ओलंपिक पदक जीतना खुद के खिलाफ लड़ाई जीतने जैसा- दीपिका कुमारी

punjabkesari.in Wednesday, Jul 28, 2021 - 09:02 PM (IST)

टोक्यो : दुनिया की नंबर एक तीरंदाज दीपिका कुमारी का कहना है कि तोक्यो ओलंपिक में सफलता मिलना खुद के खिलाफ द्वंद्व जीतने की तरह होगा और उन्होंने स्वीकार किया कि वह उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए नर्वस महसूस कर रही हैं। हवा के बावजूद दीपिका ने बुधवार को कुछ परेशानियों से उबरते हुए अमेरिका की युवा तीरंदाज जेनिफर मुसिनो फर्नांडिज को 6-4 से शिकस्त देकर भारतीय उम्मीदें बनाये रखी जबकि बुधवार को तरूणदीप राय और प्रवीण जाधव अपने मुकाबले गंवाकर बाहर हो गए।

दीपिका ने बुधवार को दूसरे दौर में जीत दर्ज करने के बाद यहां पत्रकारों से कहा कि निश्चित रूप से मैं नर्वस हूं। ओलंपिक में दबाव अलग स्तर का होता है क्योंकि आपने यहां पदक जीतने के लिए इतने वर्षों तक प्रयास किया है। यह आपके अंदर का ही द्वंद्व होता है और मैं यहां खुद के खिलाफ जीत दर्ज करने की कोशिश कर रही हूं। उम्मीदों का दबाव लोगों से नहीं बल्कि खुद से ही होता है क्योंकि आप हमेशा अपना प्रदर्शन बेहतर करना चाहते हो।

दीपिका ने कहा कि जब आप यहां निशाना लगाते हो तो आप देश के लोगों का दबाव महसूस नहीं करते। यह इतना मायने नहीं रखता बल्कि यह खुद का दबाव होता है जिसका अकसर असर पड़ता है। हम हमेशा इससे निपटने की कोशिश करते हैं। दीपिका ने दुनिया की नंबर एक तीरंदाज के रूप में लंदन 2012 में ओलंपिक पदार्पण किया था लेकिन वह पहले ही दौर में बाहर हो गई थीं। रियो 2016 से पहले भी फिर उनसे काफी उम्मीदें लगाई गईं थीं लेकिन वह प्री क्वार्टरफाइनल से ही बाहर हो गई।

उन्होंने कहा कि मेरी किस्मत ही खराब है। नहीं पता कि आगे क्या लिखा है। हर बार ओलंपिक से पहले मैं कुछ जीतकर सुर्खियों में आ जाती हूं। ईमानदारी से कहूं मैं सुर्खियों में नहीं आना चाहती लेकिन यह हो जाता है। कि अब दीपिका को अगले दौर में निशाना लगाने से पहले दो दिन का ब्रेक मिला है और शनिवार का दिन बड़ा दिन होगा जब महिलाओं की व्यक्तिगत स्पर्धा के पदक तय होंगे। 


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Content Writer

Raj chaurasiya

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