2 साल बाद भी निदाहास ट्रॉफी नहीं भूले विजय शंकर, कहा- रातों को जब मैं...

punjabkesari.in Thursday, Mar 12, 2020 - 05:12 PM (IST)

 

स्पोर्ट्स डेस्क: साल 2018 में श्रीलंका में त्रिकोणीय श्रृंखला निदाहास ट्रॉफी का आयोजन किया गया था। इसके फाइनल में भारत ने बांग्लादेश को 4 विकेट से हराकर खिताब पर कब्जा जमाया था। इस टूर्नामेंट की तीसरी टीम श्रीलंका थी। फाइनल में भारत ने दिनेश कार्तिक की 8 बॉलों में 3 छक्के तथा 2 चौकों के साथ खेली गई 29 रनों की शानदार पारी के बल पर मैच को अंतिम क्षणों में जीता था। लेकिन जहां एक ओर यह मैच दिनेश कार्तिक के शानदार बल्लेबाजी के लिये याद किया जाता है। वही दूसरी तरफ इस मैच में भारत की ओर से खेल रहे विजय शंकर के निराशाजनक प्रदर्शन को लेकर भी याद किया जाता है।

गौरतलब है कि उस मैच में भारत के नियमित कप्तान विराट कोहली की गैरमौजूदगी में रोहित शर्मा भारत की कप्तानी कर रहें थे। उन्होंने विजय शंकर को दिनेश कार्तिक से पहले बल्लेबाजी करने भेजा था। 167 के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने अपने 5 विकेट गवां दिए थे। लेकिन विजय शंकर अपने कप्तान के भरोसे पर खरे नहीं उतर पाए थे तथा 19 गेंदों पर 17 रन ही बना पाए थे। उससे पहले गेंदबाजी में भी उन्होंने 4 ओवरों में 12 की इकोनॉमी से 48 रन खर्च किए थे।

विजय शंकर ने अपने उस प्रदर्शन को याद करते हुए कहा कि उस प्रदर्शन के बाद उनका घर से बाहर आना भी कठिन हो गया था। उनसे मिलने वाले लोग लगातार उनसे खराब प्रदर्शन पर चर्चा करते रहते थे। उन्होंने कहा कि वे रात को सो नहीं पाते थे तथा लगातार सोते वक्त उनके आखों से आंसू निकलते रहते थे। साथ ही उन्होंने बताया की निदाहास ट्रॉफी के तुरंत बाद आयोजित आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन करने पर वह अपने पिछले अवसाद से निकल पाए।

 

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