रवि शास्त्री ने दिया बड़ा बयान, कहा- ऑस्ट्रेलियाई सीरीज के दौरान यह गेंदबाज रहा हमारी खोज
punjabkesari.in Monday, Jan 25, 2021 - 03:47 PM (IST)
नई दिल्ली : भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री ने नये तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज को ऑस्ट्रेलिया दौरे की खोज करार देते हुए शुक्रवार को कहा कि निजी क्षति और दर्शकों से नस्लीय दुर्व्यवहार का सामना करने के बाद भी उन्होंने टेस्ट श्रृंखला की ऐतिहासिक जीत में अहम भूमिका निभाई। सिराज के पिता का 20 नवंबर को फेफड़े की बीमारी से निधन हो गया । इससे एक सप्ताह पहले ही सिराज भारतीय टीम के साथ आस्ट्रेलिया पहुंचे थे । उन्हें घर लौटने का विकल्प दिया गया लेकिन वह टीम के साथ रूके रहे।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार मैचों की श्रृंखला के सिडनी में खेले गए तीसरे टेस्ट में उन्हें दर्शकों से नस्लीय टिप्पणी का सामना करना पड़ा था। इन सब बाद उन्होंने श्रृंखला में भारत की ओर से सर्वाधिक 13 विकेट लिये जिससे टीम पिछड़ने बाद 2-1 से जीत दर्ज करने में सफल रही। शास्त्री ने 26 साल के इस गेंदबाज की तारीफ करते हुए ट्वीट किया कि गेंदबाजी आक्रमण के स्तर को ऊंचा करने वाले मोहम्मद सिराज इस दौरे की खोज है। उन्होंने व्यक्तिगत क्षति, नस्लीय टिप्पणियों का सामना करते हुए अच्छे प्रदर्शन के लिए इसे प्रेरणा की तरह लिया।
Find of the tour for shoring up the bowling attack the way he did - Mohd Siraj. He fought through personal loss, racial remarks and channelised them to find home in the team huddle 🇮🇳 pic.twitter.com/qkzpXgqQiX
— Ravi Shastri (@RaviShastriOfc) January 22, 2021
श्रृंखला के दूसरे टेस्ट मेलबर्न में पदार्पण करने वाले सिराज ने अनुभवी तेज गेंदबाजों के चोटिल होने के बाद उनकी कमी को बखूबी पूरा किया।
ब्रिसबेन में खेले गये चौथे टेस्ट में उन्होंने युवा भारतीय गेंदबाजों की अगुवाई करते हुए इस खेल के सबसे लंबे प्रारुप में पहली बार पांच विकेट (दूसरी पारी में) चटकाये। उन्होंने गाबा में खेले गये इस निर्णायक मुकाबले में 150 रन देकर सात विकेट लिये। इस मैच को भारतीय टीम ने तीन विकेट से जीत कर श्रृंखला में ऐतिहासिक सफलता हासिल की।
उन्होंने गुरूवार को भारत लौटने पर कहा था कि सिडनी टेस्ट में दर्शकों द्वारा नस्लीय टिप्पणियां किये जाने के बाद मैदानी अंपायरों ने उनकी टीम को तीसरा टेस्ट बीच में छोड़ने का विकल्प दिया था जिसे कप्तान अजिंक्य रहाणे ने ठुकरा दिया। वह स्वदेश लौटने पर अपने घर जाने से पहले मरहूम पिता की कब्र पर फूल चढाने गए थे।