पेरिस पैरालिम्पिक्स से हम क्या सीख सकते हैं

punjabkesari.in Monday, Sep 09, 2024 - 07:38 PM (IST)

नई दिल्ली : पैरिस पैरालिम्पिक खेलों में भारत का प्रदर्शन शानदार रहा। 7 गोल्ड के साथ 29 पदकों के साथ भारतीय दल पदक तालिका में 18वें स्थान पर रहा। पैरालिम्पिक्स से हम यह बातें सीख सकते हैं।

 

खेलों को अपनाएं : पैरिस पैरालिम्पिक में 23 खेल विधाएं थीं, लेकिन भारत को अधिकांश सफलता एथलैटिक्स, तीरंदाजी, शूटिंग और बैडमिंटन में मिली। उदाहरण के लिए, तैराकी में 140 पदक दांव पर थे, लेकिन भारत ने सिर्फ एक प्रतिभागी को चुना। स्पष्ट रूप से, सुधार की बहुत गुंजाइश है। भारत को 2028 में लॉस एंजिल्स में कई और पदक जीतने के लिए अन्य खेलों को अपनाने की आवश्यकता है।

 

Paris Paralympics, Paralympics 2024, Paris 2024, Paris Paralympics takeaways, पेरिस पैरालिंपिक, पैरालिंपिक 2024, पेरिस 2024, पेरिस पैरालिंपिक टेकअवे

 

हर किसी की एक कहानी है : पैरालिम्पिक पदकों के बारे में कम और प्रतिभागियों के बारे में अधिक है। हर पदक या हर एथलीट के पीछे एक कहानी है। धर्मबीर नैन और प्रणय सूरमा ने पुरुषों की क्लब थ्रो स्पर्धा में क्रमशः स्वर्ण और रजत जीता। हालांकि, उनमें विकलांगता का अनुपात इतना अधिक है कि उनके प्रदर्शन की भविष्यवाणी करना असंभव है। ट्रैक और फील्ड दल के कोच सत्यनारायण शिमोगा ने कहा कि उनका अपने मल त्याग पर कोई नियंत्रण नहीं है। वे अक्सर प्रतिस्पर्धा करते समय पेशाब कर देते हैं। यदि वे सही स्थिति में नहीं बैठे हैं, तो वे प्रदर्शन नहीं कर सकते हैं। जब तक आप उनकी कहानी नहीं जानते, उनकी सफलता की सराहना करना असंभव है। दल के चिकित्सा प्रमुख डॉ अमेय कागली ने कहा कि प्राची (यादव) ने गंभीर आंख के संक्रमण के बावजूद अपने स्पर्धा के फाइनल में जगह बनाई। हमें हर छह घंटे में उसकी आंख की पट्टी बांधनी पड़ती थी

Paris Paralympics, Paralympics 2024, Paris 2024, Paris Paralympics takeaways, पेरिस पैरालिंपिक, पैरालिंपिक 2024, पेरिस 2024, पेरिस पैरालिंपिक टेकअवे


समर्थन जरूरी है : पैरालिम्पिक के बारे में मीडिया ने विस्तार से रिपोर्ट दी है। सोशल मीडिया पर लाखों लोग ने इन एथलीटों का समर्थन किया है। लेकिन अब जरूरत है कि इनसे जुड़े रहने की। उम्मीद है कि मीडिया और प्रशंसक खेल खत्म होने के बाद भी इन एथलीटों से जुड़े रहेंगे। पैरा इवेंट्स पर नियमित रिपोर्टिंग से यह सुनिश्चित होगा कि उनकी प्रगति रिकॉर्ड की गई है और उसका दस्तावेजीकरण किया गया है। निरंतर रिपोर्टिंग से जागरूकता बढ़ेगी और संभवतः भविष्य में कॉर्पोरेट समर्थन में वृद्धि होगी। 

 

तुलना न करें : ओलिम्पिक और पैरालिम्पिक की तुलना हो रही है। बताया जा रहा कि ओलिम्पिक पर 500 करोड़ खर्च कर सिर्फ 6 पदक मिले, जबकि पैरालिम्पिक पर 20 करोड़ रुपए से ही 29 पदक मिल गए। यह सही तुलना नहीं है। दोनों बहुत अलग टूर्नामैंट हैं और एक की सफलता का इस्तेमाल दूसरे की आलोचना करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। पैरालिम्पिक का अधिक समर्थन करें और पैरा खेलों में अधिक निवेश करें। लेकिन पैरालिम्पिक का उदाहरण देकर ओलिम्पियनों को गाली देना गलत है। 

 

Paris Paralympics, Paralympics 2024, Paris 2024, Paris Paralympics takeaways, पेरिस पैरालिंपिक, पैरालिंपिक 2024, पेरिस 2024, पेरिस पैरालिंपिक टेकअवे

 

विजेताओं को याद रखें : पदक विजेताओं के साथ सबने जश्न मनाया। लेकिन यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि हम पूरे दल के साथ जश्न मनाएं। क्योंकि जो इस बार असफल रहे हैं वे कल के चैम्पियन हैं और उन्हें नहीं भूलना चाहिए। पुरुषों की ऊंची कूद में स्वर्ण पदक जीतने वाले प्रवीण कुमार विश्व चैम्पियनशिप में पोडियम तक नहीं पहुंच पाए। अगर उन्हें बाहर कर दिया गया होता, तो छठा स्वर्ण नहीं होता। यहां समग्र समझ बेहद जरूरी है।


 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Jasmeet

Related News