हॉकी की 4 महिला खिलाड़ी जिनका संघर्ष सुन चौंक जाएंगे आप

punjabkesari.in Monday, Aug 02, 2021 - 09:18 PM (IST)

स्पोर्ट्स डेस्क : भारतीय महिला हॉकी टीम ने क्वार्टर फाइनल मैच में मजबूत माने जाने वाली टीम ऑस्ट्रेलिया को 1-0 से हरा दिया है। इस मैच में भारत के लिए गुरजीत कौर ने एक मात्र गोल करके भारतीय टीम को जीत दिलाई। भारतीय महिला टीम ने पहली बार ओलंपिक के सेमीफाइनल में जगह बनाई है। 

रानी रामपाल


 
भारतीय हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल के पिता गाड़ी चलाते थे और उनके लिए हॉकी स्टिक नहीं खरीद सकते थे। उसने टूटी टहनियों के साथ अभ्यास किया

दीप ग्रेस इक्का

जब दीप ग्रेस इक्का ने पहली बार हॉकी स्टिक उठाई तो उनके परिवार की पड़ोसियों और ग्रामीणों द्वारा एक 'लड़की' को घर के काम सीखने के बजाय हॉकी खेलने की अनुमति देने के लिए कड़ी आलोचना की गई। लेकिन उनके परिवार ने समाज की इन बातों पर ध्यान नहीं दिया। 

वंदना कटारिया

ओलंपिक से तीन महीने पहले वंदना कटारिया के पिता का निधन हो गया। वह प्रशिक्षण के कारण घर नहीं जा सकी। अपनी कई कठिनाइयों के बावजूद, वह ओलंपिक में हैट्रिक बनाने वाली पहली भारतीय महिला बनीं।

सलीमा टेटे

झारखंड के सिमडेगा की रहने वाली हैं, जहां उनके माता-पिता, भाई-बहन और गांव वाले गांव में मोबाइल कनेक्टिविटी और टीवी सेट की कमी के कारण भी उन्हें मैच में खेलते हुए नहीं देख पाए।
 

Content Writer

Raj chaurasiya