सरकार पहलवानों के बर्ताव से खुश नहीं, निगरानी समिति के पुनर्गठन की संभावना नहीं

punjabkesari.in Wednesday, Jan 25, 2023 - 09:29 PM (IST)

नई दिल्ली : सरकार पहलवानों के व्यवहार से खुश नहीं है और वह डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीडऩ के आरोपों की जांच के लिए गठित निगरानी समिति का पुनर्गठन भी नहीं करेगी। खेल मंत्रालय के सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने सोमवार को मुक्केबाज एमसी मेरीकॉम की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय निगरानी समिति के गठन की घोषणा की। यह समिति डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच करने के अलावा भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्लयूएफआई) के रोजमर्रा के काम को भी देखेगी।

 

डब्ल्यूएफआई को हटाने की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर तीन दिन तक धरने पर बैठने वाले पहलवानों में शामिल बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट, सरिता मोर और साक्षी मलिक ने समान ट्वीट पोस्ट करके अपनी नाराजगी जताई कि समिति गठित करने से पहले उन्हें मश्विरा नहीं लिया गया। मंत्रालय के एक सूत्र का कहना है कि गठित निगरानी समिति के पुनर्गठित पर कोई विचार नहीं होगा। 

 

सूत्र ने साथ ही कहा कि सरकार पहलवानों के व्यवहार से खुश नहीं है क्योंकि उन्होंने सार्वजनिक रूप से समिति के गठन पर आपत्ति जताई। सूत्रों के अनुसार विरोध कर रहे पहलवान लंदन ओलिम्पिक कांस्य पदक विजेता योगेश्वर को डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष का करीबी मानते हैं। बल्कि जब योगेश्वर ने जब आलोचनाओं में घिरे महासंघ के अध्यक्ष का समर्थन किया तो विनेश ने कहा था कि वह ‘डब्ल्यूएफआई की गोद में बैठा है। पहलवानों ने मंगलवार को ट्विटर पर निराशा व्यक्त की थी।

 

हालांकि बुधवार को बजरंग ने स्पष्ट किया कि पहलवानों को योगेश्वर से कोई आपत्ति नहीं है लेकिन समिति के सदस्यों के चुने जाने से पहले उन्हें उनसे मश्विरे की उम्मीद थी। बजरंग पूनिया ने कहा था- हम गणतंत्र दिवस समारोह के बाद खेल मंत्री से बात करना चाहेंगे। हमें समिति के किसी भी सदस्य से कोई परेशानी नहीं है लेकिन हमसे मश्विरा लिया जाना चाहिए था। 

 

बता दें कि  योगेश्वर के अलावा पैनल के अन्य सदस्यों में पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी और मिशन ओलिम्पिक सेल की सदस्य तृप्ति मुरगुंडे, टॉप्स के पूर्व सीईओ राजगोपालन और भारतीय खेल प्राधिकरण (साईं) की पूर्व कार्यकारी निदेशक (टीम) राधिका श्रीमन शामिल हैं। मैरीकॉम और योगेश्वर भारतीय ओलिम्पिक संघ (आईओए) द्वारा डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ यौन उत्पीडऩ और भ्रष्टाचार की जांच के लिए गठित सात सदस्यीय समिति का भी हिस्सा हैं।


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Content Writer

Jasmeet

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