विराट के समर्थन में रवि शास्त्री, कहा- उसके फैसले का सम्मान करना चाहिए

punjabkesari.in Wednesday, Jan 26, 2022 - 03:20 PM (IST)

मस्कट : भारत के पूर्व प्रमुख कोच रवि शास्त्री को साउथ अफ़्रीका में टीम की दोहरी हार के बाद घबराने की कोई वजह नहीं दिख रही है। ओमान में चल रहे लेजेंड्स लीग क्रिकेट के दौरान शास्त्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारत के मजबूत प्रदर्शन को देखते हुए कि मानक अचानक कैसे नीचे जा सकता है। भारत के प्रमुख कोच के रूप में उनके कार्यकाल के बाद शास्त्री ने पूर्व खिलाड़ियों के समावेश वाली लेजेंड्स लीग क्रिकेट के आयुक्त के रूप में पदभार संभाला। 

शास्त्री ने कहा कि उन्होंने साउथ अफ़्रीका में हुई सीरीज़ पर अधिक ध्यान नहीं दिया था लेकिन उन्हें विश्वास था कि टीम वापसी ज़रूर करेगी। अगर टीम एक सीरीज़ हार जाती है, तो आप लोग आलोचना करना शुरू कर देते हैं। आप हर मैच नहीं जीत सकते, हार-जीत तो होगी ही। मानक अचानक कैसे गिर सकता है? पांच साल तक आप दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीम थे। 2014 से 2021 के बीच दो कार्यकाल में शास्त्री भारतीय टीम के साथ काम किया।

शास्त्री के नेतृत्व में भारत 2018-19 में ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज़ जीतने वाली पहली एशियाई टीम गई। 2020-21 में उन्होंने इस उपलब्धि को दोहराया। टीम ने पहली विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बनाई और 2021 में वह इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में 2-1 से आगे चल रही थी जब कोरोना ने अंतिम मैच में बाधा डाली। 2017 में अनिल कुंबले से पदभार संभालने के बाद 2019 में शास्त्री के कार्यकाल को 2021 टी20 विश्व कप के अंत तक आगे बढ़ाया गया था। उम्र प्रतिबंधों के कारण 59 वर्षीय शास्त्री एक और कार्यकाल के लिए पात्र नहीं होते। 

राहुल द्रविड़ ने तब से शास्त्री का पदभार संभाला है, लेकिन कप्तानी के मोर्चे पर भी मंथन हुआ है क्योंकि विराट कोहली ने कुछ ही महीनों के भीतर टी20 अंतररष्ट्रीय और टेस्ट की कप्तानी छोड़ी जबकि उन्हें वनडे कप्तानी से निकाला गया। अपने पूरे कार्यकाल में कोहली के साथ काम करने वाले शास्त्री ने कहा कि टेस्ट कप्तान पद छोड़ने के उनके फैसले पर सवाल नहीं उठाया जाना चाहिए। 

शास्त्री ने कहा कि वह उनका निर्णय है। आपको इस निर्णय का सम्मान करना चाहिए। हर चीज़ का एक सही समय होता है। पहले भी अपनी बल्लेबाज़ी या क्रिकेट पर ध्यान केंद्रित करने के उद्देश्य से कई बड़े खिलाड़ियों ने कप्तानी छोड़ी हैं। फिर चाहे वह (सचिन) तेंदुलकर हो, (सुनील ) गावस्कर या (महेंद्र सिंह) धोनी। अब इस सूची में विराट कोहली भी है।

शास्त्री ने कहा कि कोहली के बेहद सफल कार्यकाल को इस आधार पर नहीं आंका जाना चाहिए कि उन्होंने भारत को किसी भी प्रारूप में वैश्विक खिताब नहीं दिलाया। कई बड़े खिलाड़ियों ने विश्व कप नहीं जीता है। (सौरव) गांगुली, (राहुल) द्रविड़, (अनिल) कुंबले भी विश्व कप नहीं जीते हैं। तो क्या हम उन्हें खराब खिलाड़ी करार दे सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि आप सामान्यी करण नहीं कर सकते। आप मैदान पर जाकर खेलते हैं। यह देखिए ना कि हमारे पास कितने विश्व कप विजेता कप्तान हैं। सचिन तेंदुलकर को इसे जीतने के लिए छह विश्व कप खेलने पड़े। अंत में, आपको इस बात से आंका जाता है कि आप कैसे खेलते हैं। क्या आप ईमानदारी के साथ खेल खेलते हैं, और क्या आप लंबे समय तक खेलते हैं? इस तरह आप खिलाड़यिों को परखते हैं। 


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Content Writer

Raj chaurasiya

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