VIDEO: कुत्ते का बच्चा उठाकर 42 किलोमीटर दौड़ने वाली मैराथन रनर के चारों ओर चर्चे, जानें वजह
punjabkesari.in Saturday, Feb 02, 2019 - 04:33 PM (IST)
स्पोटर्स डेस्क (अतुल वर्मा): आमतौर पर आपने मैराथन रनर्स को कम समय में दौड़ पूरी कर कोई पुराना रिकॉर्ड तोड़ते हुए नया रिकॉर्ड बनाने पर तारीफें बटौरते देखा और सुना होगा, लेकिन क्या आपने कभी किसी मैराथन रनर को कुत्ते के बच्चे को उठाकर 5 नहीं, 10 नहीं 20 भी नहीं बल्कि 42 किलोमीटर दौड़ने के बाद तारीफे बटौरते सुना है, नहीं ना। पर ऐसा सचमुच में हुआ है। थाईलैंड की एक महिला रनर का बिल्कुल ऐसा करने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर ना केवल खूब वायरल हो रहा है, बल्कि लोग महिला रनर की जमकर तारीफ भी कर रहे हैं। तो चलिए, आप भी जानिए इसके पीछे की वजह।
सड़क किनारे मिला था कुत्ते का बच्चा, महिला रनर ने उठाकर पूरी की 42 किलोमीटर मैराथन
हुआ यूं कि वेस्टर्न थाइलैंड में पिछले दिनों 42 किलोमीटर चोम्बुंग मैराथन का आयोजन किया गया था, जिसमें थाईलैंड की एक महिला रनर खेमजिरा लोंगसानन ने भी हिस्सा लिया। 12 किलोमीटर दौड़ने के बाद खेमजिरा को सड़क किनार एक कुत्ते का बच्चा मिला, जो उन्हें परिवार से बिछड़ा हुआ लगा। इस दौरान मैराथन रनर खेमजिरा को आस-पास कोई घर भी नजर नहीं आया। तब उन्होंने इंसानियत दिखाते हुए उसे अपने साथ ले जाना ही मुनासिब समझा।
इसके बाद खेमजिरा ने बाकी की 30 किलोमीटर की दौड़ कुत्ते के मासूम बच्चे को अपने तौलिये में लपेटते हुए उसे उठाकर ही पूरी की। उनके ऐसा करने पर कुछ मैराथन रनर्स के अलग-अलग चेहरे के भाव और प्रतिक्रियाएं आईं, लेकिन जैसे ही उन्होंने ये दौड़ पूरी की तो वहां मौजूद हर शख्स ने कुत्ते के बच्चे की जान बचाने पर खेमजिरा लोंगसानन की जमकर तारीफ की।
सोशल मीडिया पर इसका वीडियो भी हुआ वायरल, लोगों ने की महिला रनर की तारीफ
"Maratón Perrón" Khemjira Klongsanun es una mujer de 43 años que corrió el maratón de Chombueng en Ratchaburi, al oeste de Tailandia y al ver a un cachorro en el camino lo rescato y corrio con el #QuePerro ¿no? https://t.co/zUUm0mtvx6
— Mauro Hernandez (@MAURAZZOTV) January 30, 2019
खेमजिरा ने कुत्ते के बच्चे के नाम किया मैराथन मेडल, पोस्ट की फोटो
महिला मैराथन रनर ने मासूम कुत्ते के बच्चे को नाम भी दिया और घर भी
मैराथन खत्म होने के बाद मैराथन रनर खेमजिरा लोंगसानन ने कोशिश की कि वो उसके सही मालिक के पास पहुंचा सकें। इसके लिए उन्होंने बकायदा घोषणा भी करवाई, लेकिन कोई उस कुत्ते के बच्चे को लेने के लिए आगे नहीं आया। तब खेमजिरा ने ही उसे अपने साथ ले जाने का फैसला किया। इतना ही नहीं उन्होंने प्रतियोगिता के नाम पर उस कुत्ते के बच्चे का नाम (चोम्बुंग) भी रखा और उसे अपने घर ले गईं।