हिमा की रेस को ग्रामीणों ने बड़ी स्क्रीन पर देखा, फिर मनाया जश्न
punjabkesari.in Friday, Jul 13, 2018 - 08:53 PM (IST)
गुवाहाटीः असम की रहने वाली 18 वर्षीय हिमा दास के फिनलैंड में विश्व अंडर 20 चैंपियनशिप में एथलेटिक्स का ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीतने के साथ ही उनके गांव धींग और आस पास के क्षेत्र में रहने वाली स्थानीय लोग जश्न में डूब गए हैं।
असम के नागोन जिले स्थित धींग गांव के धान की खेती करने वाले किसान की बेटी हीमा का आईएएएफ विश्व अंडर-20 चैंपियनशिप में 400 मीटर रेस में स्वर्ण पदक जीतना इसलिये बड़ी उपलब्धि है क्योंकि यह विश्व मंच पर भी देश का पहला ट्रैक स्वर्ण है तथा यह कामयाबी हासिल करने वाली वह पहली महिला भारतीय एथलीट हैं।
Watch: #HimaDas's historic gold medal-winning effort at the #IAAFWorlds in Tampere. The first Indian to win a track event at the global stage, at any age category!
— The Field (@thefield_in) July 13, 2018
(Video: @iaaforg)pic.twitter.com/fM8HswtZX6
मध्य असम की रहने वाली युवा एथलीट के स्वर्ण जीतने की खबर सुनते ही उनके धींग गांव स्थित आवास पर आस पड़ोसियों और रिश्तेदारों का आना शुरू हो गया और सभी ने इस कामयाबी का जश्न मनाया। स्वर्ण जीतने के बाद हिमा ने कई बार अपने परिजनों से भी फोन पर बात की और काफी खुश दिखाई दीं।
युवा धाविका के परिजनों ने बताया कि हिमा ने इस कामयाबी के लिये देशवासियों और उनकी कामयाबी की दुआ करने वाले सभी लोगों को अपना धन्यवाद दिया है। बेहद खुश दिखाई दे रहीं हिमा की माता ने कहा, ''मेरी बेटी ने अपने लिये हमेशा बड़े लक्ष्य रखे हैं और उसे पाने के लिये निरंतर मेहनत की है।''
हीमा की फाइनल रेस को उनके गांव धींग में गुरूवार को लोगों ने बड़ी स्क्रीन पर देखा। सभी ग्रामीणों में रेस को लेकर काफी उत्साह था और धींग गांव के अलावा आसपास के ग्रामीण भी यहां बड़ी संख्या में एकत्रित हुये और हीमा को इतिहास रचते देखा।
स्थानीय मीडिया ने हिमा को नया नाम ‘धींग एक्सप्रेस’ कहकर संबोधित किया, हिमा अप्रैल में राष्ट्रमंडल खेलों में महिलाओं की 400 मीटर रेस के फाइनल में क्वालीफाई करने के बाद से ही स्थानीय मीडिया में लोकप्रिय हो गयी थीं। वह गत माह गुवाहाटी में अंतर राज्यीय चैंपियनशिप में भी 400 मीटर रेस में अपना व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ 51.13 सेकंड का समय लेकर चैंपियन रही थीं।