टोक्यो ओलिम्पिक : पहली ट्रांसजैंडर एथलीट लॉरेल हबर्ड के चुनाव पर विरोध

punjabkesari.in Wednesday, May 26, 2021 - 10:55 PM (IST)

स्पोर्ट्स डेस्क : लॉरेल हबर्ड टोक्यो गेम्स में भाग लेने वाली पहली ट्रांसजैंडर एथलीट बनकर इतिहास रच सकती हैं। न्यूजीलैंड ओलिम्पिक समिति ने इसकी घोषणा की। खास बात यह है कि 43 साल की लॉरेल ने 2013 में  अपना जैंडर वुमन करवाया था तब तक वह मैंस वेटलिफिटंग चैम्पियन जीत चुकी थी।

लॉरेल की नियुक्ति से पूर्व ओलिम्पिक वेट लिफ्टर ट्रैसी लैमब्रैच भी परेशान है। उन्होंने कहा कि मैं निराश हूं क्योंकि लॉरेल के कारण एक महिला ओलिम्पिक में अपना स्थान हासिल करने से रह गई। मुझे कई महिला वेटलिफ्टर जानती हैं जो इस मामले पर बोलना चाहती है। लेकिन वह नहीं बोलती क्योंकि उन्हें ‘बाहर हो जाने का डर’ है। 

यही नहीं, ऑस्ट्रेलियाई वेटलिफिटंग फैडरेशन ने 2018 कॉमनवैल्थ गेम्स के दौरान लॉरेल की शिकायत भी की थी। उधर, सामोन के प्रधान मंत्री तुइलेपा सैलेले मालिएलेगाओई ने तो यहां तक बोल दिया था कि आप किसी भी एंगल से देखें वह आदमी ही है। 


वहीं, उठते विरोध पर लॉरेल ने कहा कि आप अगर 10 साल पीछे भी चले जाएं तो हम जैसे एथलीट्स का विरोध ही होता था। यह आज भी है। लेकिन मुझे लगता है कि मुझे आगे बढऩा चाहिए और इस बढ़े कंपीटिशन में अपनी धाक जमानी चाहिए।

हर साल गर्म होता जा रहा है अगस्त

टोक्यो ओलिम्पिक के दौरान प्लेयर्स गर्मी से भी परेशान रहेंगे। ‘ब्लूमबर्ग’ में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक जापान में इस अगस्त माह में पारा औसतन 26.3 और 27.4 डिग्री रहने की संभावना है। लेकिन यह बढ़कर 39.1 डिग्री तक भी जा सकता है। यह 1994 में हुए ओलिम्पिक से 11.1 डिग्री ज्यादा है। यानी हर साल अगस्त का महीना गर्म होता जा रहा है। बता दें कि बीजिंग (2008), एथैंस (2004) और अटलांटा (1996) में औसतन पारा 25 डिग्री के पास रहा है। टोक्यो में इस बार गर्मी बढऩे की संभावना के चलते मैराथन और रोड साइक्लिंग जैसे इवैंट साप्पोरो और माऊंट फूजी के पास कराए जा रहे हैं।

‘जापान सरकार से खेलों को रद्द करने का आग्रह’

मॉस्को : आगामी टोक्यो ओलिम्पिक एवं पैरालम्पिक खेलों के आधिकारिक मीडिया पाटर्नर में से एक जापानी समाचार पत्र असाही शिंबुन ने सार्वजनिक सुरक्षा के लिए कोरोना महामारी संबंधी खतरों और देश की स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली पर दबाव का हवाला देते हुए जापान के प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा से ओलिम्पिक खेलों को रद्द करने का आग्रह किया है। असाही शिंबुन की संपादकीय टीम ने बुधवार को एक बयान में कहा कि  हमारी मांग है कि प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा स्थिति का मूल्यांकन करें और इस गर्मी ओलिम्पिक और पैरालिम्पिक खेलों के आयोजन को रद्द करने का फैसला लें।

एक पुरुष, एक महिला लेंगे ओलिम्पिक के लिए शपथ

टोक्यो ओलिम्पिक के उद्घाटन समारोह में एक महिला और एक पुरुष एथलीट को ओलिम्पिक शपथ दिलाने पर विचार चल रहा है। परंपरागत रूप से मेजबान देश का एक एथलीट सभी खेलों के प्रतिभागियों की ओर से शपथ लेता है। लेकिन लैंगिक समानता के उद्देश्य से ऐसा किया जा सकता है। 1988 में सियोल ओलिम्पिक में महिला हैंडबॉल खिलाड़ी सोन मी ना और पुरुष बास्केटबॉल खिलाड़ी हूर जे ने शपथ ली थी।

भारतीय उम्मीद : जूनियर वेटलिफिटंग में जेरेमी चौथे नंबर पर, ओलिम्पिक की राह मुश्किल

भारतीय वेटलिफ्टर जेरेमी लालरिननुंगा की ओलिम्पिक उम्मीदों को मंगलवार को झटका लगा क्योंकि वह जूनियर विश्व चैंपियनशिप में पोडियम से चूक गए। जेरेमी विश्व जूनियर भारोत्तोलन में चौथे स्थान पर आए। 18 साल के जेरेमी ने पिछले महीने एशियन चैम्पियनशिप में 135 किलोग्राम की स्नैच और 165 किलोग्राम की क्लीन एंड जर्क  लगाई थी। कुल 300 किलोग्राम वजन उठाकर वह 67 किलोग्राम वर्ग में चौथे स्थान पर आए थे। नैशनल कोच विजय शर्मा ने कहा कि हम इसको लेकर स्पष्ट  नहीं है कि वह क्वालिफाई कर पाया है या नहीं। फाइनल लिस्ट आने पर सब क्लियर होगा।

ओलिम्पिक सभी गेमों का शिखर : एश्ले बार्टी

निस की नंबर वन प्लेयर एश्ले बार्टी टोक्यो ओलिम्पिक में हिस्सा लेने को आश्वस्त है। उनका कहना है कि मेरे लिए ग्रीन टॉप पर खेलना और सोना हासिल करना हमेशा से सपना रहा है। ओलिम्पिक सभी खेलों का शिखर हैं। यह ऐसी जगह है जहां आप अपनी क्षमताओं को परख सकते हैं। दुनिया के सभी बेहतरीन एथलीट्स एक जगह इक_ा होते हैं। यह बेहद खास होता है। यहां से जो अनुभव मिलता है वह रीढ़ की हड्डी को झिंझोड़ देने वाला होता है। बार्टी ने इस दौराान फ्रीमैन की ऐतिहासिक जीत को भी याद किया। उन्होंने कहा कि मुझे याद है कि उन्होंने कौन-से कपड़े पहने थे। उनका जोश देखते ही बनता था। यह ऐसा मोंमेंट था जो आपको बूस्ट करता है

ओलिम्पिक में अपना सब कुछ देना है :  हरमनप्रीत

भारतीय हॉकी टीम के ड्रैग फ्लिकर हरमनप्रीत सिंह ने कहा कि हां, इसे एक बार टाला जा चुका है, लेकिन वे चीजें हमारे हाथ में नहीं हैं, इसलिए इस पर विचार करने का कोई मतलब नहीं है। मेरा एकमात्र लक्ष्य फिट रहना, अपने खेल पर काम करना और ओलिम्पिक में अपना सब कुछ देना है। ओलिम्पिक 4 साल बाद आता है। प्रत्येक एथलीट्स के लिए इसमें खेलना किसी सपने के सच होने जैसा होता है। 

Content Writer

Jasmeet