3 मैचों में फेल होकर बोला पृथ्वी शॉ का बल्ला, गोवा के खिलाफ खेली धुआंधार पारी

punjabkesari.in Monday, Feb 25, 2019 - 09:07 PM (IST)

जालन्धर (जसमीत सिंह) : नवंबर 2018 में ऑस्ट्रेलियाई दौरे से चोटिल होकर लौटे पृथ्वी शॉ का बल्ला आखिरकार सैय्यद मुश्ताक अली ट्रॉफी के शुरुआती मैचों में विफल रहने के बाद आखिरकार बोल ही पड़ा है। चोट से लौटे पृथ्वी वापसी पर कैसा खेलेंगे इस पर क्रिकेट फैंस के अलावा कई दिग्गजों की नजर टिकी हुई थी। लेकिन पृथ्वी ने शुरुआती तीन मैचों में निम्र स्कोर बनाकर सबको निराश कर दिया था। आखिर सोमवार को गोवा के साथ जब मैच आया तो पृथ्वी का बल्ला बोल ही पड़ा। पृथ्वी ने 7 छक्के और 5 चौकों की मदद से 47 गेंदों में 71 रन बनाए। 

पृथ्वी शॉ की कमबैक के बाद की पारियां
10 रन विरुद्ध सिक्किम (इंदौर के मैदान पर)
08 रन विरुद्ध पंजाब (इंदौर के मैदान पर)
00 रन विरुद्ध मध्य प्रदेश (इंदौर के मैदान पर)
71 रन विरुद्ध गोवा (इंदौर के मैदान पर)

मुंबई ने 6 विकेट से जीता मैच

इंदौर के मैदान पर गोवा की टीम ने पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया था। शगुन कामत (27) और कप्तान अमोघ सुनील देसाई (38) ने अपनी टीम को सधी हुईशुरुआत दी। दोनों ने 8 ओवरों में 58 रन बनाए। इसके अलावा अमित वर्मा (27), कीनन वैज (26) और सुआश ने 14 रन की पारी खेलकर स्कोर 20 ओवरों में 140 रन तक पहुंचाया। जवाब में कप्तान रहाणे के साथ उतरे पृथ्वी ने गोवा के गेंदबाजों की मैदान के चारों कोनों पर पिटाई की। पृथ्वी के 71 रन, रहाणे के 31 तो सूर्यकुमार यादव के 24 रनों की बदौलत मुंबई ने मैच 6 विकेट से जीत लिया।  

ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद काऊंसलिंग की जरूरत पड़ी थी पृथ्वी को

पृथ्वी के लिए बीता महीना अच्छा नहीं गुजरा था। सोशल साइट्स पर यह चर्चा आम थी कि ऑस्ट्रेलिया दौरे से चोटिल होकर जब पृथ्वी लौटे, तो वह गलत संगत में फंस गए थे। मामला इतना गंभीर हो गया था कि खुद सचिन तेंदुलकर को पृथ्वी की काऊंसलिंग करनी पड़ी थी। बताया जाता है कि पृथ्वी से छोटी उम्र में मिला फेम संभल नहीं रहा था। इस कारण वह कई लोगों के लिए दिक्कतें खड़ी कर रहे थे।

546 रन बनाकर चर्चा में आए थे पृथ्वी

पृथ्वी शॉ पहली बार चर्चा में तब आए थे जब हैरिस शील्ड टूर्नामैंट के दौरान उन्होंने 330 गेंदों में 546 रन बना दिए थे। 14 साल के पृथ्वी ने तब 85 चौके और 5 छक्के जड़े थे। वह रिजवी स्प्रिंगफील्ड स्कूल की ओर से खेल रहे थे। सितंबर 2017 में, 17 साल की उम्र में, शॉ दलीप ट्रॉफी के पर्दापण मैच में शतक लगाने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बने। उन्होंने इस मामले में सचिन तेंदुलकर का रिकॉर्ड तोड़ा था।

Jasmeet