कोरोना काल में बदली जिंदगी, भारतीय ने UAE क्रिकेट टीम में बनाई जगह

punjabkesari.in Thursday, Jan 02, 2025 - 12:08 PM (IST)

स्पोर्ट्स डेस्क : कोरोना काल में कईयों के घर बिखर गए, लेकिन कई ऐसे भी थे जिन्होंने मुसीबत में हार नहीं मानी और आज उनका सिक्का जम चुका है। इसमें रूपनगर के नजदीक मोरिंडा के पास गांव बूरमाजरा निवासी सिमरनजीत सिंह कंग हैं जो पिछले 3 साल से यूएई की तरफ से क्रिकेट खेल रहे हैं और बुधवार को घर लौटने पर उनका जोरदार स्वागत किया गया। 

युवराज सिंह से बारीकियां सीखीं, 6 साल लुधियाना के लिए खेले 

कंग 2008 में सरकारी स्कूल बूरमाजरा से 12वीं करने के बाद उच्च शिक्षा के लिए चंडीगढ़ चले गए। यहां उन्होंने सेक्टर-16 स्टेडियम में क्रिकेट खेलने की शुरुआत की थी। इसी बीच उन्हें क्रिकेटर शुभमन गिल और युवराज सिंह से खेल की बारीकियां सीखने का मौका मिला। 2014 में उन्हें जिला लुधियाना से खेलने का मौका मिला और 2020 तक लुधियाना की तरफ से खेलते रहे। 

स्थायी वीजा लेकर खेलना शुरू किया

कोरोना से पहले कंग 1 महीने के वीजा पर दुबई गए थे। लॉकडाउन में अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बंद हो गई और 4 माह वहां रहना पड़ा। फिर संयुक्त अरब अमीरात की क्रिकेट टीम में घरेलू मैच खेलना शुरू कर दिया। टीम का हिस्सा बनने के लिए 3 साल तक खेलना जरूरी था। इसलिए वहां का स्थायी वीजा लिया और 3 साल तक ओमान, कतर और बहरीन समेत 11 अंतरराष्ट्रीय टी-20 मैच खेले। 

लेफ्ट हैंडेड स्पिनर कंग कहते हैं कि फील्ड पर सामने सिर्फ एक विपक्षी खिलाड़ी होता है, जिसे आउट करना ही उनका लक्ष्य रहता है। अमृतधारी गुरु सिख खिलाड़ी होने के कारण उन्हें इस्लामिक देश की क्रिकेट टीम में कोई कठिनाई नहीं हुई। उनकी शक्ल-सूरत को लेकर कभी भी भेदभाव या अभद्र टिप्पणी नहीं गई। वह वहां की सरकार और क्रिकेट टीम के आभारी हैं। वह दस्तार और अमृतधारी सिख खिलाड़ी होने पर गर्व महसूस करते हैं। 

कंग ने कहा कि दस्तार ने उसे दुनियाभर में सम्मान दिया है। उन्होंने कहा कि हर युवा को जुनून की हद तक अपने सपनों को हासिल करने के लिए प्रयास करना चाहिए, जिसके बाद मंजिल खुद कदम चूमेगी। वह सभी ग्रामीणों के आभारी हैं, जिन्होंने उन्हें इतना सम्मान दिया, जिसे वह शब्दों में बयां नहीं कर सकते। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Sanjeev

Related News