वरुण चक्रवर्ती ने खोला सफल वापसी का राज, घरेलू क्रिकेट और मुख्य कोच को दिया श्रेय
punjabkesari.in Monday, Nov 11, 2024 - 11:53 AM (IST)
गकेबरहा : भारतीय स्पिनर वरुण चक्रवर्ती ने कहा कि घरेलू क्रिकेट में खेलने और मुख्य कोच गौतम गंभीर की भूमिका को लेकर स्पष्टता से उन्हें तीन साल बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सफल वापसी करने में मदद मिली। इस 33 वर्ष से इस स्पिनर ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ रविवार को दूसरे टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में 17 रन देकर पांच विकेट लिए जो उनके करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। भारत हालांकि यह मैच तीन विकेट से हार गया था।
चक्रवर्ती ने मैच के बाद कहा, ‘निश्चित रूप से पिछले तीन साल काफी कठिन रहे। मैंने इस बीच अधिक से अधिक क्रिकेट खेली। मैंने घरेलू लीग में भी खेलना शुरू किया और इससे निश्चित तौर पर मुझे अपना खेल समझने में मदद मिली।' चक्रवर्ती इस साल आईपीएल चैंपियन बनने वाली कोलकाता नाइट राइडर्स की टीम का हिस्सा थे। हाल में भारत के मुख्य कोच का पद संभालने वाले गंभीर भी तब इस फ्रेंचाइजी टीम से जुड़े हुए थे। राष्ट्रीय टीम में वापसी के संदर्भ में चक्रवर्ती ने कहा कि इसमें गंभीर की भूमिका अहम रही।
उन्होंने कहा, ‘हां हम बांग्लादेश के खिलाफ श्रृंखला में खेल रहे थे और वह टीम के कोच थे। हमने निश्चित तौर पर काफी बातचीत की और उन्होंने मेरी भूमिका को लेकर काफी स्पष्टता प्रदान की। उन्होंने मुझसे कहा कि अगर मैं 30-40 रन भी लुटा देता हूं तो कोई बात नहीं। आपको केवल विकेट लेने पर ध्यान केंद्रित करना है और टीम में आपकी भूमिका यही है। इस तरह की स्पष्टता से मुझे निश्चित तौर पर वापसी करने में मदद मिली।'
भारत दूसरे मैच में दक्षिण अफ्रीका के सामने 125 रन का लक्ष्य ही रख पाया लेकिन चक्रवर्ती की शानदार गेंदबाजी से भारत ने अच्छी वापसी की लेकिन ट्रिस्टन स्टब्स (47) और गेराल्ड कोएत्ज़ी (19) ने अटूट साझेदारी निभाकर अपनी टीम को जीत दिला दी। चक्रवर्ती ने कहा, ‘ब्रेक के दौरान कप्तान सूर्यकुमार यादव ने कहा कि हमें परिणाम के बारे में नहीं सोचना है और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करना है। हमने ऐसा किया और हम जीत के करीब भी पहुंच गए थे।'
उन्होंने कहा, ‘जब आप छोटे लक्ष्य का बचाव करने के लिए उतरते हैं तो आपकी मानसिकता आक्रामक होती है। हम विकेट लेकर ही मैच जीत सकते थे। हम अगले दो मैच में भी इसी मानसिकता के साथ खेलेंगे क्योंकि अब यह मैच हमारे लिए करो या मरो जैसे बन गए हैं।'