पाकिस्तान सुपर लीग को लगा झटका, विदेशी क्रिकेटरों के हटने से आगामी टूर्नामेंट प्रभावित
punjabkesari.in Tuesday, Feb 13, 2024 - 02:23 PM (IST)
कराची : दुनिया भर में एक साथ चल रही कई फ्रेंचाइजी लीगों के कारण कुछ क्रिकेट बोर्ड ने अपने खिलाड़ियों को दूसरे देशों की घरेलू टी20 क्रिकेट में प्रतिस्पर्धा करने की अनुमति देने से इनकार दिया है जिससे कई बड़े अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटरों को पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) से नाम वापस लेना पड़ा। पीएसएल 17 फरवरी से लाहौर में शुरू हो रहा है और कई खिलाड़ियों द्वारा ‘बांग्लादेश प्रीमियर लीग', ‘आईएलटी20' और ‘एसए20' लीग का विकल्प चुनने से सभी छह फ्रेंचाइजी टीमों को काफी नुकसान हुआ है।
पीएसएल टीम मुल्तान सुल्तांस को कई प्रमुख खिलाड़ियों का साथ नहीं मिलेगा। इसमें इंग्लैंड के तेज गेंदबाज रीस टॉपले चोट के कारण टूर्नामेंट से बाहर होने वाले नवीनतम खिलाड़ी हैं। इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने भी कहा कि उसने टॉपले को पीएसएल में खेलने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी नहीं किया है। कुछ अन्य बोर्ड भी पीएसएल के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र देने के बारे में दोबारा विचार कर रहे हैं।
पेशावर जाल्मी को दक्षिण अफ्रीका के लुंगी एनगिडी की सेवाएं नहीं मिलेंगी तो वहीं क्वेटा ग्लैडिएटर्स को श्रीलंका के वानिंदु हसरंगा के बिना मैदान में उतरना होगा। वेस्टइंडीज के क्रिकेटर शाई होप, मैथ्यू फोर्ड और अकील हुसैन के साथ दक्षिण अफ्रीका के तबरेज शमशी और रासी वान डेर डुसेन भी पीएसएल के आगामी सत्र में नहीं खेलेंगे। इंग्लैंड के जेम्स विंस और अफगानिस्तान के नूर अहमद तथा नवीन उल हक भी पूरे टूर्नामेंट से बाहर रहेंगे।
पीएसएल फ्रेंचाइजी के मालिक ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) से टूर्नामेंट विंडो (आयोजन का समय) पर फिर से विचार करने का आग्रह किया है। उन्होंने गोपनीयता की शर्त पर कहा, ‘‘एसए20' हाल ही में संपन्न हुआ और ‘आईएलटी20' ‘पीएसएल' शुरू होने वाले दिन समाप्त होगा, इसलिए अब बड़े खिलाड़ियों से करार करना मुश्किल हो रहा है।'
उन्होंने कहा कि जनवरी-फरवरी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट श्रृंखला के लिए व्यस्त सत्र है। श्रीलंका अफगानिस्तान के खिलाफ श्रृंखला खेल रहा है, दक्षिण अफ्रीका न्यूजीलैंड के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की श्रृंखला खेल रहा है जबकि वेस्टइंडीज ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ श्रृंखला खेल रहा है। उन्होंने कहा, ‘पीएसएल विंडो को बदलने की बहुत जरूरत है। अगर ऐसा नहीं हुआ तो हम बड़े विदेशी खिलाड़ियों से करार नहीं कर पाएंगे और इस लीग का आकर्षण खत्म हो जाएगा।'