चार दिवसीय टेस्ट पर बोले सहवाग- डायपर और टेस्ट क्रिकेट तभी बदलें जब वे खराब हो

punjabkesari.in Monday, Jan 13, 2020 - 04:34 PM (IST)

मुंबई : पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेन्द्र सहवाग ने टेस्ट मैच को चार दिन का करने के प्रस्ताव की निंदा की है। उन्होंने कहा कि टेस्ट क्रिकेट में थोड़ा नयापन जरूर आना चाहिए। उन्होंने कहा कि जर्सी के पीछे अंक लिखने का प्रयोग अपनी जगह ठीक है लेकिन डायपर और टेस्ट क्रिकेट तभी बदलने चाहिए जब वे खराब हो। मुझे नहीं लगता कि टेस्ट क्रिकेट खराब है। इसलिए ज्यादा बदलाव की आवश्यकता नहीं है।

आत्मा की उम्र छोटी न करें


बीसीसीआई पुरस्कार समारोह में रविवार को सहवाग ने यहां ‘एमएके पटौदी स्मारक व्याख्यान’ में सहवाग ने कहा कि मैं कहूंगा कि टेस्ट क्रिकेट 143 साल पुराना हट्टा-कट्टा आदमी है और आज की भारतीय टीम की तरह फिट है, उसमें एक आत्मा है और इस आत्मा की उम्र किसी भी कीमत पर छोटी नहीं होनी चाहिए। वैसे चार दिन की चांदनी होती है टेस्ट मैच नहीं।

हमारी जीडीपी से ज्यादा टेस्ट हुए ड्रा


सहवाग ने कहा कि इस प्रारूप में लगातार नतीजे निकले हैं और ड्रा मैचों को देखते हुए प्रारूप में बदलाव नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि टेस्ट क्रिकेट में पिछले 10-15 साल में ड्रा मैचों की संख्या काफी कम रही है। पिछले पांच साल में 31 टेस्ट ड्रा हुए जबकि 223 खेले गए हैं जो केवल 13 प्रतिशत है, यह हमारे जीडीपी से अधिक है। पिछले 10 साल में केवल 83 मैच ड्रा हुए है जबकि 433 मैच खेले गये है। ड्रा मैचों की संख्या 19 प्रतिशत है। 

दिन-रात्रि टेस्ट तक ठीक है प्रयोग


प्रस्ताव पर अपने तरीके से कटाक्ष करते हुए कहा कि जिस तरह से ‘मछली को अगर जल से निकाला जाए तो वह मर जाएगी’ उसी तरह टेस्ट में नयापन लाने का मतलब यह नहीं कि उसकी आत्मा से छेड़छाड़ की जाए। सहवाग ने अपने तरीके से कहा कि चार दिन की चांदनी होती है, टेस्ट मैच नहीं...जल की मछली जल में अच्छी है, बाहर निकालों तो मर जाएगी। उन्होंने कहा कि टेस्ट क्रिकेट को चंदा मामा के पास ले जा सकते हैं। हम दिन-रात्रि टेस्ट खेल रहे हैं, लोग शायद आफिस के बाद मैच को देखने के लिए आए। नयापन आना चाहिए लेकिन 5 दिन में बदलाव नहीं किया जाना चाहिए। 

सचिन, पोंटिंग कर चुके हैं विरोध


चार दिवसीय टेस्ट का विराट कोहली, सचिन तेंदुलकर, रवि शास्त्री, रिकी पोंटिंग और इयान बॉथम जैसे मौजूदा और पूर्व शीर्ष खिलाड़ी आलोचना कर चुके हैं। सहवाग ने 5 दिवसीय टेस्ट को रोमांस का तरीका करार देते हुए कहा कि इंतजार करना इस प्रारूप की खूबसूरती है।

बदलाव स्वीकार पर टेस्ट मैच में नहीं


उन्होंने कहा कि मैंने हमेशा बदलाव को स्वीकार किया है लेकिन 5 दिवसीय टेस्ट मैच एक रोमांस है जहां गेंदबाज बल्लेबाज को आउट करने के लिए योजना बनाता है, बल्लेबाज हर गेंद को कैसे मारूं यह सोचता है और स्लिप में खड़ा क्षेत्ररक्षक गेंद का ऐसे इंतजार करता है जैसे प्यार में खड़ा लड़का सामने से हां का इंतजार करता है, सारा दिन इंतजार करता है कि कब गेंद उसके हाथ में आएगी और कब वो लपकेगा।

Jasmeet