शाहीन बाग प्रदर्शन : हसीन जहां बोलीं- अपने बचाव के लिए कट्टरपंथियों ने महिलाओं का इस्तेमाल किया

punjabkesari.in Thursday, Aug 20, 2020 - 01:27 PM (IST)

स्पोर्ट्स डेस्क : भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी की पत्नी हसीन जहां ने शाहीन बाग में प्रदर्शन के लिए मर्दों की जगह औरतों को भेजने पर बड़ा बयान देते हुए कहा है कि मुस्लिम कट्टरपंथियों ने महिलाओं का इस्तेमाल किया है। हसीन जहां ने कहा कि अगर मर्द धरने पर बैठते तो पुलिस उन्हें उठाकर ले जाती। हसीन जहां ने ये बातें एक टीवी डिबेट शो के दौरान कहीं। 

हसीन जहां ने एक टीवी डिबेट शो के दौरान कहा, मैं मुस्लिम समाज की लड़की हूं और मुझे पता है कि कई लोग लड़कियों को पढ़ाते-लिखाते हैं, लेकिन उनकी संख्या कम है। अगर औरत घर से बाहर निकलकर कुछ करना चाहती है, आगे बढ़ना चाहती है  और बुरखा में नहीं रहना चाहती है तो मुस्लिम समाज कहता है कि तुम घर में रहो। उन्होंने कहा, औरतें अगर घर की जीनत हैं और यदि बुरखा नहीं पहनती हैं तो उस पर आप सवाल उठाते हैं। मुझे बताइए कि महिलाओं को शाहीन बाग में प्रदर्शन के लिए क्यों बिठाया गया? 

क्रिकेटर की पत्नी ने कहा, महिलाओं को इसलिए शाहीन बाग प्रदर्शन में बिठाया गया कि मर्द अगर धरने पर बैठते तो पुलिस उसे उठाकर ले जाती। खुद को बचाने के लिए मुस्लिम कट्टरपंथी लोगों ने औरतों का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा, मैं बुरखा नहीं पहनती हूं तो मेरे चरित्र पर सवाल उठाया जाता है। 

हसीन ने डिबेट शो में शामिल शोएब जमई से सवाल करते हुए पूछा, अपने अधिकार के लिए लड़ने के कारण मुझे बदनुमा दाग बना दिया गया, गालियां दी जाती है। यदि एनआरसी और सीएए देश हित में नहीं था तो आपने आवाज क्यों नहीं उठाई, क्यों जेहाद नहीं किया? क्यों सरकार के खिलाफ तलवार नहीं उठाई? हसीन जहां ने कहा, आपने खुद को बचाने और राजनीतिक लाभ के लिए औरतों का इस्तेमाल किया। 

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इस पर शोएब जमई ने हसीन जहां को जवाब देते हुए कहा, बहन मैं आपकी बड़ी इज्जत करता हूं और कभी भी महिलाओं के खिलाफ दिए गए अभद्र टिप्पणी का स्वागत नहीं करता हूं। लेकिन एनआरसी और सीएए पर बोलकर आपने बहस को राजनीतिक कर दिया। हसीन जी ने एक अच्छा सवाल किया कि मैं बंगाल में हूं तो सुरक्षित हूं, उत्तर प्रदेश में रहती तो चिंतित रहती। 


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Sanjeev

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