''शमी कहां हैं, आखिर क्यों नहीं खेल रहे'', लगातार अनदेखी पर दिग्गज गेंदबाज ने उठाए सवाल

punjabkesari.in Friday, Dec 05, 2025 - 06:48 PM (IST)

स्पोर्ट्स डेस्क : भारतीय क्रिकेट में तेज गेंदबाजी की रीढ़ माने जाने वाले मोहम्मद शमी एक बार फिर चयन को लेकर विवाद के केंद्र में हैं। मार्च 2025 में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के बाद से शमी को किसी भी भारतीय स्क्वॉड में शामिल नहीं किया गया है। घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन और बेहतरीन फिटनेस दिखाने के बावजूद राष्ट्रीय टीम में उनकी वापसी न होना कई दिग्गजों को खटक रहा है। खासकर पूर्व ऑफ-स्पिनर हरभजन सिंह ने खुलकर सवाल उठाते हुए कहा है कि इतने अनुभवी और मैच-विनिंग गेंदबाज को लगातार बाहर रखना टीम की सोच पर सवाल खड़ा करता है। 

शमी की गैरमौजूदगी पर हरभजन सिंह का तीखा सवाल

हरभजन सिंह लंबे समय से क्रिकेट के मामलों पर अपनी साफ राय रखने के लिए जाने जाते हैं। रायपुर वनडे के बाद अपने चैनल पर उन्होंने पूछा, “शमी कहां हैं? आखिर क्यों नहीं खेल रहे?” उन्होंने इशारा किया कि शमी जैसे प्रूवन मैच-विनर को एकदम से टीम से दूर कर देना भारतीय चयन प्रणाली पर गंभीर प्रश्न खड़ा करता है। शमी ने पिछले एक दशक में टेस्ट, वनडे और टी20 तीनों फॉर्मेट में भारत के लिए निर्णायक प्रदर्शन दिया है। ऐसे में एक फिट और फॉर्म में गेंदबाज को नजरअंदाज करना ना सिर्फ टीम की गहराई को कम करता है बल्कि अनुभव की कमी भी पैदा करता है। 

घरेलू क्रिकेट में शानदार वापसी, फिर भी चयन से दूर

35 वर्षीय मोहम्मद शमी इन दिनों सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में बंगाल की ओर से खेल रहे हैं। उन्होंने टूर्नामेंट में बेहतरीन लाइन-लेंथ, स्विंग और डेथ ओवरों में सटीक गेंदबाजी के साथ यह साबित कर दिया कि वह अभी भी शीर्ष स्तर पर खेलने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। इसके बावजूद चयन समिति ने उन्हें किसी भी सीरीज के लिए शामिल नहीं किया, जिससे यह सवाल और मजबूत हो गया है कि उनके बाहर रहने की वजह तकनीकी है, चयन नीति है या कुछ और।

क्या टीम इंडिया अनुभव की अनदेखी कर रही है?

हरभजन का मानना है कि भारत बुमराह जैसे स्टार बॉलर पर अत्यधिक निर्भर हो गया है, जबकि टीम को चाहिए कि वह बुमराह की अनुपस्थिति में भी जीतने की कला विकसित करे। ऐसे में शमी जैसे वरिष्ठ गेंदबाज को मौका देना टीम संयोजन के लिए बेहद जरूरी है। उनकी विविधताओं रिवर्स स्विंग, लेट मूवमेंट और डेथ-ओवर विशेषज्ञता का कोई विकल्प आसानी से नहीं मिलता।

क्या चयनकर्ताओं को शमी को नई भूमिका देने की जरूरत है?

कई विशेषज्ञ मानते हैं कि शमी को पूर्णकालिक नहीं तो सीमित मैचों में रोटेशनल भूमिका दी जा सकती है। भारत को युवा गेंदबाजों को तैयार करना चाहिए, लेकिन सीनियर खिलाड़ियों को भूलकर नहीं। ड्रेसिंग रूम में शमी की उपस्थिति ही युवा तेज गेंदबाजों के लिए सीख का एक बड़ा स्रोत है। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Sanjeev

Related News