लवलीना तुम हारी नहीं, जीती हो...महज 23 साल की उम्र में पहला ओलंपिक खेलकर देश को दिलाया ब्रोन्ज मेडल

punjabkesari.in Wednesday, Aug 04, 2021 - 01:22 PM (IST)

स्पोर्ट्स डेस्क: भारत की स्टार मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन ने महज 23 साल की उम्र में टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक अपने नाम कर लिया है। लवलीना पहली बार टोक्यो ओलंपिक में लेते हुए देश को कांस्य पदक दिलाया है। उन्होंने टोक्यों ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन कर देशवासियों का दिल जीत लिया। लवलीना की नजरें गोल्ड मेडल पर थी लेकिन मैच में हुई अपनी कुछ गलतियों के चलते उसका सपना टूट गया। लवलीना सेमीफाइनल में तुर्की की मौजूदा विश्व चैंपियन बुसेनाज सुरमेनेली के खिलाफ 5-0 से हार गईं। लेकिन भले ही लवनीना यह मुकाबला हार गई हो लेकिन पूरी दुनिया ने देखा कि उनके मुक्कों में कितना दम है। पहले ही ओलंपिक में उन्होंने देश को मेडल दिलवाकर इतिहास रच दिया है। 

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तोक्यो खेलों में यह भारत का तीसरा पदक
ओलंपिक में पदार्पण कर रही विश्व चैंपियनशिप की दो बार की कांस्य पदक विजेता लवलीना के खिलाफ बुसेनाज ने शुरुआत से ही दबदबा बनाया और सर्वसम्मति से 5-0 से जीत दर्ज करने में सफल रही। तोक्यो खेलों में यह भारत का तीसरा पदक है। इससे पहले भारोत्तोलन में मीराबाई चानू ने रजत जबकि बैडमिंटन में पीवी सिंधू ने कांस्य पदक जीता। लवलीना का पदक पिछले नौ वर्षों में भारत का ओलंपिक मुक्केबाजी में पहला पदक है।

लवलीना ने हड़बड़ाहट में गल्तियां की
लवलीना ओलंपिक मुक्केबाजी प्रतियोगिता फाइनल में जगह बनाने वाली पहली भारतीय मुक्केबाज बनने के लिए चुनौती पेश कर रही थी लेकिन विश्व चैंपियन बुसेनाज ने उनका सपना तोड़ दिया। भारतीय मुक्केबाज के पास तुर्की की खिलाड़ी के दमदार मुक्कों और तेजी का कोई जवाब नहीं था। इस बीच हड़बड़ाहट में भी लवलीना ने गल्तियां की। लवलीना ने मुकाबले की अच्छी शुरुआत की थी लेकिन लेकिन बुसेनाज अपने दमदार हुक और शरीर पर जड़े मुक्कों से धीरे-धीरे हावी होती चली गई। तीसरा दौर पूरी तरह एकतरफा रहा जिसमें लवलीना को दो बार दमदार मुक्के खाने के बाद ‘8 काउंट' (रैफरी मुकाबला रोकर आठ तक गिनती गिनता है) का सामना करना पड़ा।

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टोक्यो ओलंपिक में मुक्केबाजी का प्रदर्शन
भारत का कोई पुरुष मुक्केबाज क्वार्टर फाइनल से आगे नहीं बढ़ पाया था। क्वार्टर फाइनल में पहुंचे सतीश कुमार (91 किग्रा से अधिक) को विश्व चैंपियन बकोहोदिर जलोलोव के खिलाफ शिकस्त झेलनी पड़ी थी। चार अन्य पुरुष मुक्केबाज पहले दौर में ही हार गए थे। महिला वर्ग में भारत की अन्य मुक्केबाजों में छह बार की विश्व चैंपियन एमसी मैरीकोम (51 किग्रा) को प्री क्वार्टर फाइनल जबकि पूजा रानी (75 किग्रा) को क्वार्टर फाइनल में शिकस्त झेलनी पड़ी थी। 

पीएम मोदी भी हुए मुरीद, लवलीना को दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तोक्यो ओलंपिक की मुक्केबाजी स्पर्धा में कांस्य पदक जीतने वाली लवलीना बोरगोहेन को बधाई देते हुए कहा कि उसकी दृढता और समर्पण प्रशंसनीय है। मोदी ने ट्वीट किया , ‘अच्छा मुकाबला लवलीना बोरगोहेन। मुक्केबाजी रिंग में उनकी कामयाबी से कई भारतीयों को प्रेरणा मिली है। उनकी दृढता और समर्पण प्रशंसनीय है। कांस्य जीतने पर उन्हें बधाई और भविष्य के लिये शुभकामनाएं।'


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Content Editor

rajesh kumar

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