सहवाग के बेटे आर्यवीर ने खेली तूफानी पारी, प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में मात्र 3 रन से तिहरे शतक से चूके
punjabkesari.in Friday, Nov 22, 2024 - 01:00 PM (IST)
स्पोर्ट्स डेस्क : भारत के पूर्व बल्लेबाज और धमाकेदार ओपनर वीरेंद्र सहवाग के बेटे आर्यवीर सहवाग ने मेघालय के खिलाफ कूच बिहार ट्रॉफी मैच में दोहरा शतक लगाकर सुर्खियों में आ गए हैं। 17 वर्षीय आर्यवीर ने मात्र 3 रन से तीहरे शतक से चूक गए। शिलांग के एमसीए क्रिकेट ग्राउंड पर पहले दिन नाबाद 200 रन की पारी खेलने के बाद उन्होंने दूसरे दिन भी धमाकेदार बल्लेबाजी जारी रखी और मात्र 309 गेंदों पर 96.12 की स्ट्राइक रेट से 297 रन बनाए जिसमें 51 चौके और 3 छक्के शामिल थे। इसे लेकर सहवाग ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट भी शेयर की है।
कूच बिहार ट्रॉफी अंडर 19 खिलाड़ियों के लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा आयोजित चार दिवसीय क्रिकेट टूर्नामेंट है। बल्लेबाजी करने के बाद मेजबान मेघालय पहली पारी में सिर्फ 260 रन ही बना सका। जवाब में आर्यवीर और अर्नव एस बुग्गा ने पहले विकेट के लिए 180 रन जोड़कर दिल्ली की मजबूत वापसी की नींव रखी। बुग्गा ने दूसरे दिन आउट होने से पहले शतक बनाया लेकिन आर्यवीर दिन के खेल के अंत में बिना आउट हुए ड्रेसिंग रूम में लौट गए। वे सिर्फ 229 गेंदों पर 200 रन बनाकर नाबाद रहे। लेकिन दूसरे दिन वह फिर लौटे और 300 के करीब रन बनाए।
आर्यवीर के अलावा धन्या नाकरा जो पहले दिन 98 रन बनाकर नाबाद रहे थे, उन्होंने 122 गेंदों पर 106.56 की स्ट्राइक रेट और 18 चौकों तथा 3 छक्कों की मदद से 130 रन बनाए। इस साल की शुरुआत में आर्यवीर ने वीनू मांकड़ ट्रॉफी में मणिपुर के खिलाफ दिल्ली के लिए अपना अंडर-19 डेब्यू किया था। उन्होंने 49 रन की शानदार पारी खेलकर अपनी पहचान बनाई और दिल्ली ने मैच 49 रनों से जीत लिया।
Like father like son. Junior @virendersehwag , Aaryavir, smashes 200 batting off 229 balls (34x4, 2x6) against Meghalaya in Shillong in the ongoing Cooch Behar Trophy...He is following what Viru did - score big hundreds so they pick you..He has begun well ❤️
— Vijay Lokapally 🇮🇳 (@vijaylokapally) November 21, 2024
Pic from X pic.twitter.com/OfAd5qbond
पिछले साल सहवाग ने खुलासा किया था कि उनके बेटे आर्यवीर ने पहले ही आईपीएल अनुबंध पर अपनी नज़रें गड़ा दी हैं। सहवाग ने कहा, 'मेरा बेटा 15 साल का है और आईपीएल में खेलने का मौका पाने के लिए पहले से ही कड़ी मेहनत कर रहा है। आईपीएल ने युवा प्रतिभाओं को सबसे ज्यादा फायदा पहुंचाया है। पहले रणजी ट्रॉफी के प्रदर्शन से कोई ध्यान नहीं खींचता था और इसलिए भारतीय टीम में जगह नहीं बना पाता था। लेकिन अब अगर आप आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन करते हैं और अपनी प्रतिभा दिखाते हैं तो आपको तुरंत भारतीय टीम में खेलने का मौका मिलता है। आईपीएल की वजह से देश के छोटे राज्यों के कई बच्चे क्रिकेट को गंभीरता से लेने लगे हैं और आईपीएल में हिस्सा लेने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करते हैं और इसके लिए कड़ी मेहनत करते हैं।'