‘शुद्ध रूप से'' कुश्ती खेलनी है तो संन्यास के फैसले पर दोबारा विचार करें विनेश फोगाट : WFI
punjabkesari.in Monday, Aug 26, 2024 - 06:27 PM (IST)
इंदौर (मध्यप्रदेश) : भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष संजय सिंह ने सोमवार को कहा कि पेरिस ओलंपिक में पदक से चूकने के बाद खेल से संन्यास की घोषणा करने वाली पहलवान विनेश फोगाट को अपने इस फैसले पर दोबारा विचार करना चाहिए, बशर्ते उनका इरादा ‘शुद्ध रूप से' कुश्ती खेलना ही हो। पेरिस ओलंपिक में महिलाओं के 50 किलोग्राम भार वर्ग के फाइनल से पहले विनेश का वजन 100 ग्राम अधिक निकला था जिसके कारण उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया था। इसके बाद उन्होंने खेल से संन्यास की घोषणा कर दी थी।
संजय ने कहा, ‘अगर विनेश को शुद्ध रूप से कुश्ती खेलनी है, तो उन्हें संन्यास के अपने फैसले पर एक बार पुनर्विचार करना चाहिए। उनसे प्रेरणा लेकर महिला पहलवानों की हमारी नयी पीढ़ी आगे बढ़ेगी।' उन्होंने हालांकि अपनी बात में तुरंत जोड़ा, ‘जिस हिसाब से वह (विनेश) आजकल राजनीतिक मंच साझा कर रही हैं, ऐसे में अगर उन्हें (भविष्य में) राजनीति ही करनी है, तो फिर उन्हें कुश्ती में राजनीति नहीं करनी चाहिए।'
विनेश के राजनीति के अखाड़े में उतरने की अटकलों पर संजय ने कोई भी टिप्पणी से इनकार करते हुए कहा कि यह इस 30 वर्षीय पहलवान का व्यक्तिगत मामला है। उन्होंने कहा कि अगर विनेश प्रतिस्पर्धात्मक कुश्ती में लौटती है तो वह उन्हें पूरा सहयोग करेंगे। संजय ने यह भी कहा कि 2023 में देश के पहलवानों का आंदोलन डब्ल्यूएफआई को ‘बहुत बड़ी सीख' देकर गया है।
गौरतलब है कि यह आंदोलन कथित यौन उत्पीड़न मामले में तत्कालीन डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ किया गया था। मौजूदा डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष संजय सिंह को बृजभूषण शरण सिंह का करीबी माना जाता है। मौजूदा डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष ने कहा,‘‘हम पेरिस ओलंपिक में भारतीय पहलवानों के छह पदक जीतने की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन देश विरोधी ताकतों के षड्यंत्र के तहत 18 महीने तक कुश्ती की गतिविधियां ठप कर दी गईं। इस आंदोलन के चलते देश को ओलंपिक में केवल एक पदक मिल सका।'
संजय ने कहा, ‘मैं कुश्ती और राजनीति को अलग-अलग रखना चाहता हूं। इसलिए मैं ऐसे किसी भी व्यक्ति का नाम लेना नहीं चाहता जिसने यह आंदोलन खड़ा किया था लेकिन कुश्ती में राजनीति घुसने की वजह से ही पेरिस ओलंपिक में कुश्ती का यह हश्र हुआ।' उन्होंने हाल ही में जॉर्डन में खेली गई विश्व चैंपियनशिप में भारत की अंडर-17 महिला कुश्ती टीम के शानदार प्रदर्शन का हवाला देते हुए कहा कि भारतीय महिला कुश्ती बहुत अच्छी स्थिति में है और लगातार आगे जा रही है।
संजय ने कहा, ‘अगर डब्ल्यूएफआई को स्वतंत्र रूप से अपना काम करने दिया जाए और दो-चार संस्थाएं हमारे काम-काज में दखल देना बंद कर दें, तो हम अगले ओलंपिक में महिला कुश्ती में देश को चार से पांच पदक दिला सकते हैं।' उन्होंने यह भी बताया कि डब्ल्यूएफआई मध्यप्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में कुश्ती अकादमी खोलने पर विचार कर रहा है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव राज्य कुश्ती संघ के अध्यक्ष भी हैं। डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष ने बताया, ‘उज्जैन में कुश्ती की अकादमी खोलने की योजना को लेकर हमारी मुख्यमंत्री से शुरुआती दौर की बातचीत चल रही है।'