15 साल के सचिन ने जब कपिल देव की आग उगलती गेंदों पर रन बरसाए, वेंगसरकर ने सुनाया किस्सा

punjabkesari.in Saturday, Jun 13, 2020 - 12:18 PM (IST)

मुंबई : सचिन तेंदुलकर को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में जगह पाने के लिए कड़े इम्तिहान से गुजरना पड़ा था। सचिन के टीम इंडिया में चुने जाने की कहानी शेयर करते हुए भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान दिलीप वेंगसरकर ने एक शो के दौरान बताया कि कैसे सचिन ने कपिल देव की आग उगलती गेंदों का सामना कर टीम इंडिया में जगह पाई थी। सचिन तब महज 15 साल के थे। उनका शॉट सिलेक्शन और डिफैंस बेहद अच्छा था। 

वेंगसरकर ने कहा कि उन दिनों सुनने में आया था कि एक युवा बल्लेबाज है जिसका नाम सचिन रमेश तेंदुलकर है। वह मुंबई स्कूल क्रिकेट टूर्नामेंट में जमकर रन बरसा रहा है। कोई गेंदबाजी उनके आगे टिक नहीं पाता। 1988 में ही वह अपना 100 वां टेस्ट खेलने जा रहे थे। न्यूजीलैंड के खिलाफ उक्त मैच होना था लेकिन उससे पहले ही हमने सचिन को नेट पर आजमाने की सोची। तब मैंने कपिल देव, चेतन शर्मा को गेंदबाजी करने के लिए कहा।

वेंगसरकार बोले- मुंबई में 100 साल से पुराने टूर्नामेंट चल चलते हैं। यहां से कई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर टीम इंडिया को मिले। मुझे याद है कि उस दिन प्र्रेक्टिस के वक्त कोच वासुदेव परांजपे मेरे पास आए। वह सचिन से काफी प्रभावित थे। बोले- इस लड़के को देखिए इसमें कमाल की प्रतिभा है। मैंने कहा मैं उसे बाद में देखूंगा, अभी नहीं लेकिन उन्होंने मुझपर जोर डाला।

आखिरकर मैं उनके साथ गया। सचिन नेट पर था। उसका शॉट सिलेक्शन उम्दा था। मैंने तब कपिल देव, अर्शद अयूब, मनिंदर सिंह, चेतन शर्मा से कहा आप उनको गेंदबाजी कीजिए। पहले उनका जवाब न था। उनका तर्क था कि आखिर हम 15 साल के बच्चे को गेंदबाजी क्यों करें।

मैंने उन्होंने मनाया। कहा- इसने स्कूल स्तर पर काफी रन बनाए है। हमें इसे परखना चाहिए। देखना चाहिए कि यह कैसे बल्लेबाजी करता है। आखिर सभी राजी हो गए। नेट पर सचिन आए तो एक-एक कर टीम इंडिया के सभी स्थापित गेंदबाजों ने उसे बॉलिंग की। खास तौर पर कपिल देव की आग उगली गेंदों पर सचिन ने सभी को काफी प्रभावित किया। वह अच्छा खेले। इसके बाद की कहानी सब जानते हैं।

Jasmeet