B'day Special: विनोद कांबली का वो रिकाॅर्ड जो सचिन, गावस्कर नहीं तोड़ सके

punjabkesari.in Thursday, Jan 18, 2018 - 07:58 PM (IST)

नई दिल्लीः विनोद कांबली का जन्म 18 जनवरी 1972 को मुंबई, महाराष्ट्र में हुआ। बांए हाथ के बल्लेबाज और दाएं हाथ के गेंदबाज कांबली का आज जन्मदिन है। मुंबई के उसी स्कूल में कांबली पढ़े हैं, जो प्रतिभाशाली क्रिकेटरों के लिए अधिक जाना जाता है। ये एक गरीब परिवार से हैं, उनके पिता गणपत एक मैकेनिक थे और इसी के साथ वे मुंबई क्लब सर्कल में तेज गेंदबाज भी थे। कांबली और सचिन बचपन से ही दोस्त रहे हैं और उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट में भी आस-पास ही डेब्यू किया था। केवल 17 टेस्ट मैच और 104 वनडे के बाद कांबली का अंतरराष्ट्रीय करियर खत्म हो गया, लेकिन इनके नाम ऐसे रिकाॅर्ड हैं जिसे सचिन, गावस्कर जैसे कई बड़े दिग्गज तोड़ नहीं पाए हैं। 21 साल की उम्र में उन्होंने अपना पहला टेस्ट मैच खेला था और 23 साल की उम्र में उन्होंने लास्ट टेस्ट मैच नवंबर 8, 1995 में न्यूज़ीलैंड के खिलाफ खेला था। 

सचिन, गावस्कर नहीं तोड़ सके कांबली का ये रिकाॅर्ड
कांबली ने अपने नाम ऐसे रिकाॅर्ड बना दिए हैं जिन्हें सचिन और गावस्कर भी नही तोड़ पाए हैं। कांबली के नाम भारतीय क्रिकेट टीम की ओर से सबसे कम उम्र में डबल सेंचुरी बनाने का रिकाॅर्ड दर्ज है। कांबली ने 21 वर्ष और 32 दिन की उम्र में इंग्लैंड के खिलाफ मुंबई में 224 रनों की पारी खेल गावस्कर का रिकाॅर्ड तोड़ा था। गावस्कर ने 1971 में वेस्टइंडीज के खिलाफ 21 वर्ष और 277 दिन की उम्र में ये कारनामा किया था। तो वही सचिन ने 26 साल की उम्र में 1999 में न्यूज़ीलैंड के खिलाफ दोहरा शतक लगाया था। सबसे कम उम्र में डबल सेंचुरी का रिकाॅर्ड पाकिस्तान के जावेद मियांदाद के नाम है। जावेद ने 19 वर्ष 140 दिन की उम्र में अपनी पहली टेस्ट डबल सेंचुरी लगाकर इस रिकाॅर्ड को अपने नाम किया था।

कांबली के बनाए रिकॉर्ड्स पर एक नजर-

स्कूल में की थी सचिन के साथ बड़ी साझेदारी

स्कूल में क्रिकेट खेलते समय कांबली और सचिन ने बड़ी साझेदारी की थी, दोनों ने 664 रनों की पार्टनरशिप की थी। इस साझेदारी के बाद ये दोनों खिलाड़ी चर्चा में आ गए थे। कांबली ने इस मैच में 349 रनों की शानदार पारी के साथ 37 रन देकर 6 विकेट भी लिए थे।

अंडर 19 में भारत के लिए खेला
कांबली ने साल 1989 में अंडर-19 यूथ कप में खेला था, तब सचिन पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट खेल रहे थे। अंडर 19 यूथ कप में काबंली के साथ सौरव गांगुली, रंजीब बिस्वाल, अजय जडेजा, ध्रुव पांडव और आशीष कपूर उनके साथ खेल रहे थे।

रणजी में छक्के से शुरूआत की थी
साल 1989 में कांबली ने अपना पहला डेब्यू रणजी में किया था, जिसमें उन्होंने गुजरात के खिलाफ छक्का लगाकर रन बनाने की शुरुआत की थी।

लगातार दो टेस्ट मैचों में लगाई डबल सेंचुरी
फरवरी-मार्च 1993 में कांबली ने लगातार दो टेस्ट मैचों में डबल सेंचुरी लगाई थी। उन्होनें इंग्लैंड के खिलाफ 224 रनों की पारी खेली और उसके बाद फिर उन्होंने जिम्बाब्वे के खिलाफ दिल्ली टेस्ट में 227 रनों की पारी खेल एक मिसाल कायम कर दी।

तीन टेस्ट मैचों में लगातार सेंचुरी 
दो शतकीय पारियों के बाद काबंली ने एक ऐसा रिकाॅर्ड बना डाला जिससे सभी क्रिकेट फैंस हैरान हुए थे। उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ अगली ही पारी में जुलाई 1993 में 125 रनों की पारी खेली। मतलब दो लगातार डबल सेंचुरी बनाने के बाद कांबली ने एक और शतकीय पारी खेली। 

टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज 1000 रन बनाए
अपनी कमाल की बल्लेबाजी कर रहे कांबली ने अपने टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज 14 पारियों में 1000 रन बनाए हैं। आज के समय में भी कांबली भारत की ओर से टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज 1000 रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं।

भारतीय टीम में सबसे अधिक औसत वाले खिलाड़ी
कांबली के टेस्ट क्रिकेट में औसत की बात करे तो सचिन तेंदुलकर, सुनील गावस्कर, राहुल द्रविड़ और वीरेंद्र सहवाग जैसे बल्लेबाजों से अधिक औसत है। कांबली ने 17 टेस्ट पारियों में 2 डबल सेंचुरी और 4 सेंचुरी के साथ 54.2 की औसत से 1084 रन बनाए हैं। 

जन्मदिन पर लगाई सेंचुरी
जहां सचिन और न्यूज़ीलैंड के रोस टेलर ने अपने अपने जन्मदिन पर सेंचुरी ठोकी हैं तो वहीं, 18 जनवरी 1993 में जन्मदिन के मौके पर कांबली ने इंग्लैंड के खिलाफ नाबाद 100 रनों की पारी खेली थी। 

हुई बाॅलीवुड में ऐंट्री
क्रिकेट खेलने के बाद कांबली की बाॅलीवुड में ऐंट्री हुई, उन्होंने 2002 में सुनील शेट्टी के साथ अपनी पहली डेब्यू फिल्म 'अनर्थ' की और उसके बाद अजय जडेजा के साथ 'पल-पल दिल के साथ' फिल्म में नजर आए। कांबली बाॅलीवुड में ज्यादा देर तक नही रह पाए। 

देरी से लिया सन्यास
कांबली ने साल 2000 में अपना आखिरी इंटरनेशनल मैच श्रीलंका के खिलाफ खेला था। उन्होंने काफी समय बाद क्रिकेट से सन्यास लेना उचित समझा। कांबली ने साल 2009 में इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया था।