टोक्यो ओलिम्पिक होगा ‘वुमन स्पैशल’ : यह 2 बड़े कदम उठाए गए

punjabkesari.in Monday, May 17, 2021 - 05:44 PM (IST)

48.8 फीसदी महिला प्लेयर्स लेंगी गेम्स में हिस्सा 
19 महिलाएं हैं कार्यकारी बोर्ड के 45 मैंबरों में
इतिहास में पहली बार सभी गेमों में महिलाएं लेंगी हिस्सा

जालन्धर, (जसमीत) : टोक्यो ओलिम्पिक संभवत: इस बार ‘वुमन स्पैशल’ होगा। इसका कारण बने हैं- जापानी नेता योशीरो मोरी। 83 साल के मोरी ने फरवरी में ओलिम्पिक आर्गेनाइजेशन कमेटी की बैठक में सिर्फ इतना बोलकर अपनी कुर्सी गंवा दी थी कि महिलाएं मीटिंग के दौरान बहुत बातें करती हैं। पी.एम. के यह शब्द नारी सशक्तिरण को मजबूत करने के लिए काफी साबित हुए। बड़ा बदलाव हुआ। नई आर्गेनाइजेशन बॉडीज में 12 नई महिलाएं जोड़ी गईं। पहले जो संख्या 7 थी अब 19 (45 में से) हो गई हैं। अब नई सी.ई.ओ तोशीरो मुत्तो लैंगिक समानता के प्रति इतनी गंभीर है कि उन्होंने ओलिम्पिक की स्पांसर कंपनियों, स्पोटर््स बॉडीज और एजुकेशनल इंस्टीट्यूट से पहले ही अपने मार्केटिंग प्लान भेजने को बोल दिया है। इस बार ओलिम्पिक में महिलाओं की सर्वाधिक 48.8 फीसदी हिस्सेदारी होनी है। इसे में महिला नेतृत्व पर सबकी नजरें बनी रहेंगी।

अटपटे बयान पर पी.एम. को देना पड़ा था त्यागपत्र

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ओलिम्पिक के दौरान लैंगिक समानता को लेकर मांग तब उठी थी जब जापान के पूर्व प्रधानमंत्री योशीरो मोरी ने यह बोल दिया था कि जापानी ओलिम्पिक कमेटी की महिला मैंबर मीटिंग के दौरान बातें बहुत करती हैं। मोरी के इस बयान पर खूब बवाल लिया। यह इतना था कि उन्हें त्यागपत्र तक देना पड़ा। इसके बाद लैंगिक समानता के लिए जब 1000 वालंटियर पीछे हटे तो कमेटी की नए प्रेसिडैंट सेको हाशिमोतो ने नई कमेटी बनाई जोकि लैंगिक समानता के मामले देखेगी।

जापान का लैंगिक समानता में है 121वां स्थान

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वल्र्ड इकनोमिक फॉर्म द्वारा ग्लोबल जैंडर गैप की जो रिपोर्ट इस साल प्रकाशित की गई थी उसमें जापान का नंबर 121वां है। इसमें दुनिया की 151 देशों को जोड़ा गया था। क्योंकि आगे टोक्यो ओलिम्पिक होना है तो ऐसे में सभी की नजरें ‘क्या जापान लैंगिक समानता को बरकरार रख पाएगा’ पर बनी हुई हैं। इस दौरान आर्गेनाइजिंग कमेटी की प्रेसिडैंट हाशिमोतो जोकि पूर्व ओलिम्पिक एथलीट भी हैं, ने 25 फरवरी को एक कमेटी बनाई थी जिसकी अध्यक्षा दो बार की स्विमिंग ओलिम्पिक मैडलिस्ट कोटनी मिकाको को बनाया गया। उन्होंने आते ही कमेटी में 40 फीसदी महिलाओं को जोड़ा।

ओलिम्पिक में महिलाओं की हिस्सेदारी, पिछले 10 साल के आंकड़े

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1900 के पेरिस ओलिम्पिक में सिर्फ 2.2 प्रतिशत महिलाओं ने हिस्सा लिया था। 1904 में यह दर 0.9 पर आ गई। 1932 में यह 9 तो 1988 में यह 26 प्रतिशत तक आ गई।
1900 के पेरिस ओलिम्पिक में सिर्फ टैनिस, सेलिंग, क्रॉकेट, घुड़सवारी और गोल्फ गेम थीं। जबकि महिलाओं के लिए सिर्फ टैनिस और गोल्फ।
इसके बाद एक-दो कर अन्य गेम शामिल होती गईं। 2016 में दोबारा गोल्फ और रग्बी की टीमें शामिल की गईं। लेकिन 2020 में पांच स्पर्धाएं और जोड़ी गई हैं। ये हैं- बेसबॉल, कराटे, स्केटबोर्डिंग, स्पोटर््स क्लिम्बिंग, सर्फिंग।

जापानी राजनीति में महिलाओं की शमूलियत 10.2 प्रतिशत

2018 के एक सर्वे के अनुसार जापान की राजनीति में महिलाओं की हिस्सेदारी सिर्फ 10.2 प्रतिशत है जोकि जी-20 नैशंस में सबसे कम है। जापान को अच्छी महिला वक्ता की भी कमी खलती है। कुछ महीने पहले जापान की रूलिंग पार्टी ने पांच महिलाओं को अपनी मीटिंग में बतौर ऑब्र्जवर बुलाया था लेकिन इनमें से एक को भी बोलने का मौका नहीं दिया गया।

कदम छोटा है लेकिन दूरगामी परिणाम निकलेंगे : सुजुकी वेगनर

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‘लीन इन टोक्यो’ नामक संस्था चलाती रीना सुजुकी वेगनर ने टोक्यो ओलिम्पिक में लैंगिक समानता को लेकर उठाए गए कदमों पर कहा कि भले ही यह छोटा कदम है लेकिन इसके दूरगामी परिणाम निकलेंगे। मेरा मानना है कि आयोजन समिति के नेतृत्व में बदलाव इस बात का एक बड़ा उदाहरण है कि कैसे किसी सार्वजनिक मान्यताप्राप्त व्यक्ति ने अत्यधिक मान्यता प्राप्त राजनीतिक गतिरोध में लैंगिक समानता को चोट पहुंचाई जिसके फलस्वरूप उन्हें पद से हटना पड़ा।

इस्तीफा बड़ी उदाहरण

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लैंगिक समानता को कौन से नियम कड़े करने की जरूरत है, सवाल पर एक इंटरव्यू के दौरान सुजुकी वेगनर ने कहा कि सेक्सवाद को चुनौती देने के लिए इसे जापानी सरकार और कॉर्पोरेट नेताओं की प्रतिबद्धता की आवश्यकता होगी। लेकिन अभी तक वह इसके लिए एकसाथ नहीं आए हैं। ओलिम्पिक का अगर आयोजन हुआ तो यह अंतरराष्ट्रीय दबाव के कारण होगा। योशीरो मोरी के प्रति जापानी जनता की राय और ओलिम्पिक की अंतर्राष्ट्रीय धारणा पर नकारात्मक प्रभाव डाला था। इसके बाद कई अंतरराष्ट्रीय प्रायोजकों और अंतरराष्ट्रीय ओलिम्पिक संगठनों ने इसका विरोध किया जिसके चलते जापान में सरकार बदल गई। लेकिन अभी भी नई सरकार इसको लेकर ज्यादा गंभीर नहीं है।


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Content Writer

Jasmeet

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