सचिन को पसंद नहीं आया यो-यो टेस्ट, बोल दी ये अहम बात

punjabkesari.in Tuesday, Jul 24, 2018 - 02:21 PM (IST)

नई दिल्लीः भारतीय क्रिकेट टीम में अगर शामिल होना है तो उसके लिए पहले यो-यो टेस्ट पास करना होगा। यह मानना है टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री आैर कप्तान विराट कोहली का, लेकिन पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर को खिलाड़ी की फिटनेस परखने का यह तरीफा पसंद नहीं आया। लिहाजा उन्होंने इसपर एक अहम बात कह डाली। 

सचिन ने एक अखबार को दिए इंटरव्यू के दाैरान कहा, 'मैं इस बात का समर्थक नहीं हूं कि टीम में चयन का एकमात्र आधार यो-यो टेस्ट हो। मुझे लगता है कि फिटनेस आज महत्वपूर्ण मुद्दा है, लेकिन खिलाड़ी की फिटनेस को मापने के लिए और भी कई माध्यम हो सकते हैं।' 


यो-यो चयन का आधार नहीं 
क्रिकेटर के भगवान सचिन ने कहा कि मुझे लगता है फिल्डिंग के कुछ मानक फिटनेस के मानक हो सकते हैं। मैंने कभी यो-यो टेस्ट पास नहीं किया। हमें बीप टेस्ट से गुजरना पड़ता था। फिर भी मुझे लगता है यो-यो टेस्ट चयन का एकमात्र आधार नहीं हो सकता। खिलाड़ी की खेलने की क्षमता और कैसे वह खुद को फिट रखता है यह महत्वपूर्ण है।

इसके कारण बाहर हुए दिग्गज खिलाड़ी
आईपीएल के दाैरान अंबाती रायुडू ने 16 मैचों में 43.00 की आैसत से 602 रन बनाए थे, जिसमें 1 शतक आैर 3 अर्धशतक भी शामिल थे। उन्हें अब टीम में शामिल होने की पूरी उम्मीद थी, लेकिन फिटनेस टेस्ट में फेल होने के कारण उन्हें इंग्लैंड दाैरे से बाहर होना पड़ा। उनके अलावा टीम के सबसे अहम आैर माैजूदा समय में सीनियर तेज गेंजबाज मोहम्मद शमी को भी इस टेस्ट के कारण अफगानिस्तान के खिलाफ हुए एकमात्र ऐतिहासिक टेस्ट से बाहर होना पड़ा था। इनके अलावा युवराज सिंह आैर हरभजन सिंह भी लंबे समय से टीम से बाहर बैठे हैं। 

 

कपिल भी दे चुके हैं इसपर अहम बयान
सचिन से पहले पूर्व भारतीय कपिल देव भी इस तरह का बयान दे चुके हैं। कपिल देव ने कहा था कि खिलाड़ी अगर मैच में फिट है तो उसके लिए कोई दूसरा पैमाना तय नहीं करके खिलाना चाहिए। आगे उन्होंने कहा कि फुटबॉल के महान खिलाड़ी डियागो माराडोना भी तेज नहीं थे लेकिन जब गेंद उनके पास होती थी तो वे भी तेज हो जाते थे। इस तरह क्रिकेट के मैदान पर भी फिटनेस के लिए खिलाड़ियों के अलग तरीके होते हैं।


जानिए 'यो-यो फिटनेस टेस्ट' के बारे
यो-यो फिटनेस टेस्ट में 20 मीटर की दूरी पर दो पंक्तियां बनाई जाती हैं। खिलाड़ी लगातार दो लाइनों के बीच दौड़ता है और जब बीप बजती है तो उसे मुड़ना होता है। हर एक मिनट में तेजी बढ़ती जाती है और अगर समय पर रेखा तक नहीं पहुंचे तो दो और 'बीप' के अंतर्गत तेजी पकड़नी पड़ती है। अगर खिलाड़ी दो छोरों पर तेजी हासिल नहीं कर पाता है तो परीक्षण रोक दिया जाता है। BCCI के मुताबिक हर खिलाड़ी को इस टेस्ट में कम से कम 19.5 या इससे ज़्यादा अंक हासिल करने होते हैं ।

 

Rahul