जोफ्रा आर्चर का बड़ा आरोप- क्वारेंटाइन पीरियड के दौरान हुआ नस्लीय भेदभाव

punjabkesari.in Wednesday, Jul 22, 2020 - 01:09 PM (IST)

नई दिल्ली : इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर ने खुलासा किया है कि उन्हें साउथेम्प्टन में वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टेस्ट के बाद सुरक्षा घेरा तोडऩे के कारण क्वारेंटाइन रहते हुए ऑनलाइन नस्लीय दुव्र्यवहार का शिकार होना पड़ा था। एक अखबार में लिखे कॉलम में आर्चर ने कहा- पिछले कुछ दिनों में मैंने बहुत से सोशल मीडिया प्रोफाइलों को अनफॉलो और म्यूट कर दिया है, ताकि इनसे दूर रह सकूं। मैं अब इन पर वापस नहीं जाऊंगा। मुझे यह अनावश्यक शोर लगता है। दो विकेट लें और हर कोई फिर से बैंडबाजे के साथ वापस आ जाता है। यह एक चंचल दुनिया है जिसमें हम रहते हैं।

आर्चर ने लिखा- पिछले कुछ दिनों में मैंने जो इंस्टाग्राम पर देखा वह नस्ली भेदभाव था। फिर मैंने फैसला किया कि मैं इसके लिए नहीं जाऊंगा। आर्चर ने फुटबॉलर विलफ्राइड जाहा जिन्हें 12 साल के बच्चे ने ऑनलाइन नस्ली भेदभाव किया था, का उदाहरण देकर कहा- मैंने एक लाइन खींच दी है जिससे आगे अब मैं किसी को आने नहीं दूंगा। फिलहाल मैंने एक शिकायत ईसीबी को सौंप दी है। 

 

आर्चर का दूसरा कोविड-19 परीक्षण निगेटिव आया है। इसके साथ  ही आर्चर को श्रृंखला के अंतिम टेस्ट के लिए टीम में शामिल होने की अनुमति मिल गई है जोकि 1-1 की बराबरी पर चल रही है। आर्चर ने हरफनमौला खिलाड़ी बेन स्टोक्स से बातचीत करते हुए खुलासा किया कि किस तरह इस खिलाड़ी ने उन्हें ऐसे शोर से बाहर निकालने में मदद की।

आर्चर ने लिखा- मैंने डॉक्टर से इस बारे में संक्षेप में बात की थी कि मैं कैसा महसूस कर रहा हूं और सोमवार रात को बेन स्टोक्स से भी बात हुई। बेन ने मुझे अंतरराष्ट्रीय खेल की सुर्खियों में बने रहने और विवादों से बचने पर सलाह दी। उन्होंने मुझे समर्थन देने और मेरा समर्थन करने की कसम खाई। अब, मुझे मानसिक रूप से 100 प्रतिशत सही होने की आवश्यकता है ताकि मैं इस सप्ताह क्रिकेट में वापसी कर सकूं।

Jasmeet