कमी खलती जिसके इर्द-गिर्द पूरी टीम बनी है।