योगराज ने बेटे युवराज की इस पारी को बताया खास, कहा- मैंने ऐसा जज्बा किसी में नहीं देखा

punjabkesari.in Wednesday, Apr 15, 2020 - 06:14 PM (IST)

स्पोर्ट्स डेस्क : कोरोना वायरस के कारण पूरे देश में लाॅकडाउन है और सभी लोग घर में बैठे हैं। इस दौरान पूर्व क्रिकेटर और मौजदा एक्टर योगराज सिंह (Yograj Singh) ने पंजाब केसरी के साथ खास बातचीत की। सवाल-जवाब के दौरान योगराज ने पूर्व भारतीय ऑलराउंडर और बेटे युवराज सिंह (Yuvraj Singh) के बारे में बात करते हुए उनकी खास पारी के बारे में बताया और ये भी बताया कि ये पारी उनके लिए सबसे खास क्यों है। 

युवराज सिंह की पिता योगराज सिंह ने की तारीफ  

योगराज सिंह ने कहा कि जब तक आग ना लगी हो सीने में दर्द ना हो, ज्वालामुखी ना उबल रहा हो, तब तक कोई चीज होती नहीं है। ऑउट ऑफ द वे (लीक से हटकर) जाकर चीजें करनी पड़ती हैं।  युवराज को बनाने में खुदा का बहुत बड़ा हाथ है। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद नहीं थी कि वह इतना बड़ा प्लेयर बनेगा। उन्होंने कहा कि मैं उसका फैन भी हूं। अगर कोई शायद कविता लिख रहा है तो, युवराज से खेलते वक्त मैं समझता था कि जैसे खुदा कविता लिख रहा है। 

युवराज सिंह की सबसे खास पारी 

उन्होंने कहा केवल पिता ही नहीं बल्कि एक कोच के रूप में भी कि उसकी क्लास, उसका एरोगेंस, खेलने, चलने और फिल्डिंग के स्टाइल से मैं उसका बहुत बड़ा फैन हूं। मैच के दौरान 90 प्रतिशत इनिंग्स में उनसे हार से जीत दिलाई है। महेंद्र सिंह धोनी (पूर्व भारतीय कप्तान) के साथ बेहतरीन साझेदारियां की हैं। लेकिन मेरे ख्याल में एक इनिंग है बहुत कमाल की इनिंग खेली है जो ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ क्वाटर फाइनल में 50 किए थे। 

युवराज सिंह का अपने देश और टीम के लिए जज्बा

योगराज ने कहा, वह इनिंग इसलिए भी अहम है क्योंकि वह कैंसर से लड़ रहे थे। उसके मुंह से खून निलक रहा था, थकावट हो रही थी। उस वक्त मेरे दिल में ये ख्याल आता था कि कहीं कुछ हो ना जाए। मुझे लगता है कि उन चीजों से उभर कर, कैंसर होते हुए अपने देश और टीम के लिए खेला है, मैंने ऐसा जज्बा  किसी और खिलाड़ी में नहीं देखा। ये उसकी किसी भी इनिंग से बढ़कर है और मैं उसे सैल्यूट करता हूं। ऐसा बेटा घर-घर में पैदा हो, जिसे ये जरूरी हो कि मेरा देश, मेरे देशवासी जरूरी हैं। इसी चीज की मैं उसे दाद देता हूं। 

युवराज सिंह वर्ल्ड कप 2011

इस दौरान एक राज से पर्दा उठाते हुए योगराज ने कहा कि उसके मुंह से बार-बार खुन निकल रहा था तो मैंने उसे फोन करके कहा था कि मैच छोड़कर हम पहले डाॅक्टर को दिखा लेते हैं। उसने मुझे कहा कि पिता जी आप खुदा को बहुत मानते हो, बहुत पाठ-पूजा करते हो, अपने अपने खुदा से बात कहना मैं मर भी जाऊं लेकिन मेरे हाथ में वर्ल्ड कप हो अपने देश और देश वासियों के लिए। मैं समझूंगा कि आपकी तपस्या पूरी हो गई। 

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Sanjeev