WTC फाइनल से ड्रॉप होने पर छलका अश्विन का दर्द, बोले- मुझे कभी गेंदबाज नहीं बनना चाहिए था

punjabkesari.in Friday, Jun 16, 2023 - 04:03 PM (IST)

नई दिल्ली: आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में दुनिया के नंबर एक टेस्ट गेंदबाद रविचंद्रन अश्विन को प्लेइंग इलेवन से बाहर करना भारतीय टीम का एक बड़ा गलत फैसला माना गया। इस कारण टीम इंडिया की खूब किरकरी भी हुई। अश्विन इंग्लैंड में अपने परिवार को छोड़कर कोयंबटूर में तमिलनाडु प्रीमियर लीग में डिंडीगुल ड्रैगन्स में शामिल हुए। इससे पता चलता है कि उनका क्रिकेट के प्रति कितना लगाव है। हालांकि, अश्विन ने अब डब्ल्यूटीसी फाइनल से ड्रॉप होने पर अपना दर्द बाहर निकाला है, साथ ही कहा कि उन्हें कभी गेंदबाज नहीं बनना चाहिए था। 

अश्विन ने कहा, ''मैं फाइनल में खेलना चाहता था, मगर ऐसा नहीं हुआ।'' हालांकि वो इससे निराश नहीं हैं। अश्विन ने टीम इंडिया को फाइनल तक पहुंचाने में अपना अहम योगदान दिया था। उन्होंने कहा कि वो उन्हें 48 घंटे पहले ही पता चल गया था कि वो बाहर होने वाले हैं। इसके साथ ही अश्विन ने बताया कि वो कैसे एक बल्लेबाज से गेंदबाज बने। उन्होंने साफ कहा कि भारत की खराब गेंदबाजी देख उन्होंने गेंद थामने का फैसला किया था।

अश्विन ने कहा ‘यह एक सच्ची कहानी है और मैं किसी बनावटी चीज से बात नहीं करता। एक दिन मैं भारत-श्रीलंका का मैच देख रहा था और भारत की गेंदबाजी चरमरा गई थी। मेरे पसंदीदा सचिन तेंदुलकर थे, और वह जो भी रन बनाते थे, हम गेंद से उन रनों को लुटा कर देते थे। मैंने एक दिन सोचा मुझे गेंदबाज होना चाहिए। क्या मैं मौजूदा गेंदबाजों से बेहतर नहीं हो सकता? यह सोचने का बहुत ही बचकाना तरीका है लेकिन मैंने ऐसा ही सोचा और इसलिए मैंने ऑफ स्पिन गेंदबाजी शुरू की। फिर यहां से मेरे गेंदबाजी करियर की शुरूआत हुई। हालांकि, कल जब मैं संन्यास लूंगा, तो सबसे पहले मुझे इस बात का पछतावा होगा कि मैं इतना अच्छा बल्लेबाज था, मुझे कभी गेंदबाज नहीं बनना चाहिए था।’

बता दें कि ऑफ स्पिनर अश्विन ने अभी तक 92 टेस्ट खेले हैं, जिसमें 474 विकेट शामिल हैं। वहीं 113 वनडे में 151 और 65 टी20 मुकाबले 72 विकेट चटकाए हैं। अश्विन ने अपने क्रिकेट करियर का आगाज तो बतौर बल्लेबाज किया था, लेकिन बाद में उन्होंने अपने हाथ में गेंद थाम ली।

News Editor

Rahul Singh