एक ऐसा महान क्रिकेटर जो विवादों के बीच रह कर भी बना रहा ''स्पिन का जादूगर'', सपने में आए थे सचिन

punjabkesari.in Thursday, May 28, 2020 - 12:36 PM (IST)

नई दिल्लीः ऑस्ट्रेलिया  के पूर्व लेग स्पिनर शेन वॉर्न ने 15 साल के क्रिकेट करियर में कई उपलब्धियां हासिल की। उनके जन्मदिन पर हम आपको उस गेंद के बारे में बताएंगे, जिसे 'बॉल ऑफ द सेंचुरी' (सदी की गेंद) के नाम से जाना जाता है। 

शेन वॉर्न ने 4 जून, 1993 में इंग्लैंड के खिलाफ यह गेंद फेंकी थी, जो क्रिकेट इतिहास की सबसे खतरनाक गेंद में शुमार होती है। पहले टेस्ट के दूसरे दिन जब उन्हें गेंद सौंपी गई तो उनके सामने दिग्गज बल्लेबाज माइक गेटिंग थे। गेटिंग 4 रन बनाकर क्रीज पर थे। वॉर्न की पहली गेंद लेग स्टंप के काफी बाहर पिच हुई और ऐसा लग रहा था कि गेंद वाइड हो सकती है। इसी के चलते गेटिंग ने उसे खेलने का प्रयास नहीं किया। इस बीच, जबरदस्त तेजी से टर्न हुई गेंद गेटिंग को चकमा देते हुए उनके ऑफ स्टंप पर जा लगी, जिसे देखकर सभी हैरान हो गए। 

एक हजार विकेट किए पूरे
ऑस्ट्रेलिया के इस महान गेंदबाज ने साल 2007 में क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। शेन वॉर्न विश्व के ऐसे दूसरे गेंदबाज हैं, जिसने टेस्ट और वनडे मैचों को मिलाकर 1000 विकेटों के आंकड़े को छुआ है। इस सूची में पहला नंबर मुथैया मुरलीधरन का है। वॉर्न के नाम टेस्ट में 708 लेने का रिकॉर्ड है, वहीं वनडे में उन्होंने 293 विकेट झटके थे।

सचिन आए थे सपने में
वॉर्न ने अपनी गेंदों से दुनिया के लगभग हर बल्लेबाज को खासा परेशान किया था, लेकिन भारत के सचिन तेंदुलकर ने 1998 में शरजाह में उनकी गेंदों की ऐसी पिटाई की थी कि सचिन उनके सपने में नजर आने लगे थे। यह बात उन्होंने खुद बताई थी। उन्होंने कहा था कि ऐसा लगता है कि वह (सचिन) उनके सपने में भी छक्के लगा रहे हैं। शरजाह में खेले गए कोका कोला कप में सचिन के शानदार खेल से भारत ने ट्राई सीरीज जीती थी। इसमें भारत-ऑस्ट्रेलिया के अलावा न्यूजीलैंड की टीम भी थी। फाइनल में सचिन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 134 रन की पारी खेली थी।

शास्त्री को बनाया अपना पहला शिकार

शेन वार्न ने जितना अपने खेल से दुनिया को प्रभावित किया है उतना ही उनके विवादों ने उन्हें क्रिकेट जगत में निराश किया है।1998 में वार्न पर बुकी को जानकारी देने के लिए जुर्माना लगाया था और 2003 के वर्ल्ड कप से कुछ दिन पहले वो प्रतिबंधित पदार्थों के सेवन का दोषी पाए जाने पर एक साल के बैन के साथ क्रिकेट से दूर हुए थे। जाने-अनजाने में डोपिंग का शिकार हुए वार्न ने इन वजहों से बहुत कुछ झेला है। कलाई के जादूगार कहे जाने वाले शेन वॉर्न ने करियर की शुरुआत 1992 में सिडनी टेस्ट मैच में भारत के खिलाफ की थी, जबकि वनडे क्रिकेट में पदार्पण 1993 में न्यूजीलैंड के खिलाफ किया था। शेन वॉर्न ने टेस्ट क्रिकेट में भारत के रवि शास्त्री को अपना अपना पहला शिकार बनाया था।

3 देशों के खिलाफ कर चुके हैं यह कारनामा
वह अकेले ऐसे गेंदबाज हैं, जिसने किसी एक देश के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में 100 या 100 से ज्यादा विकेट चटकाए हैं। उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 195, न्यूजीलैंड के खिलाफ 103 और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 130 विकेट चटकाए थे।

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Anil dev