वनडे में दो गेंदों का उपयोग नाकामी को न्यौता देने जैसाः तेंदुलकर
punjabkesari.in Friday, Jun 22, 2018 - 06:44 PM (IST)
नई दिल्लीः एकदिवसीय मैचों में हाल ही में लगे रनों के अंबार से चिंतित चैम्पियन क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने इस प्रारूप में दो नई गेंदों के इस्तेमाल की आलोचना करते हुए कहा कि यह नाकामी को न्यौता देने जैसा है जिस पर भारतीय कप्तान विराट कोहली ने भी सहमति जताई। इंग्लैंड ने हाल ही में आस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे में सर्वोच्च स्कोर बनाया ।
तेंदुलकर ने ट्विटर पर लिखा ,‘‘ वनडे में दो नयी गेंदों का इस्तेमाल नाकामी को न्यौता देने जैसा है । गेंद को उतना समय ही नहीं मिलता कि रिवर्स स्विंग मिल सके । हमने डैथ ओवरों में लंबे समय से रिवर्स स्विंग नहीं देखी । ’’ कोहली ने इस पर सहमति व्यक्त करते हुए कि पिच के सपाट होने पर यह गेंदबाजों के लिए लगातार ‘ बेहद कड़ा ’ बन गया है। कोहली ने कहा , ‘‘ मुझे लगता है कि यह गेंदबाजों के लिये बेहद कड़ा बन गया है। मैंने तब भी वनडे क्रिकेट खेली थी जब केवल एक नयी गेंद का उपयोग होता था और पारी के आखिरी क्षणों में रिवर्स स्विंग बड़ा कारक होता था जो कि एक बल्लेबाज के तौर पर मुझे लगता है कि अधिक चुनौतीपूर्ण था। ’’
Having 2 new balls in one day cricket is a perfect recipe for disaster as each ball is not given the time to get old enough to reverse. We haven’t seen reverse swing, an integral part of the death overs, for a long time. #ENGvsAUS
— Sachin Tendulkar (@sachin_rt) June 21, 2018
इंग्लैंड ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे वनडे में छह विकेट पर 481 रन बनाये । अगले वनडे में 312 रन का लक्ष्य 45 ओवरों में हासिल कल लिया । रिवर्स स्विंग के महारथी पाकिस्तान के वकार युनूस ने तेंदुलकर का समर्थन करते हुए कहा ,‘‘ यही वजह है कि अब आक्रामक तेज गेंदबाज नहीं निकलते । सभी रक्षात्मक खेलते हैं । सचिन से पूरी तरह सहमत हूं । रिवर्स स्विंग लुप्त ही हो गई है । ’’ वनडे में दो गेंदों के इस्तेमाल का नियम सात साल पुराना है और इसे अक्टूबर 2011 में शुरू किया था जिसमें एक-एक गेंद का इस्तेमाल दोनों छोर से किया जाता है और इनका इस्तेमाल पारी के 25 ओवर तक रहता है। इससे गेंद को पुराना होने और रिवर्स स्विंग में मदद मिलने की संभावना समाप्त हो जाती है। गेंद पुरानी न रहने से स्पिनरों को भी फायदा नहीं रहता है। नयी बॉल पर बल्लेबाका के लिये स्कोरिंग ज्यादा आसान रहती है।