आर अश्विन को मिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पद्मश्री पुरस्कार
punjabkesari.in Monday, Apr 28, 2025 - 08:22 PM (IST)

खेल डैस्क : भारतीय ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक भव्य समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री से सम्मानित किया। यह न केवल अश्विन के लिए, बल्कि पूरे भारतीय क्रिकेट के लिए गर्व का क्षण था।
#WATCH | Cricketer Ravichandran Ashwin receives Padma Shri award from President Droupadi Murmu for his contribution to the field of Sports.
— ANI (@ANI) April 28, 2025
(Video Source: President of India/YouTube) pic.twitter.com/n34QeaZz3y
दुनिया के शीर्ष बल्लेबाजों को अपनी फिरकी के जाल में फंसाने के वर्षों बाद, रविचंद्रन अश्विन ने अपने शानदार करियर में एक और उपलब्धि जोड़ ली है। हाल के वर्षों में, वे सभी प्रारूपों में बल्लेबाजों के लिए चुनौती बन गए हैं, और आधुनिक क्रिकेट में सबसे चतुर गेंदबाजों में शुमार हैं। 537 टेस्ट विकेट, 156 वनडे विकेट और 72 टी20 अंतरराष्ट्रीय विकेट के साथ, अश्विन एक दशक से अधिक समय से भारतीय गेंदबाजी आक्रमण का मजबूत स्तंभ रहे हैं। उन्होंने 2011 विश्व कप और 2013 चैंपियंस ट्रॉफी में भारत की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। टेस्ट क्रिकेट में बल्लेबाजों को चकमा देने के मामले में, केवल अनिल कुंबले ही सभी प्रारूपों में भारत के लिए उनसे अधिक विकेट ले पाए हैं।
रविचंद्रन अश्विन को क्रिकेट खेलने की प्रेरणा मुख्य रूप से उनके परिवार, विशेषकर उनके पिता रविचंद्रन, और उनके शुरुआती कोचों से मिली। चेन्नई में जन्मे अश्विन के पिता एक तेज गेंदबाज थे, जो क्लब स्तर पर क्रिकेट खेलते थे। उनके पिता की क्रिकेट के प्रति रुचि और घर में खेल की चर्चा ने अश्विन को कम उम्र से ही इस खेल की ओर आकर्षित किया। अश्विन ने कई साक्षात्कारों में बताया कि उनके पिता ने उन्हें क्रिकेट के प्रति जुनून और अनुशासन सिखाया, जो उनकी सफलता का आधार बना। इसके अलावा, अश्विन ने श्रीलंका के दिग्गज स्पिनर मुथैया मुरलीधरन और भारतीय स्पिनर हरभजन सिंह को अपनी प्रेरणा के रूप में देखा। मुरलीधरन की विविध गेंदबाजी और हरभजन की आक्रामक शैली ने उन्हें ऑफ-स्पिन गेंदबाजी की कला सीखने के लिए प्रेरित किया। चेन्नई के स्थानीय क्रिकेट क्लबों और कोचों, जैसे टी.जे. रमेश, ने उनकी प्रतिभा को निखारा और उन्हें तकनीकी रूप से मजबूत बनाया। अश्विन की मेहनत और इन प्रेरणाओं ने उन्हें भारत के सबसे महान स्पिनरों में से एक बनाया।