रोनाल्डो मेस्सी टूर्नामेंट से बाहर, फुटबॉल को मिलेंगे नए स्टार

punjabkesari.in Sunday, Jul 01, 2018 - 06:33 PM (IST)

मॉस्कोः लियोनल मेस्सी और क्रिस्टियानो रोनाल्डो की टीमें बाहर हो चुकी हैं और अब नये युवा खिलाडिय़ों का समूह विश्व कप में अपनी छाप छोडऩे के लिए तैयार है जो संभवत : आगे चल अगली पीढ़ी के वैश्विक स्टार बनेंगे। फ्रांस के किशोर काइलियान मबापे ने शनिवार को मेस्सी की मौजूदगी वाली अर्जेन्टीना के खिलाफ दो गोल दागकर अर्जेन्टीना को 4-3 से हराकर विश्व कप से बाहर करने में अहम भूमिका निभाई और शीर्ष स्तर पर अपनी मौजूदगी की छाप छोड़ी।



मबापे मौजूदा टूर्नामेंट में तीन गोल कर चुके हैं जो इंग्लैंड के करिश्माई कप्तान हैरी केन से दो जबकि बेल्जियम से रोमेलु लुकाकु से एक कम है। रोनाल्डो की पुर्तगाल टीम को भी उरूग्वे के खिलाफ 1-2 से हार का सामना करना पड़ा। मेस्सी और रोनाल्डो की टीमों के क्वार्टर फाइनल में आमने सामने होने की उम्मीद थी लेकिन दोनों ही टीमें एक साथ टूर्नामेंट से बाहर हो गईं। मेस्सी और रोनाल्डो वर्षों से यूरोप और स्पेन में नए रिकॉर्ड बना रहे हैं लेकिन इन दोनों ने कुल मिलाकर 14 विश्व कप नॉकआउट मैच खेले हैं लेकिन कभी गोल नहीं कर सके। मेस्सी ने क्लब स्तर पर बार्सीलोना की ओर से शानदार प्रदर्शन किया है लेकिन 2014 फाइनल में जर्मनी के खिलाफ संभवत : उनके पास विश्व कप जीतने का सबसे करीबी मौका था।



दो साल पहले पुर्तगाल के साथ यूरोपीय चैंपियन बने रीयाल मैड्रिड के फॉरवर्ड रोनाल्डो अगले विश्व तक 37 बरस के हो जाएंगे और इसकी पूरी संभावना है कि वह 2006 में विश्व कप सेमीफाइनल में पहुंचने के अपने टीम के अभियान को बेहतर नहीं कर पाएं। पांच-पांच बार विश्व के साल के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी रहे इन दोनों खिलाडिय़ों के बाहर होने के बाद युवा खिलाडिय़ों के पास सुर्खियां बटोरने का मौका है। उन्नीस साल के मबापे इस पीढ़ी की अगुआई कर रहे हैं। वह 1958 में 17 साल के पेले के बाद किसी विश्व कप मैच में दो गोल करने वाले पहले किशोर खिलाड़ी हैं।



दूसरी तरफ प्रीमियर लीग में लगातार चार सत्र में 20 या इससे अधिक गोल करने के बाद केन शीर्ष स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखा रहे हैं और टीम तथा उसके आक्रमण की अगुआई कर रहे हैं। केन ने ट्यूनीशिया के खिलाफ पहले मैच में दो गोल दागने के बाद अगले मैच में हैट्रिक बनाई और वह इंग्लैंड की युवा टीम के अहम सदस्य हैं।



बेल्जियम के लुकाकु भी चार साल पहले ब्राजील में विफलता के बाद अपने आलोचकों को कड़ा जवाब दे रहे हैं। पच्चीस साल का यह खिलाड़ी ग्रुप जी के लगातार दो मैचों में दो-दो गोल करने में सफल रहा और 1986 में डिएगो माराडोना के बाद ऐसा करने वाला किसी देश का पहला खिलाड़ी बना। वह बेल्जियम की ओर से 71 मैचों में 40 गोल दागकर अपने देश के शीर्ष स्कोरर हैं।

 

Yaspal