श्रीलंका क्रिकेट ने बांग्लादेशी खिलाडिय़ों पर जताई नाराजगी

punjabkesari.in Saturday, Mar 17, 2018 - 05:06 PM (IST)

कोलंबोः श्रीलंका क्रिकेट के प्रमुख थिलंगा सुमतिपाला ने कल टी20 मैच के दौरान बांग्लादेश के खिलाडिय़ों के बर्ताव को‘‘ अफसोस जनक और अस्वीकार्य’’ करार दिया। मैच के अंतिम ओवर में अंपायरों के फैसले से खफा शाकिब पवेलियन से उतरकर सीमा रेखा के पास पहुंच गए और उन्होंने अपने बल्लेबाजों को वापस लौटने का इशारा किया। बांग्लादेश के खिलाडिय़ों ने दावा किया कि पारी के अंतिम ओवर में जब जीत के लिए 12 रन चाहिए थे। मैदानी अंपायरों ने इसुरू उदाना की जान बूझकर की गई लगातार दूसरी शार्ट पिच गेंद को नोबाल नहीं दिया। इन दोनों गेंद पर कोई रन नहीं बना और बांग्लादेश का एक खिलाड़ी रन आउट हो गया।

अंपायर के खिलाफ ऐसा व्यवहार कहीं से स्वीकार्य नहीं
सुमतिपाला ने कहा, ‘‘अंपायर के फैसले के खिलाफ ऐसा आचरण कहीं से स्वीकार्य नहीं है और यह खेदजनक है।’’ कुछ रिपोर्टों में दावा किया गया कि बांग्लादेश के खिलाडिय़ों ने जीत का जश्न मनाते हुए ड्रेसिंग रूम के एक शीशे को तोड़ दिया। बांग्लादेश के कप्तान शाकिब अल हसन और रिजर्व खिलाड़ी नुरूल हसन पर अलग- अलग मामले में आईसीसी आचार संहित के उल्लंघन करने का दोषी पाये जाने पर मैच फीस का 25 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया और इसके साथ ही उनके खाते में एक एक डिमेरिट अंक जोड़ दिया गया। यह मैच जीत कर फाइनल में पहुंचते ही बंगलादेशी खिलाड़ी जश्न मनाने में जैसे सबकुछ भूल गए। सभी ने पहले मैदान पर नागिन डांस किया। इसके बाद जब सभी खिलाड़ी मैदान से बाहर जा रहे थे, तो एक बंगलादेशी खिलाड़ी श्रीलंकाई खिलाड़ी से उलझने लगा और मारपीट की नौबत आ गई।   

ग्राउंड के कर्मचारियों से घटना के कारणों का पता लगाने के लिए कहा
अंपायरों और साथी खिलाड़ियों ने बीच-बचाव कर सभी को शांत किया लेकिन बंगलादेशी खिलाडिय़ों का हुड़दंग थमा नहीं और उन्होंने ड्रेसिंग रूम में जाकर शीशा तक तोड़ दिया। ग्राउंड के कर्मचारियों से सीसीटीवी फुटेज की जांच करने और घटना के कारणों का पता लगाने के लिए कहा गया है। शाकिब ने इस मामले में सफाई देते हुए मैच के बाद कहा, मैंने अपने खिलाड़ियों को मैच के बीच वापस नहीं बुलाया। मैंने उन्हें खेल जारी रखने के लिए कहा था। आप इसे किस भी तरह से दिखाना चाहते हैं यह आप पर निर्भर करता है। बेहतर होगा कि इस प्रकरण को छोड़ कर मैच के बारे में बात की जाए।

उन्होंने हालांकि साथ ही कहा, यह पूरा विवाद स्कवेयर लेग अंपायर के द्वारा दी गई नो-बॉल और फिर उसे रद्द करने पर हुआ। मुझे नहीं लगता कि वह अंपायरों का सही फैसला था। मुझे नहीं पता कि पहली बाउंसर के बाद क्या हुआ लेकिन दूसरी बाउंसर के बाद अंपायर्स ने पहले नो बॉल दी थी।

 

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