पैंतीस साल पैंतीस महीने जैसे लगते हैं: बछेंद्री

punjabkesari.in Friday, May 24, 2019 - 09:38 AM (IST)

जमशेदपुर: आज से ठीक 35 साल पहले 23 मई 1984 की सुबह थी जब बछेंद्री पाल ने एवरेस्ट फ़तह करके भारतीय साहसिक खेलों में नया इतिहास रचा था लेकिन देश की इस महान पर्वतारोही को लगता है मानो यह 35 महीने पहले की बात हो। भारत की पहली महिला एवरेस्ट विजेता बछेंद्री की उपलब्धि के 35 साल पूरे होने के अवसर पर गुरुवार को यहां उनके नियोक्ता टाटा स्टील ने सम्मानित किया। 


देश के तीसरे सर्वोत्तम नागरिक सम्मान पदम भूषण से सम्मानित बछेंद्री ने इस अवसर पर कहा, 'मुझे ये 35 साल 35 महीने जैसे लगते हैं। अर्जुन पुरस्कार विजेता पर्वतारोही ने कहा, 'मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे टाटा स्टील का साथ मिला। अगर उनका सहयोग नहीं होता तो मैं इतिहास नहीं रच पाती। इसके बाद मेरी जिम्मेदारी थी कि मैं इस साहसिक खेल को बढ़ावा देने में योगदान दूं। कोई उपलब्धि तभी मायने रखती है जब दूसरों को उससे फायदा हो।' 


बछेंद्री शुक्रवार को 65 साल की हो जाएंगी और जल्द ही सेवानिवृत्त हो जाएंगी, लेकिन उन्होंने कहा कि उनका जन्म पर्वतारोहण के लिए हुआ है और आगे भी इससे जुड़ी रहेंगी। उन्होने कहा, 'मैं आगे भी युवा पर्वतारोहियों का मार्गदर्शन करती रहूंगी।' 

neel